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विधानसभा चुनाव में मिली हार पर मंथन, पूर्व पार्षद बोले- सीएम हाउस में एंट्री बंद थी, पराशर, सैनी और भारद्वाज ने डूबो दिया - ETV Bharat Rajasthan Newsट

राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली. दिल्ली में इस हार पर मंथन के लिए बैठक का आयोजन किया गया. इसी क्रम में रविवार को जोधपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी में बैठक का आयोजन हुआ. इसमें कार्यकर्ताओं ने विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की.

Jodhpur Congress Meeting
Jodhpur Congress Meeting
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 10, 2023, 4:53 PM IST

Updated : Dec 10, 2023, 5:17 PM IST

विधानसभा चुनाव में मिली हार पर मंथन

जोधपुर. विधानसभा चुनाव में जोधपुर में कांग्रेस की बुरी पराजय पर रविवार को चर्चा करने के लिए जोधपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी में बैठक का आयोजन हुआ. इस हंगामेदार बैठक में कार्यकर्ताओं ने जमकर भड़ास निकाली. कार्यकर्ताओं ने कई उदाहरण भी दिए कि हम क्यों हारे. इनमें गत वर्ष हुई जालोरी गेट की घटना को बड़ा कारण बताया गया. सूरसागर क्षेत्र के पूर्व पार्षद राजेश बोराणा ने साफ शब्दों में कहा कि सीएम हाउस में हमारी एंट्री बंद थी हमारे, इसलिए काम नहीं हुए. सीएमओ में पुखराज पाराशर, देवाराम सैनी और महिपाल भारद्वाज जैसे लोग थे, जिन्होंने कांग्रेस को डुबो दिया. जो कार्यकर्ता हमारे पास आए उनका काम नहीं हुआ. राजा के पास आलोचक होना जरूरी होता है, जो कमियां बता सके. चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं की भावनाओं के अनुरूप टिकट देते तो जीत होती.

कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा : इसके अलावा नेताओं ने कार्यकर्ताओं को तवज्जों नहीं देने का भी मुद्दा उठाया. इस दौरान कार्यकर्ता आपस में उलझ गए. बैठक में कार्यकर्ताओं ने कहा कि मंडल स्तर पर कार्यकर्ता दूर क्यों हो गए? इस पर बात करनी जरूरी है. अंत में सभी ने अशोक गहलोत पर विश्वास जताने और लोकसभा चुनाव के लिए सबकुछ भूलाकर तैयारी करने की बात कही गई.

पढ़ें. दिल्ली में कांग्रेस की हार पर हुआ मंथन, रंधावा बोले- बेहतर रहा प्रदर्शन, आगे लोकसभा के लिए हैं तैयार

योगी सभा से जीत का अंतर कम हुआ : बैठक के बाद पूर्व विधायक मनीषा पंवार ने कहा कि हार में जालोरी गेट की घटना का बड़ा झूठ फैलाया गया, जबकि हमने पीड़ितों के घर जाकर मुआवजा दिया. हमारे विकास के काम को अनदेखा किया गया. जिलाध्यक्ष सलीम खान ने कहा कि ध्रुवीकरण के चलते हार की बात कही है. जोधपुर में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की सभा से सरदारपुरा में असर हुआ, जिससे अशोक गहलोत की जीत का अंतर कम हुआ.

बेनीवाल बोलीं विश्लेषण की जरूरत : राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि जोधपुर में जो हार हुई है, उसके लिए विश्लेषण की आवश्यकता है. नेता और कार्यकर्ता सिर्फ एक ही चीज मांगता है, वह है मान सम्मान. वह नहीं मिला. ऐसे में यह सोचने की आवश्यकता है कि हमारा कार्यकर्ता हमसे क्यों दूर हुआ? हम सब में कमियां रहीं हैं. इस पर विचार करना चाहिए, जिससे लोकसभा चुनाव में नुकसान नहीं हो.

पढ़ें. दिल्ली में बोले अशोक गहलोत- 'राजस्थान में BJP अब तक तय नहीं कर पाई CM, फिर अनुशासन की बात करना बेमानी'

प्रत्याशियों के चयन पर उठे सवाल : कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रत्याशी बदले जाते तो जोधपुर में हमारी सीटें नहीं घटती. कार्यकर्ताओं पर सवाल उठाना सबसे आसान है, लेकिन कार्यकर्ताओं को मान सम्मान नहीं हुआ. नेताओं ने उनकी बात नहीं सुनी. इसको लेकर कई बार बैठक में हंगामा भी हुआ. कल्पेश सिंघवी ने कहा कि अगर कोई कार्यकर्ता कार्यालय नहीं आया तो किसी ने पूछा क्यों नहीं? ऐसे में कार्यकर्ताओं को सशक्त करने की जरूरत है. पुरानी परंपरा से वापस काम करेंगे तो मजबूती आएगी.

