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झुंझुनू श्रम विभाग के खिलाफ उतरा श्रमिक संगठनों का संयुक्त मोर्चा, योजनाओं का फायदा नहीं देने का लगाया आरोप

श्रमिक संगठनों का धरना-प्रदर्शन यह जताता है कि योजनाओं का वास्तविक फायदा श्रमिकों को नहीं मिल रहा है. इसमें कुछ जागरूकता की कमी है और कुछ अधिकारियों की उदासीनता रही है. श्रमिक एक-दो बार विभाग में आता है और सही जवाब नहीं मिलने पर निराश होकर लौट जाता है.

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Published : Aug 7, 2019, 5:51 PM IST

front of labor organizations, श्रमिक संगठनों का मोर्चा

झुंझुनू. श्रमिक संगठनों का संयुक्त मोर्चा झुंझुनू श्रम विभाग के खिलाफ उतर गया है और धरना कर आरोप लगाया कि विभाग जानबूझकर विभिन्न योजनाओं का फायदा श्रमिकों को नहीं लेने दे रहा है. इसमें श्रम संगठन के तीनों ही दलों ने संयुक्त मोर्चा बनाकर श्रम विभाग के अंदर ही धरना दिया और बाद में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. संगठनों का विरोध विशेषकर विभिन्न योजनाओं में स्वीकृत हो जाने के बाद भी श्रमिकों को राशि नहीं जारी करने के खिलाफ था.

श्रमिक संगठनों का संयुक्त मोर्चा

अधिकारी कर रहे मनमर्जी
श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि अधिकारी मनमर्जी कर रहे हैं और जिसको चाहे उसको योजनाओं का फायदा दे रहे हैं. वहीं, जो वास्तविक श्रमिक हैं, उनको प्रतिदिन चक्कर काटने पड़ रहे हैं. हालात यहां तक हो गए हैं कि जिन श्रमिकों की राशि स्वीकृत हो चुकी है, उनको तक को पैसा नहीं चुकाया जा रहा है और बहाना बनाया जा रहा है कि बजट नहीं आया हुआ है.

यह भी पढ़ेंः सुषमा स्वराज ने दिया था 'मोदी है तो मुमकिन है' का नारा, इस नारे की भी हुई थी चर्चा

उग्र आंदोलन की चेतावनी
इसके साथ ही श्रमिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर अब भी अधिकारी श्रमिकों की योजनाओं का पैसा जारी नहीं करते हैं, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अभी ये सिर्फ विरोध प्रदर्शन थे और इसके जरिए अधिकारियों को चेतावनी दी गई.

झुंझुनू. श्रमिक संगठनों का संयुक्त मोर्चा झुंझुनू श्रम विभाग के खिलाफ उतर गया है और धरना कर आरोप लगाया कि विभाग जानबूझकर विभिन्न योजनाओं का फायदा श्रमिकों को नहीं लेने दे रहा है. इसमें श्रम संगठन के तीनों ही दलों ने संयुक्त मोर्चा बनाकर श्रम विभाग के अंदर ही धरना दिया और बाद में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. संगठनों का विरोध विशेषकर विभिन्न योजनाओं में स्वीकृत हो जाने के बाद भी श्रमिकों को राशि नहीं जारी करने के खिलाफ था.

श्रमिक संगठनों का संयुक्त मोर्चा

अधिकारी कर रहे मनमर्जी
श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि अधिकारी मनमर्जी कर रहे हैं और जिसको चाहे उसको योजनाओं का फायदा दे रहे हैं. वहीं, जो वास्तविक श्रमिक हैं, उनको प्रतिदिन चक्कर काटने पड़ रहे हैं. हालात यहां तक हो गए हैं कि जिन श्रमिकों की राशि स्वीकृत हो चुकी है, उनको तक को पैसा नहीं चुकाया जा रहा है और बहाना बनाया जा रहा है कि बजट नहीं आया हुआ है.

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उग्र आंदोलन की चेतावनी
इसके साथ ही श्रमिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर अब भी अधिकारी श्रमिकों की योजनाओं का पैसा जारी नहीं करते हैं, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अभी ये सिर्फ विरोध प्रदर्शन थे और इसके जरिए अधिकारियों को चेतावनी दी गई.

Intro:श्रमिक संगठनों का धरना प्रदर्शन यह जताता है कि योजनाओं का वास्तविक फायदा श्रमिकों को नहीं मिल रहा है। इसमें कुछ जागरूकता की कमी है और कुछ अधिकारियों की उदासीनता रही है। श्रमिक एक दो बार विभाग में आता है और सही जवाब नहीं मिलने पर निराश होकर लौट जाता है।


Body:झुंझुनू । श्रमिक संगठनों का संयुक्त मोर्चा झुंझुनू श्रम विभाग के खिलाफ उतर गया है और धरना कर आरोप लगाया कि विभाग जानबूझकर विभिन्न योजनाओं का फायदा श्रमिकों को नहीं लेने दे रहा है। इसमें श्रम संगठन के तीनों ही दलों ने संयुक्त मोर्चा बनाकर श्रम विभाग के अंदर ही धरना दिया और बाद में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। संगठनों का विरोध विशेषकर विभिन्न योजनाओं में स्वीकृत हो जाने के बाद भी श्रमिकों को राशि नहीं जारी करने के खिलाफ था।

अधिकारी कर रहे मनमर्जी
श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि अधिकारी मनमर्जी कर रहे हैं और जिसको चाहे उसको योजनाओं का फायदा दे रहे हैं, वही जो वास्तविक श्रमिक हैं, उनको प्रतिदिन चक्कर काटने पड़ रहे हैं। हालात यहां तक की है कि जिन श्रमिकों की राशि स्वीकृत हो चुकी है, उनको तक को पैसा नहीं चुकाया जा रहा है और बहाना बनाया जा रहा है कि बजट नहीं आया हुआ है।

उग्र करेंगे आंदोलन
इसके साथ ही श्रमिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि अब भी अधिकारी श्रमिकों का योजनाओं का पैसा जारी नहीं करते हैं तो आंदोलन उग्र किया जाएगा। अभी केवल विरोध प्रदर्शन किया है और यह केवल अधिकारियों को चेतावनी देने के लिए है।

बाइट विजेंद्र कुलहरि श्रमिक नेता


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