जोधपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस का दावा करते हैं. गाहे बगाहे कहते भी हैं कि एसीबी सर्तकता से काम करती है, लेकिन सोमवार को उनके गृहनगर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से सेामवार को आयोजित जनसंवाद में आए लोगों ने महानिदेशक बीएल सोनी के सामने शिकायतों का अंबार लगा दिया.
खास कर बजरी और पुलिस को लेकर शिकायतें थीं. महानिदेशक ने ब्यूरों के प्रावधानों तहत सभी को संतुष्ट करने का प्रयास भी किया, लेकिन उन्होंने यह भी माना (ACB DG on corruption in Jodhpur) कि यह बीमारी बहुत गहरी है. जनता के सहयोग से ही इसका इलाज हो सकता है. लोगों को साक्ष्य के साथ आगे आना होगा. सरकार ने भी कई प्रावधान किए हैं. सुलभता के चलते लोग पहुंच रहे हैं. इसलिए मामले भी बढ़ रहे हैं. प्रावधान भी कड़े हैं. लेकिन हम स्वत: कार्रवाई नहीं कर सकते. किसी न किसी को सूचना देनी पड़ती है. जनसंवाद में जोधपुर के अलावा पाली, जालौर से भी लोग पहुंचे. महानिदेशक के साथ डीआईजी सवाई सिंह गोदारा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
पुलिस माफिया और माइनिंग का गठजोड़: खनन से व्यवसाय से जुडे एक बुजुर्ग ने कहा कि लोगों को बजरी बहुत महंगी मिल रही है. इसकी वजह है बजरी माफिया, माइनिंग अधिकारी ओर पुलिस का गठजोड़. इनको इतने रुपए जाते हैं जिसके चलते आम आदमी को बजरी महंगी मिल रही है. जोधपुर में तो 8—10 लोग हैं, जो इस काम में लगे हैं और हर दिन करोडों रुपए इधर-उधर कर रहे हैं. महानिदेशक ने कहा कि आप लोग शिकायत के रूप में सिर्फ हमें रिकार्डिंग या वीडियो भी उपलब्ध करवा सकते हैं, हम कार्रवाई करेंगे.
ट्रैफिक पुलिस का कैसे रोकें?: कई लोगों ने अपनी पीड़ा बताई कि यातायात पुलिस जब किसी को रोकती है, तो उस समय वह कहां शिकायत करें, कैसे रिकार्डिंग करें? इसका वे फायदा उठाते हैं. मजबूरी में उन्हें रुपए देने पड़ते हैं, नहीं तो वे चालान इतना बड़ा बना देते हैं कि उसे भरने के लिए बड़ी रकम अदा करनी पड़ती है. इसी तरह से एक महिला ने अपना अनुभव बताया कि कई बार एसीबी कहती है कि बड़े अधिकारी के पास जाओ, अनिता चौधरी नाम की महिला ने कहा कि मैं डीआईजी व एसपी स्तर तक गई हूं, वहां भी भ्रष्टाचार नजर आता है.
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एसीबी के पैनल लॉयर भी जरूरी: जनसंवाद में आए एक युवक ने कहा कि 15 साल पहले एक अधिकारी के आय से अधिक संपति की शिकायत की थी. जांच हुई, लेकिन वह हाईकोर्ट से स्टे लेकर आ गया. हम लगातार पेशी पर नहीं जा सकते. अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसे में एसीबी को होईकोर्ट में अपने पैनल लॉयर नियुक्त करने चाहिए. जिससे मामलों की सुनवाई सही हो और कार्रवाई हो सके. इस पर महानिदेशक ने कहा कि इस पर विचार चल रहा है. हमने सरकार से कहा कि हमारे लिए स्पेशल पैनल लॉयर हाईकोर्ट में दें, जिससे कार्य सुगमता से हो. उम्मीद है कि जल्द इस पर निर्णय होगा.
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एसीबी में रहते हुए धमकाया, नहीं लौटाए रुपए: जनसंवाद में बड़ी संख्या में युवा पहुंचे. उन्होंने पुलिस के एडिशन एसपी नरेंद्र चौधरी जो पहले एसीबी में जोधपुर थे, उनके परिवार द्वारा चलाए जाने वाले कोचिंग सेंटर से रुपए नहीं लौटाने संबंधी विवाद की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हमें हर बार धमकाया जाता रहा है. 6 साल हो गए. पुलिस की धमकी दी जाती है. जबकि हमें गारंटी से सलेक्शन के नाम पर डेढ़ लाख रुपए की फीस वसूली गई थी. कई जगह पर मामले दर्ज हैं. महानिदेशक ने युवकों से कहा कि वह आईजी से मिले. पुलिस अधिकारी भी मुलजिम हो सकता है. वे कोई ईश्वर नहीं हैं.