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जोधपुर के उम्मेद अस्पताल में बड़ी लापरवाही, बच्चों को चढ़ाया एक्सपायर ग्लूकोज

जोधपुर के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र उम्मेद अस्पताल में बच्चों को एक्सपायरी डेट का ग्लूकोस चढाने का मामला सामने आया है. जिसको लेकर आज जांच के आदेश दिए जा सकते हैं. हालांकि मामले में अभी तक विभाग की ओर से कोई भी अधिकारिक बयान नहीं आया है.

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एक्सपायर ग्लूकोज
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Published : Jul 6, 2020, 10:18 AM IST

जोधपुर. संभाग के सबसे बड़े अस्पताल मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र उम्मेद में बच्चों को एक्सपायर ग्लूकोस चढाने का मामला सामने आया है. जहां शिशु रोग विभाग की यूनिट 3 में भर्ती नागौर जिले के खोडवा गांव की 4 साल की कविता का उपचार चल रहा था.

एक्सपायर ग्लूकोज

परिजनों ने बताया कि उनकी बेटी कविता को शनिवार शाम को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था और रात 10 करीब बजे उसे एक ग्लूकोज चढ़ाया गया था. यह ग्लूकोज जून माह में ही एक्सपायर हो गया था. परीजनों ने बताया की कविता के साथ-साथ चार अन्य बच्चों को भी यह ग्लूकोस चढ़ाया गया है.

जानकारी के अनुसार सुबह डयूटी नर्स ने 3 खाली बोतल वहां से हटा लिया, लेकिन एक बोतल वहीं रह गई. जिसके चलते परिजनों को ग्लूकोज के एक्सपायर होने का पता चला. जिसके बाद परिजनों ने रविवार को इसको लेकर सम्बंधित मौजूद स्टाफ को जानकारी भी दी. लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. वहीं अस्पताल प्रबंधन ने अभी इस मामले पर अपनी आधिकारिक टिप्पणी जारी नही की है. बता दें की आज इस मामले को लेकर जांच के आदेश दिए जा सकते हैं.

ये पढ़ें- जोधपुर में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 3 हजार के पार, अब तक हुई 58 मौतें

परिजनों के अनुसार एक्सपायर हो चुकीं बोतलों को वार्ड से नहीं हटाया गया. जिसके चलते मौजूद नर्स स्टाफ ने बिना देखे ही बच्चों को ग्लूकोस चढ़ाना शुरू कर दिया. उन्होनें कहा की अगर समय रहते वार्ड इंचार्ज वार्ड से एक्सपायरी दवाइयां और ग्लूकोज हटा देता तो यह घटना नहीं होती. हालांकि जिन बच्चों को ग्लूकोज चढ़ाया गया है. उनके स्वास्थ्य पर किसी तरह का प्रतिकूल असर नजर नहीं दिखा है. एसा इसी लिए क्योंकि बोतलें सिर्फ 5 दिन पहले ही एक्सपायर हुई थीं.

जोधपुर. संभाग के सबसे बड़े अस्पताल मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र उम्मेद में बच्चों को एक्सपायर ग्लूकोस चढाने का मामला सामने आया है. जहां शिशु रोग विभाग की यूनिट 3 में भर्ती नागौर जिले के खोडवा गांव की 4 साल की कविता का उपचार चल रहा था.

एक्सपायर ग्लूकोज

परिजनों ने बताया कि उनकी बेटी कविता को शनिवार शाम को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था और रात 10 करीब बजे उसे एक ग्लूकोज चढ़ाया गया था. यह ग्लूकोज जून माह में ही एक्सपायर हो गया था. परीजनों ने बताया की कविता के साथ-साथ चार अन्य बच्चों को भी यह ग्लूकोस चढ़ाया गया है.

जानकारी के अनुसार सुबह डयूटी नर्स ने 3 खाली बोतल वहां से हटा लिया, लेकिन एक बोतल वहीं रह गई. जिसके चलते परिजनों को ग्लूकोज के एक्सपायर होने का पता चला. जिसके बाद परिजनों ने रविवार को इसको लेकर सम्बंधित मौजूद स्टाफ को जानकारी भी दी. लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. वहीं अस्पताल प्रबंधन ने अभी इस मामले पर अपनी आधिकारिक टिप्पणी जारी नही की है. बता दें की आज इस मामले को लेकर जांच के आदेश दिए जा सकते हैं.

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परिजनों के अनुसार एक्सपायर हो चुकीं बोतलों को वार्ड से नहीं हटाया गया. जिसके चलते मौजूद नर्स स्टाफ ने बिना देखे ही बच्चों को ग्लूकोस चढ़ाना शुरू कर दिया. उन्होनें कहा की अगर समय रहते वार्ड इंचार्ज वार्ड से एक्सपायरी दवाइयां और ग्लूकोज हटा देता तो यह घटना नहीं होती. हालांकि जिन बच्चों को ग्लूकोज चढ़ाया गया है. उनके स्वास्थ्य पर किसी तरह का प्रतिकूल असर नजर नहीं दिखा है. एसा इसी लिए क्योंकि बोतलें सिर्फ 5 दिन पहले ही एक्सपायर हुई थीं.

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