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अलविदा 2019: झुंझुनूं को कलंकित करने वाला कृत्य, जब 12 मासूम छात्रों से किया कुकर्म - स्पेशल रिपोर्ट

वीरों की धरती कहे जाने वाली शेखावाटी का झुंझुनूं साल 2019 में शर्मसार हो उठा. ये साल झुंझुनूं को कलंकित करने वाला रहा. जब मासूमों की जिंदगी के साथ साल का सबसे बड़ा अपराध दिसंबर में हुआ. देखिए झुंझुनूं से स्पेशल रिपोर्ट

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झुंझुनूं को कलंकित करने वाला कृत्य
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Published : Dec 29, 2019, 9:04 PM IST

Updated : Dec 30, 2019, 5:47 PM IST

झुंझुनूं. साल 2019 अब जाने को है. लेकिन इस साल ने झुंझुनूं को कलंकित कर दिया. पूरा मामला केंद्र सरकार द्वारा झुंझुनूं में संचालित एक प्रतिष्ठित स्कूल का है. यहां एक शिक्षक ने 12 बच्चों को अपनी हवस का शिकार बनाते हुए उनके साथ कुकर्म किया था. इस पूरे मामले में झुंझुनूं की सदर पुलिस ने एक आरोपी शिक्षक को भी गिरफ्तार किया. जिसके खिलाफ पोक्सो में मामला दर्ज किया.

झुंझुनूं को कलंकित करने वाला कृत्य

पढ़ें- अलविदा 2019: बूंदी में आई प्राकृतिक आपदा इस साल दे गई कई जख्म, 11 लोगों की गई थी जान; 2025 आशियाने तबाह

बच्चे बोले उसे सर मत कहो
आरोपी शिक्षक को हाल ही में स्कूल में हुए कार्यक्रम में सम्मानित किया गया था, लेकिन वो गुरू के नाम पर कलंक निकला. मामला खुला ऐसे था कि जिस बच्चे के साथ कुकर्म हुआ था. उसी ने सबसे पहले हिम्मत की थी और शिकायत पेटी में अपनी व्यथा लिखी, लेकिन क्रूर व धूर्त शिक्षक अपनी करतूतों को छिपाने के लिए सतर्क था और उसने सारे अनुशासन, कर्नल जैसे अधिकारी वाले प्राचार्य की निगाहबान आंखों व सीसीटीवी कैमरा को भी धता बताते हुए पेटी से शिकायत ही गायब करवा दी. बाद में बाल आयोग के अध्यक्ष संगीता बेनीवाल के नेतृत्व में टीम ने पूरे मामले की छानबीन की तो मासूमों के मुंह से एक ही बात निकली कि आप उस को सर मत कहो. हम उस अपराधी को सजा दिलाने के बाद इस स्कूल को छोड़ जाएंगे. हालांकि बाल आयोग की टीम ने भरसक प्रयास किया कि उनके बाल मन पर अंकित वह दर्दनाक हादसा मिट जाए. बाल आयोग की मानें तो बच्चे स्कूल में अपना स्टडी कंटिन्यू करने के लिए तैयार हो गए हैं.

पढ़ें- अलविदा 2019: कपड़ा उद्यमियों के लिए ये साल रहा रहा घाटे का सौदा

सलाम है मासूम की हिम्मत को
लेकिन मासूम बालक भी अब यह ठान चुका था कि यदि इसका पर्दाफाश नहीं किया गया तो यह उस जैसे और नए आने वाले मन के भोले बालकों का बचपन खा जाएगा. उसने अभिभावक समिति की बैठक में आवाज उठा दी और इसके बाद तो जैसे स्कूल के प्रशासन को सांप सूंघ गया. उन्हें समझ ही नहीं आया कि उसके स्कूल में ऐसा कैसे हो सकता है. जहां सारे शिक्षक कहीं ना कहीं सेना से जुड़े हुए हैं. सैकड़ों कैमरे लगे हुए हैं आनन-फानन में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई. आरोपी शिक्षक को दबोचा गया. आरोपी शिक्षक मूल रूप से झुंझुनूं के एक काली पहाड़ी हाल बीकानेर निवासी रविंद्र सिंह शेखावत है.

पढ़ें- अलविदा 2019: ये हैं राजसमंद के वो 3 लाल..जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए दिए अपने प्राण

प्राचार्य भी आ गए हैं लपेटे में
शिक्षक तो अभी जेल में ही था कि वही स्कूल के ही कैंपस में कार्यरत रिटायर्ड सूबेदार मेजर ने भी प्राचार्य व एक अन्य लिपिक पर गंभीर आरोप लगाते हुए फांसी लगाकर अपनी ईहलीला खत्म कर ली. बताया गया कि मामला बच्चों के साथ कुकर्म से जुड़ा हुआ था और प्राचार्य व अन्य लिपिक इस मामले को बाहर बताने के लिए उसे टॉर्चर कर रहे थे.

