शेरगढ़ (जोधपुर). जिले में भारत माला परियोजना के अंतर्गत इकॉनोमिक कॉरिडोर अमृतसर–कांडला परियोजना के निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग 754 के तहत बालेसर क्षेत्र आता है. जिसमें लगभग दर्जन भर गांवों में फोरलेन मय पेव्ड शोल्डर का कार्य चल रहा हैं. जिसका ठेका एनकेसी कंपनी को दिया हुआ हैं. इस राजमार्ग के निमार्ण में रेत का अवैध खनन और कृषि सिंचाई के लिए घरेलू नलकूपों से पानी के लिए किसानों से अवैध समझौते कर पानी का व्यवसायिक उपयोग कर रहे है.
बालू रेत का अवैध खनन
कार्यकारी फर्म एनकेसी द्वारा रेत के टीलों को बिना खनन विभाग की अनुमती के दोहन कर रहे है. सड़क निमार्ण में रेत की आपूर्ति करने के लिए खनन विभाग से शोर्ट टाइम परमिट लेने के लिए खनन विभाग में एसटीपी के लिए आवेदन करना होता. इसके बाद खनन विभाग जांच करने के बाद शार्ट टाइम परमिट जारी करता हैं. खनन विभाग की अनुमती के बिना खनन करने से खनन विभाग को होने वाले राजस्व प्राप्ती से भी सरकार को नुकसान होता है.
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कृषि कनेक्शन का व्यवसायिक उपयोग
बालेसर तहसील क्षेत्र के जिन गांवो में यह कार्य चल रहा है, वहां पर विद्युत विभाग के अनुसार डार्क जोन हैं. मगर उक्त ठेकेदार ने पानी की व्यवस्था करने के लिए आस पड़ोस में चल रहे सिंचाई नलकूपों के मालिक से अवैध समझौता करके पानी का औद्योगिक उपयोग कर रहे हैं. जिससे भूजल स्तर भी गिर रहा है. वहीं कृषि कनेक्शन के व्यवसायिक उपयोग से सरकार को भी नुकसान पहुंच रहा हैं.