जोधपुर. जोधपुर एम्स के डॉक्टर्स ने पहली बार हृदय की प्रमुख धमनी एरोटिक का सफलता पूर्वक (operation of major artery of heart) ऑपरेशन किया है. इससे एक युवक को नई जिंदगी मिली है. एम्स के कार्डियक सर्जरी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ आलोक शर्मा ने बताया कि एक 34 वर्षीय युवक की धमनी में परेशानी हुई थी. उसका उपचार करने वाले कार्डियोलोजिस्ट अभिषेक सक्सेना ने उसकी स्थिति देखते हुए ईको करवाया. इसमें एरोटिक डिसेक्शन का पता लगाया और उसे एम्स की इरमजेंसी में भेज दिया.
एम्स में (Jodhpur AIIMS) भी सीटी स्कैन में यही परेशानी सामने आई. इसके बाद तुरंत ऑपरेशन का निर्णय लिया गया. कार्डियक सर्जरी की टीम ने दस घंटे की अथक मेहनत से मरीज की प्रमुख धमनी की सर्जरी कर उसे दुरुस्त किया. इसके बाद मरीज को राहत मिली है. कार्डियक सर्जरी विभाग की टीम की सफलता पर एम्स के निदेशक डॉ. सीडीएस कटौच ने उन्हें बधाई दी है. उन्होंने अब यह उपचार नियमित उपलब्ध होने की बात कही है. 34 वर्षीय युवक का उपचार मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के तहत पूरी तरह से निशुल्क किया गया है.
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यह समस्या आमतौर पर 20 से 40 वर्ष की आयु वाले ऐसे लोगों को होती है जिनके हृदय की प्रमुख धमनी की परतें कमजोर होती हैं. ऐसी स्थिति में धमनी अंदर से फट जाती है और एक विच्छेदन विकसित हो जाता है. इस कारण शरीर के महत्वपूर्ण अंग जैसे हृदय, मस्तिष्क, यकृत, गुर्दा और आंतें काम करना बंद कर देती हैं. ऐसे मामलों में लगभग 33 प्रतिशत रोगियों की मृत्यु होती है. पहले 24 घंटे और 48 घंटों के बीच इस दर का 50 फीसदी कम किया जा सकता है. इस परेशानी में हार्ट में दर्द के साथ कुछ देर में पीठ में भी दर्द शुरू होना प्रमुख लक्षण होता है. अब तक राजस्थान में यह ऑपरेशन सिर्फ जयपुर और उदयपुर में ही किया जाता था, लेकिन अब जोधपुर एम्स में भी यह सुविधा मिलेगी.