झुंझुनूं. साल 2019 अब जाने को है. लेकिन इस साल ने झुंझुनूं को कलंकित कर दिया. पूरा मामला केंद्र सरकार द्वारा झुंझुनूं में संचालित एक प्रतिष्ठित स्कूल का है. यहां एक शिक्षक ने 12 बच्चों को अपनी हवस का शिकार बनाते हुए उनके साथ कुकर्म किया था. इस पूरे मामले में झुंझुनूं की सदर पुलिस ने एक आरोपी शिक्षक को भी गिरफ्तार किया. जिसके खिलाफ पोक्सो में मामला दर्ज किया.

झुंझुनूं को कलंकित करने वाला कृत्य

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बच्चे बोले उसे सर मत कहो
आरोपी शिक्षक को हाल ही में स्कूल में हुए कार्यक्रम में सम्मानित किया गया था, लेकिन वो गुरू के नाम पर कलंक निकला. मामला खुला ऐसे था कि जिस बच्चे के साथ कुकर्म हुआ था. उसी ने सबसे पहले हिम्मत की थी और शिकायत पेटी में अपनी व्यथा लिखी, लेकिन क्रूर व धूर्त शिक्षक अपनी करतूतों को छिपाने के लिए सतर्क था और उसने सारे अनुशासन, कर्नल जैसे अधिकारी वाले प्राचार्य की निगाहबान आंखों व सीसीटीवी कैमरा को भी धता बताते हुए पेटी से शिकायत ही गायब करवा दी. बाद में बाल आयोग के अध्यक्ष संगीता बेनीवाल के नेतृत्व में टीम ने पूरे मामले की छानबीन की तो मासूमों के मुंह से एक ही बात निकली कि आप उस को सर मत कहो. हम उस अपराधी को सजा दिलाने के बाद इस स्कूल को छोड़ जाएंगे. हालांकि बाल आयोग की टीम ने भरसक प्रयास किया कि उनके बाल मन पर अंकित वह दर्दनाक हादसा मिट जाए. बाल आयोग की मानें तो बच्चे स्कूल में अपना स्टडी कंटिन्यू करने के लिए तैयार हो गए हैं.

पढ़ें- अलविदा 2019: कपड़ा उद्यमियों के लिए ये साल रहा रहा घाटे का सौदा

सलाम है मासूम की हिम्मत को
लेकिन मासूम बालक भी अब यह ठान चुका था कि यदि इसका पर्दाफाश नहीं किया गया तो यह उस जैसे और नए आने वाले मन के भोले बालकों का बचपन खा जाएगा. उसने अभिभावक समिति की बैठक में आवाज उठा दी और इसके बाद तो जैसे स्कूल के प्रशासन को सांप सूंघ गया. उन्हें समझ ही नहीं आया कि उसके स्कूल में ऐसा कैसे हो सकता है. जहां सारे शिक्षक कहीं ना कहीं सेना से जुड़े हुए हैं. सैकड़ों कैमरे लगे हुए हैं आनन-फानन में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई. आरोपी शिक्षक को दबोचा गया. आरोपी शिक्षक मूल रूप से झुंझुनूं के एक काली पहाड़ी हाल बीकानेर निवासी रविंद्र सिंह शेखावत है.

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प्राचार्य भी आ गए हैं लपेटे में
शिक्षक तो अभी जेल में ही था कि वही स्कूल के ही कैंपस में कार्यरत रिटायर्ड सूबेदार मेजर ने भी प्राचार्य व एक अन्य लिपिक पर गंभीर आरोप लगाते हुए फांसी लगाकर अपनी ईहलीला खत्म कर ली. बताया गया कि मामला बच्चों के साथ कुकर्म से जुड़ा हुआ था और प्राचार्य व अन्य लिपिक इस मामले को बाहर बताने के लिए उसे टॉर्चर कर रहे थे.

