जोधपुर. प्रदेश में बेहतर चिकित्सा सुविधाओं को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने न्यायमित्र के सुझाव पर जवाब पेश करने के लिए कहा है. वरिष्ठ न्यायाधीश विजय विश्नोई और न्यायाधीश फरजंद अली की खंडपीठ के समक्ष विधायक संयम लोढा व स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. सरकार की ओर से एएजी पंकज शर्मा ने कहा कि राज्य के अस्पतालों, डॉक्टरों और नर्सो के पदों को भरने की लिए पहले से कदम उठाए गए हैं.
नर्सों के बुनियादी ढांचे में सुधार किया किया गया है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से भर्ती प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी है जो जल्द ही पूरी कर ली जाएगी. न्यायमित्र कुलदीप वैष्णव ने कोर्ट को बताया कि जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल व पावटा अस्पताल के हालात से अवगत करवाया जो समाचार पत्रों में प्रकाशित हो रखा है. जयपुर के जेके लोन अस्पताल में बच्चों के इलाज के लिए कोई सुविधा नहीं होने (HighCourt on chc phc facilities) को लेकर भी कहा.
पढ़ें. बर्खास्त तीन पार्षदों के वार्ड में चुनाव पर हाईकोर्ट की अंतरिम रोक
न्यायमित्र ने वैष्णव ने अपनी ओर से सबमिशन दिया कि अगर पीएचसी व सीएचसी पर मौसमी बीमारियों के लिए टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध होगी तो आमजन को जिला अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा और उन पर डेंगू व मलेरिया जैसी बीमारी के मरीजों का दबाव कम पड़ेगा. कोर्ट ने एएजी शर्मा को 05 दिसम्बर को जवाब पेश करने के लिए कहा है.