जोधपुर. शहर के आरटीओ रेल फाटक पर बने प्रदेश के पहले एच शेप रेल ओवर ब्रिज का नाम पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत के नाम पर ही रखा जाएगा. जिसका सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लोकार्पण करेंगे. इससे पहले रविवार को भाजपा नेता व जेडीए के पूर्व अध्यक्ष प्रो. महेंद्र सिंह राठौड़ ने आरोप लगाया था कि गहलोत सरकार इस ब्रिज का नाम बदलकर आरटीओ आरओबी कर रही है. इससे जनमानस की भावना आहत होगी. साथ ही भाजपा की ओर से आंदोलन की चेतावनी दी गई थी.
इधर, जेडीए के पूर्व अध्यक्ष प्रो. महेंद्र सिंह राठौड़ के ऐलान के बाद शाम को कांग्रेस खेमे में सक्रियता बढ़ी. इसके बाद जेडीए के पूर्व अध्यक्ष व राज्य पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सोलंकी ने सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्थिति को साफ किया. उन्होंने कहा कि ब्रिज का नाम शेरे राजस्थान भैरोंसिंह शेखावत ही रहेगा. इसका प्रस्ताव जेडीए की कार्य समिति में लिया जा चुका है. हम नाम नहीं बदल रहे हैं.
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उन्होंने आगे कहा कि नाम बदलने और काम रोकने का कार्य भाजपा करती है. केवल कुछ जगहों पर आरटीओ आरओबी नाम आने से यह स्थिति हुई है, लेकिन शिलापट्ट पर भैरोंसिंह शेखावत नाम ही अंकित होगा. दरअसल, लोकार्पण से पहले ब्रिज के नाम को लेकर विवाद की स्थिति बन गई. मुख्यमंत्री के अधिकारिक कार्यक्रम में ब्रिज को आरटीओ आरओबी के नाम से संबोधित किया, जिसका जोधपुर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष प्रो. महेंद्र सिंह राठौड़ ने विरोध किया.
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राठौड़ ने कहा कि ब्रिज का नाम पहले से ही शेरे राजस्थान भैरोंसिंह शेखावत के नाम पर रखने की बात तय है. साथ ही इसका निर्णय जेडीए की कार्य समिति में भी लिया जा चुका है और इसके दस्तावेज भी मौजूद हैं. ऐसे में अगर नाम परिवर्तित किया गया तो इसके विरोध में प्रदेश भर में बढ़े स्तर पर आंदोलन किए जाएंगे. इधर, विरोध प्रदर्शन व आंदोलन की चेतावनी के बाद देर शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस की ओर से साफ किया गया कि ब्रिज का नाम नहीं बदला जाएगा.