जोधपुर. नाबालिग के साथ यौन दुराचार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम के बेटे नारायण साईं व अन्य की ओर से आसाराम के आयुर्वेदिक उपचार को लेकर दायर याचिका को आवश्यक निर्देश के साथ निस्तारित कर दिया गया. जस्टिस मदन गोपाल व्यास की एकलपीठ में नारायण साईं की ओर से अधिवक्ता प्रदीप चौधरी ने याचिका पेश करते हुए आयुर्वेदिक उपचार के लिए अनुरोध किया गया.
कोर्ट को बताया कि जोधपुर की सेंट्रल जेल में सजा काट रहे आसाराम की उम्र 85 के आसपास हो गई है. ऐसे में उनकी वृद्धावस्था को देखते हुए कई बिमारियों से पीड़ित हैं, जिनका उपचार आयुर्वेदिक उपचार से ही संभव है. वहीं सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी ने पैरवी करते हुए कहा कि आसाराम का समय-समय पर चेकअप किया जाता है. वृद्धावस्था के चलते छोटी-मोटी बिमारियां हैं, जिनका उपचार एलोपैथिक पद्धति से किया जा रहा है. आवश्यकता पड़ने पर जेल से बाहर उच्च स्तरीय उपचार भी करवाया जाता है.
एएजी जोशी ने सेंट्रल जेल के चिकित्सक की रिपोर्ट को भी पेश किया है. जिसमें बताया गया कि आसाराम का उपचार बेहतर तरीके से किया जा रहा है. आयुर्वेदिक उपचार की आवश्यकता होने पर वह भी करवाया जाएगा. कोर्ट ने सभी तथ्यों एवं जेल प्रशासन के सहयोग को देखते हुए आवश्यक निर्देश देते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया. कोर्ट ने कहा कि आसाराम के बीमार होने किसी आयुर्वेदिक चिकित्सा जांच की आवश्यकता होने पर सेंट्रल जेल के चिकित्सक एवं अधीक्षक उस पर विचार करेंगे. वे यदि उचित समझें, तो उसे चिकित्सा सुविधाएं जेल में ही प्रदान की जाएंगी. जेल अधीक्षक इसके लिए जोधपुर के डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति से आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने का अनुरोध करेंगे और उपचार करवाएगें.