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जोधपुरः 'चुप्पी तोड़ो, हमसे कहो' विषय पर आयोजित हुई जिला स्तरीय कार्यशाला

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Published : Mar 14, 2020, 5:17 PM IST

Updated : Jun 28, 2022, 12:33 PM IST

जोधपुर के लूणी में राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं जिला बाल संरक्षण इकाई जोधपुर के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में बाल आयोग द्वारा राजस्थान के समस्त जिलों में बाल अपराधों की रोकथाम और आमजन में बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने हेतु उक्त कार्यशाला की जा रही है.

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जिला स्तरीय कार्यशाला

लूणी (जोधपुर). राजस्थान में बाल मित्र वातावरण की स्थापना बाल अपराधों की रोकथाम आमजन में बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने आर.टी.ई. प्रचार-प्रसार एवं शिक्षा से वंचित बच्चों को विद्यालय से जुड़वाने हेतु राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं जिला बाल संरक्षण इकाई जोधपुर के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन चौपासनी रोड पर आयोजित हुआ.

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राजस्थान उच्च न्यायालय न्यायाधिपति, श्री संदीप मेहता, विशिष्ट अतिथि राज्य बाल आयोग के अध्यक्ष संगीता बेनीवाल, जोधपुर पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट प्रफुल्ल कुमार मौजूद रहे. इस कार्यशाला में बाल आयोग द्वारा राजस्थान के समस्त जिलों में बाल अपराधों की रोकथाम और आमजन में बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने हेतु उक्त कार्यशाला आयोजित की जा रही है.

पढ़ेंः एयर अरेबिया की फ्लाइट से जयपुर आया कोरोना का संदिग्ध

जोधपुर में आयोजित कार्यशाला में बाल अधिकारों से जुड़े हुए विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों के साथ बाल सरंक्षण एवं हमारी भूमिका और विभिन्न विद्यालयों के 150 बच्चों के साथ 'चुप्पी तोड़ो, हमसे कहो ' बाल संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया. साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा कोरोना वायरस के माध्यम से बच्चों को हेल्थ के बारे में संवाद किया गया.

बाल संरक्षण आयोग संगीता बेनीवाल ने बताया कि राजस्थान राज्य बाल आयोग की संरक्षण आयोग द्वारा पूरे राजस्थान में बच्चों में जागरूकता लाने के लिए एक अलख जगा रही है. बच्चों को भी बताया कि शिक्षा का अधिकार क्या है. साथ ही बच्चे और बच्चियां जो गांव ढाणियों अवसरों में स्कूलों में जाती है, तो अक्सर बच्चियों के साथ माता-पिता समझाते हैं कि अजनबी से दूर रहना. कई बार ऐसा होता है कि बच्चों को पता नहीं होता है, कि उनके साथ गलत हुआ है. जिससे बच्चियां अपने माता-पिता को भी अपनी पीड़ा नहीं बता पाती है. उसके लिए बाल आयोग गांव, ढाणी तक पहुंच रही है लगातार आयोग द्वारा बच्चों के बीच जाकर लघु फिल्म के माध्यम से बताया जा रहा है, कि अगर उनके साथ कुछ बुरा हो या उनको शिक्षा से रोका जाए या उनका बाल विवाह हो रहा है तो वह इस तरह बात बता सकते हैं.

पढ़ेंः नगर निगम चुनाव : दो रिटर्निंग अधिकारी के साथ 21 RAS को बनाया सहायक रिटर्निग अधिकारी

साथ ही किस तरह से संवाद कर सकते हैं, चाहे वो किस तरह चाइल्ड हेल्प लाइन मदद ले सकता है. साथ ही किसी तरह वह आयोग में फोन के माध्यम से या मेल के माध्यम से या प्रत्येक सोमवार को राजस्थान राज्य बाल आयोग संरक्षण जनसुनवाई करता है. यूं तो प्रत्येक जिले में जाकर सुनवाई करते हैं परंतु आयोग में हर सोमवार को जनसुनवाई होती हैं.

