जोधपुर. राजस्थान में नई सरकार का गठन होने जा रहा है. राज्य की जनता ने भाजपा को पूर्ण बहुमत दिया है, लेकिन अभी भी सीएम की घोषणा होनी बाकी है. हालांकि, मुख्यमंत्री की दौड़ में यूं तो कई नाम हैं, लेकिन दो बड़े नाम जो मारवाड़ खासकर जोधपुर से ताल्लुक रखते हैं. इसमें एक नाम केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का है और दूसरा नाम केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का है. अगर इनमें से किसी को मौका मिलता है तो वो मारवाड़ से संबंध रखने वाले व पांचवें ऐसे शख्स होंगे, जो मुख्यमंत्री बनेंगे. इससे पहले जय नारायण व्यास, बरकतुल्लाह खान, भैरोंसिंह शेखावत और अशोक गहलोत सीएम बने हैं.
ये दोनों नेता दो बड़े वर्ग से आते हैं : शेखावत दो बार जोधपुर से सांसद बनाकर केंद्र में मंत्री हैं तो अश्वनी वैष्णव मूल रूप से पाली के रहने वाले हैं और उन्हें ओडिशा से राज्यसभा भेजा गया. वैष्णव के पास केंद्र सरकार में रेल और आईटी जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय हैं. दोनों मंत्री पीएम मोदी की पसंद भी हैं. शेखावत राजपूत है, जो भाजपा का कोर वोटर वर्ग है तो वैष्णव मूल रूप से ओबीसी वर्ग से आते हैं, जो सबसे बड़ा भाजपा का वोट बैंक है. इसको लेकर भाजपा नेतृत्व काफी गंभीर भी है. वहीं, सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि पीएम मोदी वैष्णव को प्रदेश की कमान सौंप सभी को चौंका सकते हैं, लेकिन विधायक दल की बैठक से पहले कुछ भी कहना जरा जल्दबाजी हो सकती है.
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अशोक गहलोत बने तीन बार सीएम : निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सबसे पहले 1998 में सीएम बने थे. उसके बाद 2008 और फिर 2018 में तीसरी बार सीएम बने. वहीं, सभी विपरीत परिस्थितियों के बाद भी उन्होंने अपने सभी कार्यकाल को पूरा किया. गहलोत ने मारवाड़ के सीएम के रूप में अपने क्षेत्र को पहचान दिलवाई. यहां विकास करवाया.
पाली के बाली से चुनाव जीत शेखावत बने सीएम : राजस्थान की राजनीति के चाणक्य पूर्व उपराष्ट्रपति भेरोंसिंह शेखावत तीन बार सीएम रहे. वो भले ही शेखावाटी के थे, लेकिन 1993 और 1998 का चुनाव उन्होंने पाली के बाली से लड़ा था. इसके बाद 1993 में वो सीएम बने. सबसे पहले वे 1977 में आपातकाल हटने के बाद 22 जून, 1977 से 15 फरवरी, 1980 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री बने. दूसरी बार 4 मार्च, 1990 से 15 दिसंबर 1992 तक सीएम रहे. उसके बाद 6 दिसंबर की घटना के बाद उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया गया. वहीं, तीसरी बार 1993 में मुख्यमंत्री बने और अपना कार्यकाल पूरा किए.
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जयनारायण व्यास दो बार बने सीएम : स्वतंत्रता सेनानी जयनारायण व्यास, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए कई क्रांतिकारी अभियानों में भाग लिया. वो जोधपुर के ही रहने वाले थे और दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे. व्यास पहली बार 1951 में सीएम बने. उसके बाद दूसरी बार वो 1952 में मुख्यमंत्री बनाए गए, लेकिन वे जोधपुर से चुनाव नहीं जीते थे, बल्कि किशनगढ़ से चुनाव जीते थे.
सुखाड़िया को हटाकर खान को बनाया सीएम : 9 जुलाई, 1971 को इंदिरा गांधी ने मोहनलाल सुखाड़िया को हटाकर बरकतुल्लाह खान को सीएम बनाया. बरकतुल्लाह खान प्यारे मियां के नाम से मशहूर थे. उन्हें दिल्ली से बुलाकर राजस्थान की कमान सौंपी गई थी. हालांकि, तब खान जोधपुर विधानसभा से विधायक थे. वे काफी सख्त प्रसाशक माने जाते थे. साल 1972 के चुनाव में वे तिजारा से चुनाव जीते और फिर सीएम बने. दुर्भाग्य से 11 अक्टूबर, 1973 को उन्हें जयपुर में हार्ट अटैक आ गया और 53 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई थी.