उदयपुरवाटी (झुंझुनू). क्षेत्र में सोमवार को शीतला अष्ठमी पर्व श्रद्धा और उल्लास से मनाया गया. उदयपुरवाटी के बागोरा धाम में शीतला माता का मेला लगा. जिसमें शीतला माता के मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही. लम्बी कतारो में दो घंटे तक खड़े रहकर श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन किए.
महिलाओं ने ठंडे पकवानो का भोग लगाकर मनोतियां मांगी. इस दौरान भीड़ कम होने के कारण खिलौने की दुकान लगाने वाले मेले में अन्य सामान बेचने वाले दुकानदार भी निराशा नजर आए. बता दें कि बागोरा के शीतला माता मेले में दूरदराज से हजारो की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है.
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मेले में ढप्प, चंग पर ग्रामीणों ने शीतला माता के पारम्परिक गीत गाए. शीतला माता मेले के कारण उदयपुरवाटी से नीमकाथाना मार्ग पर वाहनों का जमघट रहा. मेले में उदयपुरवाटी थाना प्रभारी भगवान सहाय मीणा मय जाब्ते मौजूद रहे.
हर्षोल्लास के साथ शीतला सप्तमी मेले का आयोजन
बाड़मेर के सिवाना कस्बे में शीतला सप्तमी मेले का आयोजन ग्राम पंचायत के तत्वावधान में हर्षोल्लास के साथ किया. मेले में कस्बे सहित आसपास और दूरदराज के गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने रंग-बिरंगे परिधानों से सजधज कर मेले में शिरकत की. साथ ही शीतला माता मंदिर में दर्शन कर सबकी स्वास्थ्य की मंगल कामना की.
मेले में सवेरे 9 बजे से ही लोगों की आवक शुरू हो गई थी, जो दोपहर शाम तक जारी रही. दोपहर तक मेला पूर्ण यौवन पर पहुंच गया. मेले में आंगी गेर दल डांडिया गेर सहित आधा दर्जन गेर दलों ने डांडिया की टंकार, घुंघरुओं की झंकार, ढोल की ढमकार के साथ मनमोहक नृत्य किया. वहीं मेले में आपने शरीर पर टैटू खुदवाने को लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह देखने को मिला. मेले में मौत का कुआं और बड़े झूले आकर्षण का केंद्र रहा.
इस मौके पर स्थानीय विधायक ने कहा कि मेले हमारी संस्कृति की धरोहर है. हमे इसको संजोय रखने की जरुरत है. वहीं इस मौके पर जिला परिषद सोहन सिंह भायल ने कहा कि मेले हमारी लोक संस्कृति को जिंदा रखे हुए है. इस मौके पर मंच नवनिर्वाचित सरपंच रामनिवास आचार्य, उप सरपंच जानकी देवी सहित वार्ड पंच और ग्रामीण उपस्थित रहे.