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राजस्थान में नवजात बच्चों की मौत पर चिंतित हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिए निर्देश, मांगी रिपोर्ट

राजस्थान के जिलों में हो रही बच्चों की मौंत के मामले में स्व-प्रेरणा प्रसंज्ञान से दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की गई. जिसमें हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्यसरकार को 3 तरह के जरूरी निर्देश देते हुए मामले में जवाब मांगा है. वहीं, इस मामले में आगे की सुनवाई 10 फरवरी को होगी.

जोधपुर की खबर, High Court CJ Indrajit Mahanti
हाईकोर्ट ने बच्चों की मौत पर मांगी रिपोर्ट
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Published : Jan 7, 2020, 5:37 PM IST

जोधपुर. राजस्थान के कई जिलों के सरकारी अस्पतालों में नवजात बच्चों की मौत के मामले में स्व-प्रेरणा प्रसंज्ञान से दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की गई. इस दौरान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने बच्चों की मौत पर गहरी चिंता जताते हुए बच्चों की मौत पर राज्य सरकार को 3 तरह के महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए मामले में जवाब मांगा है. बता दें कि इस मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी.

हाईकोर्ट ने बच्चों की मौत पर मांगी रिपोर्ट

पढ़ें- जोधपुरः लूणी कस्बे के आसपास दर्जन भर गांवों में टीड्डी दल ने दी दस्तक

मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट सीजे इंद्रजीत महांति और जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी की खण्डपीठ ने राज्य में कितने बच्चों की मौत हुई है? किन कारणों से मौत हुई है? जिला असप्तालों में कम्प्यूटर से रजिस्ट्रेशन होता है या नहीं, नहीं होता है तो लागू करे. इसकी खण्डपीठ ने रिपोर्ट तलब की है.

न्यायमित्र कुलदीप वैष्णव और राजेन्द्र सारस्वत ने बांसवाड़ा में हुई मौतों के मामले में चल रही याचिका में अलग प्राथर्ना पत्र दयार कर खण्डपीठ से प्रदेश में हो रही बच्चों की मौतों के आंकड़े पर प्रसंज्ञान लेकर निर्देश जारी करने का प्राथर्ना पत्र लगाया था. जिस पर सुनवाई के दौरान खण्डपीठ ने कोटा में115 बच्चों की मौत, जोधपुर 146 बच्चों की मौत, बूंदी सहित राज्य के सभी जिलों के नवजात की मौत किस कारण से हुई उसकी रिपोर्ट 10 फरवरी को पेश करने के आदेश दिए हैं.

हाईकोर्ट के सीजे इंद्रजीत महांति और जस्टिस पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की खण्डपीठ में सुनवाई हुई. खंडपीठ ने प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों को कंप्यूटरीकृत कर ऑनलाइन करने के निर्देश जारी किए. ताकि मरीज जब अस्पताल आता है तब से उसका रिकॉर्ड मेंटेन हो सके और सही आंकड़े मिल सके.

पढ़ें- वेतन नहीं मिलने पर विश्वविद्यालय के कर्मचारी बैठे दो दिवसीय धरने पर, उग्र आंदोलन की चेतावनी

इसके अलावा न्याय मित्र राजेंद्र सारस्वत और कुलदीप वैष्णव सहित अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा को निर्देशित किया कि वे प्रदेश की किन्हीं दो अस्पतालों में औचक निरीक्षण कर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें. अब इस मामले में आगामी 10 फरवरी को फिर सुनवाई होगी.

जोधपुर. राजस्थान के कई जिलों के सरकारी अस्पतालों में नवजात बच्चों की मौत के मामले में स्व-प्रेरणा प्रसंज्ञान से दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की गई. इस दौरान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने बच्चों की मौत पर गहरी चिंता जताते हुए बच्चों की मौत पर राज्य सरकार को 3 तरह के महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए मामले में जवाब मांगा है. बता दें कि इस मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी.

हाईकोर्ट ने बच्चों की मौत पर मांगी रिपोर्ट

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मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट सीजे इंद्रजीत महांति और जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी की खण्डपीठ ने राज्य में कितने बच्चों की मौत हुई है? किन कारणों से मौत हुई है? जिला असप्तालों में कम्प्यूटर से रजिस्ट्रेशन होता है या नहीं, नहीं होता है तो लागू करे. इसकी खण्डपीठ ने रिपोर्ट तलब की है.

