जोधपुर. जोधपुर को तीन जिलों के विभक्त करने से कई स्थितियां बदल गई हैं. मसलन अब राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर ग्रामीण जिले में आएगा. ग्रामीण जिले के व्यक्ति को अपने हर काम के लिए शहरी जिले में आना पडे़गा, जहां उसका अलग कार्यालय होगा. इतना ही नहीं पुलिस अधीक्षक कार्यालय ग्रामीण का पता जोधपुर शहर जिला होगा. शहर से जुडे़ कई इलाके तो ऐसे हैं, जिनकी एक गली ग्रामीण जिले में होगी, तो एक शहर जिले में. ऐसे कई रोचक हालात सरकार के नवगठित जिलों से सामने आए हैं. जिनका असर आने वाले दिनों में और विस्तृत रूप से देखने को मिलेगा.
एक कॉलोनी शहर, पड़ोसी ग्रामीणः जोधपुर नगर निगम क्षेत्र से सटी प्रदेश की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत कुडी भगतासनी को ग्रामीण जिले में डाला गया है. जबकि इस क्षेत्र में अधिकांश शहरी आबादी है. यहां का पॉश क्षेत्र रामेश्वर नगर ग्रामीण जिले में चला गया है. इसी तरह से केके कॉलानी भी ग्रामीण में चली जाएगी. जबकि जनता कॉलोनी जो उससे सटी हुई है, यह शहर जिले में रहेगी. क्योंकि वहां नगर निगम के वार्ड लगते हैं. इसी तरह से शहर के सूरसागर क्षेत्र के केरू व आसपास के इलाके हैं. जिनका कुछ नगर निगम में होने से शहर जिले में रहेगा, बाकी ग्रामीण जिले में रहेगा. जबकि वह क्षेत्र जोधपुर विकास प्राधिकरण की हद में आता है.
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जिला न्यायालय शहर में, हाईकोर्ट ग्रामीण मेंः जोधपुर प्रदेश की न्यायिक राजधानी के रूप में जाना जाता है. यहां राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्यपीठ है. नया हाईकोर्ट अब जोधपुर ग्रामीण जिले में आएगा क्योंकि वह लूणी तहसील में है. जबकि जिला न्यायालय शहर जिले में रहेगा. जो पुराने हाईकोर्ट परिसर में है. अब नए जिले बनने से जिला एवं सत्र न्यायालय व अन्य अदालतों के कार्यक्षेत्र भी बदलेंगे. फलौदी व ग्रामीण जिले के लिए अलग न्यायालय बनेगा. तब तक तीनों जिलों के न्यायिक कार्य शहर जिले से होंगे.