लूणी (जोधपुर). जहां एक ओर प्रदेश में कोरोना की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है वहीं दूसरी ओर अनलॉक के दौरान नवसृजित पंचायत समिति धवा में बिजली बिल को लेकर किसान को कई सारी परेशानियों से जुझना पड़ रहा है. ऐसा ही एक मामला धवा गांव के निकट राजेश्वर नगर में सामने आई है.
दरअसल, बिजली विभाग की लापरवाही के चलते करीब 6 महीने से किसानों के बिल पहले से ज्यादा बढ़ कर आ रहे हैं. जिसके चलते किसानों को परेशान होकर बार-बार बिजली विभाग के चक्कर काटने पड़ रहे है. फिर भी आज तक इसका कोई समाधान नहीं निकला.
क्या है मामला...
बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा किसान रामाराम को 42 हजार का बिजली बिल पकड़ा दिया गया. इसके बाद 14 फरवरी को उसका कनेक्शन काट दिया गया था. किसान की ओर से 19 फरवरी को बिल का भुगतान भी कर रसीद भी प्राप्त कर ली गई. उसके बावजूद भी बिजली विभाग के कर्मचारी अब वापस कनेक्शन जोड़ने के लिए आनाकानी कर रहे हैं. पीड़ित किसान की ओर से कई बार जेईन मोहित सोनी को बार-बार अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जा रही है.
इसके बाद पीड़ित ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि बिजली के बिल का भुगतान करने के बाद भी फिर से कनेक्शन नहीं जोड़ा जा रहा. इसके चलते उसे रोजाना बिजली विभाग के चक्कर लगाना पड़ता है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं की जाती.
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वहीं, पीड़ित किसान ने बताया कि घर के पास से ही जोजरी नदी का गंदा पानी बह रहा है. ऐसे में कई प्रकार की बीमारियां फैलने का खतरा मंडराता रहता है. जहां एक ओर सरकार की ओर से किसानों के बिल माफी के लिए वादे किए जा रहे हैं तो दूसरी ओर बिजली विभाग की इन लापरवाही के चलते उन्हें परेशान होना पड़ रहा है.
ग्रामीणों का कहना है कि नवसृजित पंचायत समिति बनने के बाद यहां मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. यहां न तो समय पर पानी आता है और न ही विभाग के समय पर यहां जायजा लेने आते है. जिससे आए दिन किसानों तो परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस समस्या का समाधान के लिए विधायक महेंद्र विश्नोई को भी बार-बार अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन कोई समाधान नहीं होता.