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जोधपुरः ओसियां में आयुर्वेदिक काढ़ा वितरण कार्यक्रम का आयोजन

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Published : May 24, 2020, 5:06 PM IST

जोधपुर के ओसियां में राष्ट्रीय विकास सेवा परिषद और गायत्री परिवार के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय आयुर्वेदिक काढ़ा वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कोराना महामारी के दौरान 14 जड़ी बुटियों से निर्मित यह आयुर्वेदिक काढ़ा क्षेत्रवासियों के लिये रामबाण साबित हो रहा है. आयुर्वेदिक काढ़ा मानव शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करने में अहम भूमिका निभाता है.

आर्युवेदिक काढ़ा वितरण, Ayurvedic decoction distribution
आयुर्वेदिक काढ़ा वितरण कार्यक्रम का आयोजन

ओसियां (जोधपुर). कोराना महामाारी से आज सम्पूर्ण विश्व और देश के लोग पीड़ित और चिंतित हैं. ऐसे में मानव शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करना सबसे ज्यादा जरुरी है.

आयुर्वेदिक काढ़ा वितरण कार्यक्रम का आयोजन

इसी क्रम में कोराना वायरस से बचाव के लिये राष्ट्रीय विकास सेवा परिषद और गायत्री परिवार ओसियां के संयुक्त तत्वावधान में काढ़ा वितरण कार्यक्रम का आयोजन कर क्षेत्रवासियों को काढ़ा पिलाया जा रहा है. जिससे कोराना पर अंकुश लग सकें.

14 जड़ी बुटियों से निर्मित होता है आयुर्वेदिक काढा :

गायत्री परिवार के सदस्य भगवानदास राठी ने ईटीवी भारत को बताया की ज्वर हरण, गिलोय, त्रिकुट, गजा व्याधि क्वाथ, हरा बाशा, तुलसी पत्र, पीपल, सौंठ, अदरक, नीम की छाल, मुनक्का, काली मिर्च, ईलायची, लौंग को मामदस्ते में कूटकर पहले मिश्रित पाऊडर बनाया जाता है. फिर आवश्यकतानुसार पीतल के बर्तन में पानी और जड़ी बूटियों के मिश्रण युक्त पाऊडर को डालकर करीब डेढ़ घंटे तक धीमी आंच पर पकाना है. इस प्रकार यह काढ़ा तैयार होता है.

पढ़ेंः लॉकडाउनः कोरोना काल के बीच जोधपुर में जोड़े ने लिए सात फेरे, रचाई शादी

रामबाण औषधि की भांति काम करता है काढा :

कोराना महामाारी के समय मानव के शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. यह काढ़ा शरीर कि रक्षा के लिये रामबाण औषधि की भांति काम करता है. एक स्वस्थ व्यक्ति में प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने के लिये सुबह-शाम 14 जड़ी बूटियों के 1.5 ग्राम मिश्रित पाऊडर का उपयोग करना चाहिए. वहीं काढे़ का भूखे पेट सेवन करने से इम्यूनिटी पावर बढता है, जो मानव शरीर में मौसमी बीमारियों से लड़ने में फायदेमंद होता.

केन्द्र सरकार और राज्य सरकार ने भी अपनाई यह तकनीक:

केन्द्रीय आयुष मंत्रालय की पहल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हस्तक्षेप करते हुये दो अप्रैल को डॉ. जेएलएन शास्त्री के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स का गठन किया. टास्क फोर्स अब इसके पक्ष में है कि कोविड 19 संक्रमण का ईलाज आयुर्वेद पद्धति से किया जाये. वही राज्य सरकार की ओर से भी इस तकनीक को अपनाते हुये सभी आयुर्वेद और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर शनिवार को आमजन को आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया जा रहा है.