Intro:झुंझुनू । हरियाणा बॉर्डर होने की वजह से झुंझुनू में तस्करी, लूट और हथियार रखने के अपराध तो होते आए हैं लेकिन साल के जाते-जाते एक शिक्षक ने ऐसा गंदा कारनामा किया कि वीर धरा झुंझुनू चीख उठी। जी हां वीरो, सैनिकों और शहीदों की धरती होने की वजह से 3 साल पहले सेना से जुड़ा प्रतिष्ठित सरकारी आवासीय विद्यालय झुंझुनू को मिला था और राजस्थान में यह दूसरा था। जी हां, अनुशासन के लिए ख्यात इस स्कूल के हॉस्टल में वहशी शिक्षक ने 12 छात्रों के साथ कुकर्म किया था और यहां गंदा खेल यह कलयुगी शिक्षक करीब डेढ़ साल से खेल रहा था। बच्चा कोई छठी में तो कोई सातवीं में पढ़ रहा था जिसने सुना वही अवाक रह गया, तो अभिभावकों की अपने लाडलो के लिए रूह कांप उठी। शुरुआत में स्कूल की इज्जत बचाने के नाम पर मामले को दबाने का भी प्रयास किया गया लेकिन पूर्व सैनिक मामले में कूद पड़े उनका गुस्सा इतना था कि उन्होंने आरोपी के लिए फांसी की मांग कर डाली।

बच्चे बोले उसे सर मत कहो
आरोपी शिक्षक को हाल ही में स्कूल में हुए कार्यक्रम में सम्मानित किया गया था लेकिन किसे पता था कि वह गुरु की खाल में छिपा हुआ भेड़िया बैठा है। मामला खुला ऐसे था कि जिस बच्चे के साथ कुकर्म हुआ था उसी ने सबसे पहले हिम्मत की थी और शिकायत पेटी में अपनी व्यथा लिखी लेकिन क्रूर व धूर्त शिक्षक अपनी करतूतों को छिपाने के लिए सतर्क था और उसने सारे अनुशासन, कर्नल जैसे अधिकारी वाले प्राचार्य की निगाहबान आंखों व सीसीटीवी कैमरा को भी धता बताते हुए पेटी से शिकायत ही गायब करवा दी। बाद में बाल आयोग के अध्यक्ष संगीता बेनीवाल के नेतृत्व में टीम ने पूरे मामले की छानबीन की तो मासूमों के मुंह से एक ही बात निकली कि आप उस को सर मत कहो। हम उस अपराधी को सजा दिलाने के बाद इस स्कूल को छोड़ जाएंगे। हालांकि बाल आयोग की टीम ने भरसक प्रयास किया कि उनके बाल मन पर अंकित वह दर्दनाक हादसा मिट जाए। बाल आयोग की मानें तो बच्चे स्कूल में अपना स्टडी कंटिन्यू करने के लिए तैयार हो गए हैं।


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सलाम है मासूम की हिम्मत को
लेकिन मासूम बालक भी अब यह ठान चुका था कि यदि इसका पर्दाफाश नहीं किया गया तो यह उस जैसे और नए आने वाले मन के भोले बालकों का बचपन खा जाएगा। उसने अभिभावक समिति की बैठक में आवाज उठा दी और इसके बाद तो जैसे स्कूल के प्रशासन को सांप सूंघ गया उन्हें समझ ही नहीं आया कि उसके स्कूल में ऐसा कैसे हो सकता है जहां सारे शिक्षक कहीं ना कहीं सेना से जुड़े हुए हैं। सैकड़ों कैमरे लगे हुए हैं आनन-फानन में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई आरोपी शिक्षक को दबोचा गया आरोपी शिक्षक मूल रूप से झुंझुनू के एक काली पहाड़ी हाल बीकानेर निवासी रविंद्र सिंह शेखावत है।

प्राचार्य भी आ गए हैं लपेटे में
शिक्षक तो अभी जेल में ही था कि वही स्कूल के ही कैंपस में कार्यरत रिटायर्ड सूबेदार मेजर ने भी प्राचार्य व एक अन्य लिपिक पर गंभीर आरोप लगाते हुए फांसी लगाकर अपनी ईहलीला खत्म कर ली। बताया गया कि मामला बच्चों के साथ कुकर्म से जुड़ा हुआ था और प्राचार्य व अन्य लिपिक इस मामले को बाहर बताने के लिए उसे टॉर्चर कर रहे थे।


बाइट वन कैप्टन मोहनलाल पूर्व सैनिक


वाइट दो ज्ञानचंद चौधरी पुलिस उप अधीक्षक व जांच अधिकारी

बाइट 3 बाइट लोकेंद्र सिंह शेखावत विशिष्ट लोक अभियोजक

बाइट चार संगीता बेनीवाल अध्यक्ष बाल आयोग राजस्थान



Conclusion:
Last Updated : Dec 30, 2019, 5:47 PM IST
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