जोधपुर. राज्य में विधानसभा चुनाव की तारीख के ऐलान के साथ ही आचार संहिता लग गई, लेकिन इससे पहले ही सीएम गहलोत ने अपने गृह जिले जोधपुर के सूरसागर विधानसभा क्षेत्र में चेहरे बदलने के संकेत दे दिए. दरअसल, 2018 विधानसभा चुनाव में यहां से प्रत्याशी रहे प्रोफेसर अयूब को सरकार ने राजस्थान लोक सेवा आयोग का सदस्य बना दिया है, जिसके बाद से ही क्षेत्र में सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. माना जा रहा है कि सीएम गहलोत अब सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से अल्पसंख्यक उम्मीदवार की जगह किसी ब्राह्मण या फिर ओबीसी वर्ग के दावेदार को मैदान में उतार सकते हैं. पिछले तीन विधानसभा चुनाव की बात करें तो यहां से भाजपा लगातार अल्पसंख्यक प्रत्याशी के सामने ब्राह्मण उम्मीदवार खड़ा कर इस सीट को जीतते आ रही है.
नजदीकी मुकाबले में हारे थे प्रोफेसर : साल 2018 में सूरसागर में भाजपा की सूर्यकांता व्यास और प्रोफेसर अयूब के बीच कांटे की टक्कर हुई थी, जिसमें वो 5763 वोटों से चुनाव हार गए थे. सूरसागर ध्रुवीकरण वाली सीट मानी जाती है. इसके चलते भाजपा ने यहां तीन बार जीत दर्ज की. अब भाजपा यहां नया ब्राह्मण चेहरा उतारने की तैयारी में है, जिसके चलते कांग्रेस में भी ब्राह्मण और ओबीसी वर्ग की दावेदारी तेज हुई है.
सीएम का सियासी प्लान : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रोफेसर अयूब को आरपीएससी मेंबर बनाकर जिले के पूरे अल्पसंख्यक वर्ग को साधने की कोशिश की है. कांग्रेस सूरसागर से अल्पसंख्यक को ही अपना प्रत्याशी बनाती आई है, लेकिन सूरसागर के अलावा फलोदी से भी अल्पसंख्यक अपनी दावेदारी करते रहे हैं. ऐसे में अब सीएम ने अयूब खान को आरपीएससी का मेंबर बनाकर जिले की सभी विधानसभा क्षेत्रों के अल्पसंख्यकों को संदेश देने की कोशिश की है.
इससे पहले भी रह चुके हैं RPSC सदस्य : अयूब खान इससे पहले भी आरपीएससी के सदस्य व अध्यक्ष रह चुके हैं. हाल ही में शिव सिंह राठौड़ कार्यवाहक अध्यक्ष के पद से रिटायर हुए हैं. उनसे पहले एसएस टाक भी आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं. प्रो. अयूब जिन्हें अभी नियुक्ति मिली है, वे वर्तमान में जेएनवीयू के मैथमेटिक्स विभाग में प्रोफेसर है. कांग्रेस विचारधारा से आते है. इसलिए 2018 में इनको सूरसागर से प्रत्याशी बनाया गया था.