जोधपुर. बाजरे की एमएसपी निर्धारित होने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा खरीद नहीं किए जाने पर दायर याचिका में केन्द्र सरकार की ओर से हलफनामा पेश किया गया (Center presented affidavit in millet procurement) है. केन्द्र सरकार की ओर से पेश हलफनामे के अनुसार राजस्थान सरकार ने पिछले तीन साल से मोटे अनाज को एमएसपी से खरीद करने के लिए आज तक कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है.
एक ओर जहां राज्य सरकार एमएसपी पर बाजरा नहीं खरीद रही है, तो वहीं केन्द्र सरकार कह रही है कि प्रस्ताव ही नहीं भेजा. जबकि अन्य राज्यों की ओर से प्रस्ताव भी भेजा और खरीद भी की गई. जिसके आंकड़ें भी हलफनामे में पेश किए है. राजस्थान हाईकोर्ट में किसान वेलफेयर सोसायटी की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई होनी है. गौरतलब है कि पूर्व में हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार के एएसजी मुकेश राजपुरोहित को कहा कि सम्बंधित अधिकारी हलफनामा पेश करें.
हलफनामे में बताएं कि केन्द्र सरकार की ओर से 15 जून, 2022 को बाजरे को लेकर क्या अधिसूचना जारी की है. अधिसूचना के तहत राज्य सरकार खरीद करती है, तो क्या केन्द्र सरकार प्रतिपूर्ति राशि का भुगतान करेगी या नहीं. किसान वेलफेयर सोसायटी की ओर से अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने एक प्रार्थना पत्र पेश कर बताया था कि सरकार बाजरे की खरीद के लिए सेंटर नहीं बना रही है. जबकि केन्द्र सरकार की ओर से बाजरे का एमएसपी मूल्य 2250 रुपए निर्धारित कर दिया गया है.