साथ ही बताया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बच्चों के मामले में संवेदनशील है. 6 से 7 महीने से देख रहे है कि बाल आयोग किस तरह से कार्य कर रही है, किस तरह से पूरे राजस्थान में जागरूक अभियान चलाया जा रहा है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में 100 करोड़ का बजट बाल सरंक्षण में दिया है. यह देश का राजस्थान ऐसा पहला राज्य होगा जिससे जिसमें बच्चों के संरक्षण के लिए अलग-अलग के बजट दिया ताकि सभी विभाग बच्चों के हित में कार्य करें. इस कार्यशाला के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया है, इस कार्यशाला के दौरान विभिन्न विभागों के आला अधिकारी मौजूद रहे.

लूणी (जोधपुर). राजस्थान में बाल मित्र वातावरण की स्थापना बाल अपराधों की रोकथाम आमजन में बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने आर.टी.ई. प्रचार-प्रसार एवं शिक्षा से वंचित बच्चों को विद्यालय से जुड़वाने हेतु राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं जिला बाल संरक्षण इकाई जोधपुर के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन चौपासनी रोड पर आयोजित हुआ.

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राजस्थान उच्च न्यायालय न्यायाधिपति, श्री संदीप मेहता, विशिष्ट अतिथि राज्य बाल आयोग के अध्यक्ष संगीता बेनीवाल, जोधपुर पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट प्रफुल्ल कुमार मौजूद रहे. इस कार्यशाला में बाल आयोग द्वारा राजस्थान के समस्त जिलों में बाल अपराधों की रोकथाम और आमजन में बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने हेतु उक्त कार्यशाला आयोजित की जा रही है.

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जोधपुर में आयोजित कार्यशाला में बाल अधिकारों से जुड़े हुए विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों के साथ बाल सरंक्षण एवं हमारी भूमिका और विभिन्न विद्यालयों के 150 बच्चों के साथ 'चुप्पी तोड़ो, हमसे कहो ' बाल संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया. साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा कोरोना वायरस के माध्यम से बच्चों को हेल्थ के बारे में संवाद किया गया.

बाल संरक्षण आयोग संगीता बेनीवाल ने बताया कि राजस्थान राज्य बाल आयोग की संरक्षण आयोग द्वारा पूरे राजस्थान में बच्चों में जागरूकता लाने के लिए एक अलख जगा रही है. बच्चों को भी बताया कि शिक्षा का अधिकार क्या है. साथ ही बच्चे और बच्चियां जो गांव ढाणियों अवसरों में स्कूलों में जाती है, तो अक्सर बच्चियों के साथ माता-पिता समझाते हैं कि अजनबी से दूर रहना. कई बार ऐसा होता है कि बच्चों को पता नहीं होता है, कि उनके साथ गलत हुआ है. जिससे बच्चियां अपने माता-पिता को भी अपनी पीड़ा नहीं बता पाती है. उसके लिए बाल आयोग गांव, ढाणी तक पहुंच रही है लगातार आयोग द्वारा बच्चों के बीच जाकर लघु फिल्म के माध्यम से बताया जा रहा है, कि अगर उनके साथ कुछ बुरा हो या उनको शिक्षा से रोका जाए या उनका बाल विवाह हो रहा है तो वह इस तरह बात बता सकते हैं.

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साथ ही किस तरह से संवाद कर सकते हैं, चाहे वो किस तरह चाइल्ड हेल्प लाइन मदद ले सकता है. साथ ही किसी तरह वह आयोग में फोन के माध्यम से या मेल के माध्यम से या प्रत्येक सोमवार को राजस्थान राज्य बाल आयोग संरक्षण जनसुनवाई करता है. यूं तो प्रत्येक जिले में जाकर सुनवाई करते हैं परंतु आयोग में हर सोमवार को जनसुनवाई होती हैं.

साथ ही बताया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बच्चों के मामले में संवेदनशील है. 6 से 7 महीने से देख रहे है कि बाल आयोग किस तरह से कार्य कर रही है, किस तरह से पूरे राजस्थान में जागरूक अभियान चलाया जा रहा है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में 100 करोड़ का बजट बाल सरंक्षण में दिया है. यह देश का राजस्थान ऐसा पहला राज्य होगा जिससे जिसमें बच्चों के संरक्षण के लिए अलग-अलग के बजट दिया ताकि सभी विभाग बच्चों के हित में कार्य करें. इस कार्यशाला के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया है, इस कार्यशाला के दौरान विभिन्न विभागों के आला अधिकारी मौजूद रहे.

Last Updated : Jun 28, 2022, 12:33 PM IST
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