पर्ची पर पार्टी के सिंबल ने पहुंचाया नुकसान : कार्यकर्ताओं ने कहा कि जोधपुर शहर विधानसभा में मतदाताओं को घर घर पर्ची दी गई उस पर पार्टी का सिंबल था, जबकि पहले कभी भी ऐसा नहीं हुआ. वहीं, एक बुजुर्ग कार्यकर्ता ने कहा कि गहलोत और पायलट के बीच झगड़ा जगजाहिर था, जो हार का एक बड़ा कारण रहा. इससे जनता में गलत संदेश गया. बैठक में जिलाध्यक्ष नरेश जोशी, सलीम खान, पूर्व विधायक मनीषा पंवार, महापौर कुंति देवड़ा, राजेंद्र सिंह सोलंकी सहित प्रमुख नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए.

विधानसभा चुनाव में मिली हार पर मंथन

जोधपुर. विधानसभा चुनाव में जोधपुर में कांग्रेस की बुरी पराजय पर रविवार को चर्चा करने के लिए जोधपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी में बैठक का आयोजन हुआ. इस हंगामेदार बैठक में कार्यकर्ताओं ने जमकर भड़ास निकाली. कार्यकर्ताओं ने कई उदाहरण भी दिए कि हम क्यों हारे. इनमें गत वर्ष हुई जालोरी गेट की घटना को बड़ा कारण बताया गया. सूरसागर क्षेत्र के पूर्व पार्षद राजेश बोराणा ने साफ शब्दों में कहा कि सीएम हाउस में हमारी एंट्री बंद थी हमारे, इसलिए काम नहीं हुए. सीएमओ में पुखराज पाराशर, देवाराम सैनी और महिपाल भारद्वाज जैसे लोग थे, जिन्होंने कांग्रेस को डुबो दिया. जो कार्यकर्ता हमारे पास आए उनका काम नहीं हुआ. राजा के पास आलोचक होना जरूरी होता है, जो कमियां बता सके. चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं की भावनाओं के अनुरूप टिकट देते तो जीत होती.

कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा : इसके अलावा नेताओं ने कार्यकर्ताओं को तवज्जों नहीं देने का भी मुद्दा उठाया. इस दौरान कार्यकर्ता आपस में उलझ गए. बैठक में कार्यकर्ताओं ने कहा कि मंडल स्तर पर कार्यकर्ता दूर क्यों हो गए? इस पर बात करनी जरूरी है. अंत में सभी ने अशोक गहलोत पर विश्वास जताने और लोकसभा चुनाव के लिए सबकुछ भूलाकर तैयारी करने की बात कही गई.

पढ़ें. दिल्ली में कांग्रेस की हार पर हुआ मंथन, रंधावा बोले- बेहतर रहा प्रदर्शन, आगे लोकसभा के लिए हैं तैयार

योगी सभा से जीत का अंतर कम हुआ : बैठक के बाद पूर्व विधायक मनीषा पंवार ने कहा कि हार में जालोरी गेट की घटना का बड़ा झूठ फैलाया गया, जबकि हमने पीड़ितों के घर जाकर मुआवजा दिया. हमारे विकास के काम को अनदेखा किया गया. जिलाध्यक्ष सलीम खान ने कहा कि ध्रुवीकरण के चलते हार की बात कही है. जोधपुर में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की सभा से सरदारपुरा में असर हुआ, जिससे अशोक गहलोत की जीत का अंतर कम हुआ.

बेनीवाल बोलीं विश्लेषण की जरूरत : राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि जोधपुर में जो हार हुई है, उसके लिए विश्लेषण की आवश्यकता है. नेता और कार्यकर्ता सिर्फ एक ही चीज मांगता है, वह है मान सम्मान. वह नहीं मिला. ऐसे में यह सोचने की आवश्यकता है कि हमारा कार्यकर्ता हमसे क्यों दूर हुआ? हम सब में कमियां रहीं हैं. इस पर विचार करना चाहिए, जिससे लोकसभा चुनाव में नुकसान नहीं हो.

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प्रत्याशियों के चयन पर उठे सवाल : कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रत्याशी बदले जाते तो जोधपुर में हमारी सीटें नहीं घटती. कार्यकर्ताओं पर सवाल उठाना सबसे आसान है, लेकिन कार्यकर्ताओं को मान सम्मान नहीं हुआ. नेताओं ने उनकी बात नहीं सुनी. इसको लेकर कई बार बैठक में हंगामा भी हुआ. कल्पेश सिंघवी ने कहा कि अगर कोई कार्यकर्ता कार्यालय नहीं आया तो किसी ने पूछा क्यों नहीं? ऐसे में कार्यकर्ताओं को सशक्त करने की जरूरत है. पुरानी परंपरा से वापस काम करेंगे तो मजबूती आएगी.

पर्ची पर पार्टी के सिंबल ने पहुंचाया नुकसान : कार्यकर्ताओं ने कहा कि जोधपुर शहर विधानसभा में मतदाताओं को घर घर पर्ची दी गई उस पर पार्टी का सिंबल था, जबकि पहले कभी भी ऐसा नहीं हुआ. वहीं, एक बुजुर्ग कार्यकर्ता ने कहा कि गहलोत और पायलट के बीच झगड़ा जगजाहिर था, जो हार का एक बड़ा कारण रहा. इससे जनता में गलत संदेश गया. बैठक में जिलाध्यक्ष नरेश जोशी, सलीम खान, पूर्व विधायक मनीषा पंवार, महापौर कुंति देवड़ा, राजेंद्र सिंह सोलंकी सहित प्रमुख नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए.

Last Updated : Dec 10, 2023, 5:17 PM IST
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