पढ़ेंः जोधपुर: पुलिस के हत्थे चढ़ा तस्कर, 3.55 ग्राम स्मैक के साथ कार जब्त

प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधी भी आमजन को कर रहे हैं जागरूक:

वहीं काढ़ा वितरण कार्यक्रम के दौरान पूर्व विधायक भैराराम सियोल, उपखंड अधिकारी रतनलाल रेगर, पुलिस वृताधिकारी दिनेश मीणा, पूर्व सरपंच भगवानदास राठी, थानाधिकारी बाबूराम डेलू, सरपंच श्यामलाल ओझा, राष्ट्रीय विकास परिषद के रूपेश ओझा, गायत्री परिवार के सचिव विक्रमसिंह चौधरी, सॉफ्टेक संस्थान के डायरेक्टर सांगीदान पालीवाल, बीरमाराम चौधरी, देवेन्द्रसिंह,रोशन मेघवाल सहित अनेक गणमान्य लोग आयुर्वेदिक काढ़े के सेवन हेतु जागरूक कर रहे हैं.

ओसियां (जोधपुर). कोराना महामाारी से आज सम्पूर्ण विश्व और देश के लोग पीड़ित और चिंतित हैं. ऐसे में मानव शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करना सबसे ज्यादा जरुरी है.

आयुर्वेदिक काढ़ा वितरण कार्यक्रम का आयोजन

इसी क्रम में कोराना वायरस से बचाव के लिये राष्ट्रीय विकास सेवा परिषद और गायत्री परिवार ओसियां के संयुक्त तत्वावधान में काढ़ा वितरण कार्यक्रम का आयोजन कर क्षेत्रवासियों को काढ़ा पिलाया जा रहा है. जिससे कोराना पर अंकुश लग सकें.

14 जड़ी बुटियों से निर्मित होता है आयुर्वेदिक काढा :

गायत्री परिवार के सदस्य भगवानदास राठी ने ईटीवी भारत को बताया की ज्वर हरण, गिलोय, त्रिकुट, गजा व्याधि क्वाथ, हरा बाशा, तुलसी पत्र, पीपल, सौंठ, अदरक, नीम की छाल, मुनक्का, काली मिर्च, ईलायची, लौंग को मामदस्ते में कूटकर पहले मिश्रित पाऊडर बनाया जाता है. फिर आवश्यकतानुसार पीतल के बर्तन में पानी और जड़ी बूटियों के मिश्रण युक्त पाऊडर को डालकर करीब डेढ़ घंटे तक धीमी आंच पर पकाना है. इस प्रकार यह काढ़ा तैयार होता है.

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रामबाण औषधि की भांति काम करता है काढा :

कोराना महामाारी के समय मानव के शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. यह काढ़ा शरीर कि रक्षा के लिये रामबाण औषधि की भांति काम करता है. एक स्वस्थ व्यक्ति में प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने के लिये सुबह-शाम 14 जड़ी बूटियों के 1.5 ग्राम मिश्रित पाऊडर का उपयोग करना चाहिए. वहीं काढे़ का भूखे पेट सेवन करने से इम्यूनिटी पावर बढता है, जो मानव शरीर में मौसमी बीमारियों से लड़ने में फायदेमंद होता.

केन्द्र सरकार और राज्य सरकार ने भी अपनाई यह तकनीक:

केन्द्रीय आयुष मंत्रालय की पहल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हस्तक्षेप करते हुये दो अप्रैल को डॉ. जेएलएन शास्त्री के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स का गठन किया. टास्क फोर्स अब इसके पक्ष में है कि कोविड 19 संक्रमण का ईलाज आयुर्वेद पद्धति से किया जाये. वही राज्य सरकार की ओर से भी इस तकनीक को अपनाते हुये सभी आयुर्वेद और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर शनिवार को आमजन को आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया जा रहा है.

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प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधी भी आमजन को कर रहे हैं जागरूक:

वहीं काढ़ा वितरण कार्यक्रम के दौरान पूर्व विधायक भैराराम सियोल, उपखंड अधिकारी रतनलाल रेगर, पुलिस वृताधिकारी दिनेश मीणा, पूर्व सरपंच भगवानदास राठी, थानाधिकारी बाबूराम डेलू, सरपंच श्यामलाल ओझा, राष्ट्रीय विकास परिषद के रूपेश ओझा, गायत्री परिवार के सचिव विक्रमसिंह चौधरी, सॉफ्टेक संस्थान के डायरेक्टर सांगीदान पालीवाल, बीरमाराम चौधरी, देवेन्द्रसिंह,रोशन मेघवाल सहित अनेक गणमान्य लोग आयुर्वेदिक काढ़े के सेवन हेतु जागरूक कर रहे हैं.

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