जोधपुर. शहर के एक युवक के साथ फेसबुक पर मित्रता कर एक महिला की ओर से 7 लाख 14 हजार रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया (Woman imposter fraud with youth in Jodhpur) है. इसको लेकर युवक ने भगत की कोठी थाना में मामला दर्ज करवाया है.
पुलिस ने बताया कि भगत की कोठी थाना क्षेत्र रामदेव जी का चौक निवासी सूरज प्रकाश गुर्जर की फेसबुक पर लंदन निवासी विक्टोरिया ऑस्टिन नामक महिला से मित्रता हुई थी. दोनों में बातचीत भी होती थी. 13 नवंबर को विक्टोरिया ने युवक को उसके भारत आने की जानकार दी थी. उसने सूरज को लंदन से दिल्ली आने का एक टिकट भी व्हाट्सएप किया. जिससे उसे यकीन हो जाए.
फिर शुरू हुआ ठगी का खेल: 14 नवंबर को सूरज के पास किसी अज्ञात महिला का कॉल आया कि उनकी महिला मित्र जो लंदन से आई है, वह किसी मुसीबत में है. उसे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रोक लिया गया है. सूरज ने पूछा क्या हुआ उसने बताया कि विक्टोरिया अपने साथ 5 करोड़ भारतीय रुपए के बराबर के पाउंड का डिमांड ड्राफ्ट लेकर आई है. इसलिए उसे रोक दिया है. यहां से निकलने के लिए उसे कुछ सर्टिफिकेट बनाने हैं. इसके लिए उसे 45500 रुपए की आवश्यकता है.
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इसके लिए विक्टोरिया ने मदद मांगी है. जिस पर सूरज ने यह राशि महिला के दिए हुए खाता नंबर पर ट्रांसफर कर दी. कुछ देर बाद फिर फोन आया और कहा कि ड्रग सर्टिफिकेट बनाना होगा. इसके लिए 1 लाख 90 हजार रुपए की आवश्यकता है. सूरज ने यह राशि भी दो टुकड़ों में जमा करा दी. फिर उसे कहा गया कि 15 नवंबर को विक्टोरिया को जोधपुर रवाना कर दिया जाएगा.
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खाते कर दिए साफ: 15 नवंबर को सूरज के पास फोन आया कि विक्टोरिया जो डिमांड ड्राफ्ट लाई है, उसे भारतीय मुद्रा में बदलवाने के लिए जाना है. यह राशि किसी भारतीय खाते में जमा होगी. आपको भारतीय खाते बताने होंगे. इस पर सूरज ने अपना और अपनी पत्नी के खाते की जानकारी दे दी. इसके पश्चात उसे अज्ञात बैंक मैनेजर से बात करवाई गई की 5 करोड़ के लिए 4 लाख 79 हजार पहले जमा करवाने होंगे. सूरज ने यह राशि यस बैंक और कैनारा बैंक में कालू सिंह और राधिका मौर्य नाम की महिला के खाते में जमा करवा दिए.
फिर मांगे 19 लाख, तब आया होश: 4 लाख 79 हजार जमा करवाने ने बाद फिर सूरज के पास कॉल आया कि राशि ट्रांसफर नहीं हो रही है. इसके लिए लंदन कोर्ट का ऑनलाइन आर्डर देना पड़ेगा, नहीं तो राशि ब्लैक मनी मानी जाएगी. इसके लिए सूरज से 19 लाख 81 हजार रुपए की डिमांड की गई. जिसके पश्चात उसे शक हुआ तो उसने यह बात अपने कुछ दोस्तों को बताई. उन्होंने जोधपुर एयरपोर्ट पर फोन किया तो पता चला कि ऐसा कुछ नहीं है. इसके बाद थाने पहुंचा और पुलिस को रिपोर्ट दी. जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है.
पुलिस के पास अब सिर्फ बैंक खाता नंबर ही साक्ष्य: इस पूरे मामले में पुलिस के पास ठगों तक पहुंचने के लिए सूरज द्वारा जिन बैंक खातों में राशि जमा करवाई है, वही एक मात्र साक्ष्य हैं. जिसके आधार पर ही पूरी जांच होगी. जिस मोबाइल नंबर से बात की गई, वो सभी बंद हो गए हैं. पुलिस पूरे घटनाक्रम का तकनीकी विश्लेषण कर रही है, जिससे कि ठगों तक पहुंचा जा सके.