जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने रोहट जालोर राज्य मार्ग को जनवरी 2024 तक पूरी तरह से तैयार करने के आश्वासन पर याचिका को निस्तारित करते हुए कहा कि जब तक मार्ग दुरुस्त नहीं होगा, टोल वसूली नहीं करेंगे. कोर्ट ने यह भी कहा कि तय समय में कार्य पूरा नहीं किया गया, तो याचिकाकर्ता कानून में उपलब्ध उपचार का लाभ लेने के लिए स्वतंत्र होगा. जस्टिस विजय विश्नोई व जस्टिस योगेन्द्र कुमार पुरोहित की खंडपीठ के समक्ष क्षतिग्रस्त रोहट जालोर मार्ग को लेकर जीप कार टैक्सी यूनियन की ओर से जनहित याचिका पेश की गई थी.
याचिकाकर्ता संघ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश जोश एवं उनकी सहयोगी कामिनी जोशी ने क्षतिग्रस्त मार्ग को लेकर पक्ष रखा था. जिसके बाद हाईकोर्ट ने टोल वसूली पर रोक लगा दी थी. पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से एएजी करणसिंह राजपुरोहित ने समय-समय पर विभाग का पक्ष रखते हुए आश्वासन भी दिए, लेकिन आज तक सड़क दुरुस्त नहीं हो सकी. कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी विभाग के साथ अन्य अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से तलब किया.
सुनवाई के दोरान वैभव गालरिया प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी विभाग राजस्थान सरकार व संजीव माथुर मुख्य अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग पीडब्ल्यूडी विभाग जयपुर मौजूद रहे. कोर्ट में पिछली सुनवाई पर मुख्य अभियंता ने बताया था कि अनुबंध की शर्तों के अनुसार सड़क का रखरखाव करने में विफल रहने पर निजी ठेकेदार के खिलाफ जोखिम व लागत की कारवाई शुरू कर दी है.
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प्रमुख सचिव गालरिया ने कोर्ट को बताया कि विचाराधीन सड़क को पूरी तरह से दुरुस्त करने के लिए जून 2023 में रखरखाव के लिए नई निविदा आमंत्रित की जाएगी और उसके बाद दिसम्बर 2023 या फिर जनवरी 2024 तक विचाराधीन सड़क कार्य पूरा हो जाएगा. प्रमुख सचिव गालरिया के आवश्वास को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने याचिका को निस्तारित कर दिया. कोर्ट ने निस्तारित करते हुए कहा कि यदि तय समय पर कार्य पूरा नहीं होगा, तो याचिकाकर्ता दुबारा कानून सम्मत उपचार के लिए स्वतंत्र रहेगा. वहीं सड़क के दुरुस्त नहीं होने तक सड़क पर टोल वसूल नहीं किया जाएगा.