जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि लोकतंत्र बनाए रखने के लिए न्यायपालिका का मजबूत होना जरूरी है. न्यायपालिका होगी, तो ही लोकतंत्र बचेगा और आज के समय में इसकी बहुत ज्यादा जरूरत है. न्यायपालिका मजबूत होगी तो ही लोकतंत्र बचेगा. सोमवार को जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट परिसर में बने महाधिवक्ता कार्यालय के शुभारंभ समारेाह को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में न्यायपालिका का महत्व है. इसके लिए सरकार और न्यायपालिका के बीच समन्वय होना बहुत जरूरी है.
गहलोत ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिटिकेशन पॉलिसी लागू करने के लिए आश्वस्त किया है. उन्होंने कहा कि हमने 200 नए न्यायालय खोले हैं और अपग्रेड किए हैं. सीएम ने कहा कि ज्यूडशरी में जजेज के स्थाली खाली रहने का मुदृा रहता है, लेकिन जब भी कॉलेजियम हमें नाम भेजता है, तो मेरे वक्त में कभी नाम खाली नहीं गए हैं.
पॉक्सो के लिए फास्ट ट्रैक: सीएम गहलोत ने कहा कि वित्त आयोग ने फास्ट ट्रैक की स्थापना के लिए 2005 में सिफारिश की थी. उसका बहुत अच्छा परिणाम मिला. लेकिन बाद में पता नहीं क्यों फास्ट ट्रैक बंद हो गए. मैं चाहूंगा कि मुख्य न्यायाधीश बैठे हुए हैं. सरकार और हाईकोर्ट मिलकर यह तय करते हैं फास्ट ट्रैक की जरूरत है, तो खुलने चाहिए. जिससे लोगों को त्वरित न्याय मिले. गहलोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि न्यायालयों में इतनी पेंडेसी होने के बावजूद क्या कारण है कि जजों की नियुक्तियां नहीं हो रही हैं. हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में अनेक स्थान खाली पड़े हैं. इस पर पर भी ध्यान जाना चाहिए.
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राजस्थान के सीजे सुप्रीम कोर्ट जाते हैं: गहलोत ने कहा कि राजस्थान एक ऐसी जगह हैं यहां जो मुख्य न्यायाधीश बनते हैं, वे सुप्रीम कोर्ट जाते हैं. गहलोत ने मंचासीन राजस्थान के मुख्यायाधीश आग्सिटन जार्ज मसीह से मुखातिब होकर कहा कि मुझे यह नहीं पता है, आप कब बनेंगे. एक मौका था जब जोधपुर के तीन-तीन जज वहां होते थे. गर्व की बात है कि आरएल लोढ़ा साहब चीफ जस्टिस बने थे. सभी का संबंध मेरे विधानसभा क्षेत्र से रहा है, लेकिन अभी कोई नहीं है.
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अंतिम दिन हड़ताल अब रुकनी चाहिए: गहलोत ने कहा कि जब मैं सांसद बना, तो मैने इंदिरा गांधी से कहा था कि हमारे यहां लोगों में विरोध इस बात को लेकर है कि हाईकोर्ट की बैंच बन रही है. लेकिन बाद में बैंच जयपुर चली गई. इसके विरोध में हर माह अंतिम दिन हड़ताल होती है. 50 साल हो गए हैं. अब यह परिपाटी बदलनी चाहिए. गहलोत ने कहा कि मैं किसी बैंच की वकालत नहीं कर रहा हूं, लेकिन जब फैसला हो चुका है तो अब दुबारा सोचना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने ली चुटकी: मुख्यमंत्री गहलोत ने कार्यक्रम के दौरान सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया में एक समय में जोधपुर से सम्बन्ध रखने वाले तीन न्यायमूर्तियों के कार्यरत होने के गौरवशाली अतीत को याद करते हुए वर्तमान में यहां राजस्थान का प्रतिनिधित्व नहीं होने पर 'चिंता' व्यक्त की. उन्होंने मंचासीन न्यायाधीश विजय विश्नोई से कहा कि अब आपको वहां जाना चाहिए ताकि जोधपुर का प्रतिनिधित्व हो सके. समारोह से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह और न्यायाधीश विजय बिश्नोई के साथ पट्टिका का अनावरण किया.