जोधपुर. भाजपा ने 'हल्ला बोल' कार्यक्रम के तहत सोमवार को बिजली बिलों में बढ़ोतरी के विरोध में शहर में 12 बिजली दफ्तरों पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार से बिजली के बिलों में फ्यूल सरचार्ज की बढ़ोतरी वापस लेने, कोरोना काल के चार महीनों का बिजली का माफ करने और किसानों के अवैध वीसीआर भरना बंद करवाने की मांग रखी.
वहीं, सोमवार को ही चौपासनी हाउसिंग बोर्ड बिजली कार्यालय के बाहर भाजपा कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए धरना प्रदर्शन किया. साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. इसके अलावा आज चौपासनी भाजपा मंडल ने भी राज्य सरकार की बिजली बढ़ोतरी को लेकर आंदोलन किया. जिसमें चौपासनी भाजपा मंडल के पदाधिकारी और महिला मोर्चा पदाधिकारी सहित भाजपा के कार्यकर्ता मौजूद रहे.
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पूर्व महापौर घनश्याम ओझा ने बताया कि, इस महीने की शुरुआत में कांग्रेस अशोक गहलोत सरकार ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी कर दी है. जबकि उन्हीं की पार्टी ने दिल्ली चुनाव में दिल्ली में 400 यूनिट बिजली मुफ्त देने की बात कही थी. लेकिन राजस्थान जहां उनकी सरकार है, वहां मुफ्त बिजली तो छोड़िए बल्कि वर्तमान में दरों भी बढ़ोतरी कर रही है. घरेलू, कृषि और औद्योगिक श्रेणियों में 11 से 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. बढ़ी हुई दरें एक फरवरी 2020 से लागू करने के आदेश भी दे दिए गए हैं. इसके बाद से ही राजस्थान में लोगों का गुस्सा है और वो लगातार गहलोत सरकार का विरोध कर रहे हैं.