जोधपुर. करीब दस माह पुराने गाय के मालिकाना हक के विवाद पर अदालत का फैसला आ गया है. महानगर मजिस्ट्रेट संख्या तीन मदनलाल बालोटिया ने शनिवार को इस मामले में निर्णय देते हुए पुलिसकर्मी ओमप्रकाश विश्नोई को गाय को मालिक मानते हुए गौशाला से गाय सुपुर्द करने के आदेश दिए हैं. वहीं इस निर्णय के बाद मामले के दूसरे पक्षकार शिक्षक श्यामसिंह परिहार ने ऊपरी अदालत में दरवाजा खटखटाने की बात कही है.
दरअसल, शहर के मंडोर क्षेत्र निवासी शिक्षक श्यामसिंह ने अपनी गाय चोरी करने का आरोप अगस्त 2018 में पुलिसकर्मी ओमप्रकाश विश्नोई पर लगाया था. इसे लेकर एफआईआर भी दी गई थी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. इस पर श्यामसिंह परिहार ने अदालत में इस्तागासा दायर कर मामला दर्ज करवाया. जिस पर कई दिनों तक सुनवाई चली. इस दौरान गाय को भी कोर्ट में पेश किया गया. इतना ही नहीं कोर्ट के आदेश पर इस मामले में कमिश्नर भी नियुक्त किया गया.
गाय खुद किसके घर जाती है, यह देखने के लिए कमिश्नर के सामने गाय को दोनों परिवादियों के घर के पास छोड़ा गया, लेकिन गाय दोनों पक्षकारों के घर नहीं गई. इसके बाद गाय को पुन: गौशाला भेज दिया गया था. इस मामले के सभी गवाहों से बयान व मौजूदा साक्ष्य व परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए शनिवार को इस मामले में फैसला हुआ.
यूं लंबा हुआ मामला
मंडोर के नया बास इलाके में रहने वाले शिक्षक श्यामसिंह परिहार व पुलिस कांस्टेबल ओमप्रकाश विश्नोई के बीच अगस्त 2018 गाय के मालिकाना हक को लेकर विवाद शुरू हुआ था. परिहार की रिपोर्ट पर पुलिस कांस्टेबल विश्नोई के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया. बाद में कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज हुई, लेकिन इस मामले में पुलिस द्वारा एफआर लगाने पर कांस्टेबल ने निचली कोर्ट से गाय को उसे सौंपने का आग्रह किया. इस पर शिक्षक ने भी उसे गाय सुपुर्द करने के लिए आवेदन किया.
दोनों के आवेदन खारिज होने पर मामला जिला न्यायालय में पहुंचा. जिला न्यायालय ने महानगर मजिस्ट्रेट को खुद इस मामले की जांच करने के आदेश दिए थे. जिसके बाद कोर्ट में गाय-बछड़े को पेश किया गया था. कोर्ट कमिश्नर भी नियुक्त किया गया था. जिसकी रिपोर्ट अप्रैल में अदालत में पेश की गई थी.