न्यायमित्र कुलदीप वैष्णव और राजेन्द्र सारस्वत ने बांसवाड़ा में हुई मौतों के मामले में चल रही याचिका में अलग प्राथर्ना पत्र दयार कर खण्डपीठ से प्रदेश में हो रही बच्चों की मौतों के आंकड़े पर प्रसंज्ञान लेकर निर्देश जारी करने का प्राथर्ना पत्र लगाया था. जिस पर सुनवाई के दौरान खण्डपीठ ने कोटा में115 बच्चों की मौत, जोधपुर 146 बच्चों की मौत, बूंदी सहित राज्य के सभी जिलों के नवजात की मौत किस कारण से हुई उसकी रिपोर्ट 10 फरवरी को पेश करने के आदेश दिए हैं.

हाईकोर्ट के सीजे इंद्रजीत महांति और जस्टिस पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की खण्डपीठ में सुनवाई हुई. खंडपीठ ने प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों को कंप्यूटरीकृत कर ऑनलाइन करने के निर्देश जारी किए. ताकि मरीज जब अस्पताल आता है तब से उसका रिकॉर्ड मेंटेन हो सके और सही आंकड़े मिल सके.

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इसके अलावा न्याय मित्र राजेंद्र सारस्वत और कुलदीप वैष्णव सहित अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा को निर्देशित किया कि वे प्रदेश की किन्हीं दो अस्पतालों में औचक निरीक्षण कर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें. अब इस मामले में आगामी 10 फरवरी को फिर सुनवाई होगी.

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राजस्थान में नवजात बच्चों की मौत पर चिंतित।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए मांगी रिपोर्ट।
जोधपुर।
जोधपुर।
राजस्थान के कई जिलों से सरकारी अस्पतालों में नवजात बच्चों की मौत के मामले में स्व-प्रेरणा प्रसंज्ञान से दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए, हाईकोर्ट की खंडपीठ ने बच्चों की मौत गहरी पर चिंता जताते हुए बच्चों की मौत पर राज्य सरकार को 3 तरह के महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए मामले जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी।
मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट सीजे इंद्रजीत महांति व जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी की खण्डपीठ ने राज्य में कितने बच्चों की मौत हुई है ? किन कारणों से मौत हुई है ? जिला असप्तालों में कम्प्यूटर से रजिस्ट्रेशन होता है या नही, नही तो लागू करे। इसकी खण्डपीठ ने रिपोर्ट तलब की है।
न्यायमित्र कुलदीप वैष्णव व राजेन्द्र सारस्वत ने बांसवाड़ा में हुई मौतों के मामले में चल रही याचिका में अलग प्राथर्ना पत्र दयार कर खण्डपीठ
से प्रदेश में हो रही बच्चों की मौतों के आंकड़े पर प्रसंज्ञान लेकर निर्देश जारी करने का प्राथर्ना पत्र लगाया था जिस पर सुनवाई के दौरान खण्डपीठ
ने कोटा 115 बच्चो की मौत जोधपुर 146 बच्चो की मौत बूंदी सहित राज्य के सभी जिलों के नवजात की मौत किस कारण से हुई उसकी की रिपोर्ट 10 फरवरी को पेश करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट के सीजे इंद्रजीत महांति व जस्टिस पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की खण्डपीठ में सुनवाई हुई। खंडपीठ ने प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों को कंप्यूटरीकृत कर ऑनलाइन करने के निर्देश जारी किए। ताकि मरीज जब अस्पताल आता है तब से उसका रिकॉर्ड मेंटेन हो सके और सही आंकड़े मिल सके। इसके अलावा न्याय मित्र राजेंद्र सारस्वत व कुलदीप वैष्णव सहित अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा को निर्देशित किया कि वे प्रदेश की किन्हीं दो अस्पतालों में औचक निरीक्षण कर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। अब इस मामले में आगामी 10 फरवरी को फिर सुनवाई होगी।
बाईट-राजवेंद्र सारस्वत ( न्यायमित्र )
Conclusion:
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