जोधपुर. एक युवती की ओर से तथाकथित दुष्कर्म का झूठा (false case of rape) केस दर्ज कराने पर राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने उसके प्रति कड़ा रुख अपनाते हुए युवती की ओर से दर्ज एफआईआर पर कार्रवाई करने पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं. मामले में युवती ने प्रार्थी के खिलाफ शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था.
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रवि भंसाली एवं अधिवक्ता मोहित सिंघवी ने कहा कि प्रथमदृष्टयाः युवती की ओर से प्रार्थी को सामाजिक व मानसिक चोट पहुंचाने के तहत झूठा कानूनी मुकदमा दर्ज कराया गया है. ऐसे में प्रार्थी को बतौर आरोपी न्यायिक हिरासत एवं पुछताछ के लिए तलब करना न्यायसंगत नहीं है. इस पर जस्टिस दिनेश मेहता ने युवती की ओर से दर्ज प्राथमिकी पर कार्रवाई करने पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं. शिकायतकर्त्ता युवती की प्रार्थी के साथ पूर्व में सगाई की रस्म करने के बाद सगाई तोड़ने एवं माफी मांगने पर प्रार्थी एवं उसके परिवार ने उदारता दिखाते हुए पुनः सगाई कर शादी की तैयारियां की.
लेकिन अतिंम समय पर शिकायतकर्त्ता युवती के घरवालों की ओर से शादी की तारीख बदलने का दबाव बनाने पर प्रार्थी और उसके के परिवार की ओर से शादी की सम्पूर्ण तैयारियों के बावजूद तारीख बदली गई एवं विवाह की तारीख 1 जुलाई के स्थान पर 18 जुलाई 2021 रखी गई. इसके बाद प्रार्थी एवं शिकायतकर्त्ता युवती के शादी के कार्ड रिश्तेदारों में बंट गए और समस्त तैयारियां भी कर ली गई. लेकिन शिकायतकर्त्ता युवती एवं उसके घरवालों की ओर से पीठ दर्द के बहाने शादी से दो दिन पहले शादी करने से इनकार कर दिया गया.
इस पर प्रार्थी एवं उसके परिवार की ओर से लाख मिन्नते करने, समझाने पर भी नहीं माने एवं उनसे सम्पर्क तोड़ दिया. आठ माह तक शिकायतकर्त्ता युवती की ओर से प्रार्थी से किसी भी प्रकार का कोई सम्पर्क न रखने पर प्रार्थी ने दूसरी जगह शादी करने का फैसला लिया. इस पर शिकायतकर्त्ता युवती ने प्रार्थी को धमकाते हुए कहा कि 'अगर तुमने किसी ओर से शादी करने का सोचा तो मैं तुम्हारे खिलाफ रेप का झुठा मामला दर्ज करा दूंगी'. इस पर प्रार्थी ने युवती के खिलाफ इस तरह धमकाने एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित करने पर गत 29 मार्च को सरदारपुरा थाना में शिकायत दर्ज करवाई गई थी.