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वर्ष 2021 की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत 08 मई को होगी आयोजित

झुंझुनू में साल 2021 की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 8 मई को आयोजित की जाएगी. झुंझुनू जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव दीक्षा सूद ने बताया कि जिले में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जिला एवं सेशन न्यायाधीश अरुण कुमार अग्रवाल मार्गदर्शन में ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाईन माध्यम से भी किया जाएगा.

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वर्ष 2021 की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत 08 मई को होगी आयोजित
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Published : Apr 17, 2021, 10:03 PM IST

झुंझुनू. वर्ष 2021 की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार 08 मई को होगा. झुंझुनू जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव दीक्षा सूद ने बताया कि जिले में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जिला एवं सेशन न्यायाधीश अरुण कुमार अग्रवाल मार्गदर्शन में ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाईन माध्यम से भी किया जाएगा.

लोक अदालत के आयोजन के लिए जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में जिले के सभी न्यायिक अधिकारियों के साथ शनिवार को बैठक आयोजित की गई. जिसमें सभी न्यायिक अधिकारियों को लोक अदालत में राजीनामा के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रकरण चिन्हित किए जाने के लिए निर्देश दिए गए.

प्रथम चरण के लिए 1576 प्रकरण चिन्हितपहले चरण में लगभग 1576 प्रकरणों को लोक अदालत के लिए चिन्हित किया जा चुका है. इस राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रि-लिटिगेशन में एनआई एक्ट के प्रकरण, धन वसूली के प्रकरण, श्रम विवाद एवं नियोजन संबंधी विवादों के प्रकरण, बिजली, पानी और अन्य भुगतान से संबंधित प्रकरण, भरण-पोषण से संबंधित प्रकरण इसके अतिरिक्त न्ययालयों में लंबित प्रकरणों में दाण्डिक शमनीय प्रकरण, एनआई एक्ट के प्रकरण, धन वसूली के प्रकरण, एमएसीटी के प्रकरण, श्रम एवं नियोजन संबंधी विवादों के प्रकरण, बिजली, पानी एवं अन्य बिल भुगतान से संबंधित प्रकरण, वैवाहिक विवाद, भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रकरण और अन्य सिविल प्रकरणों को राजीनामे से निस्तारण के लिए पेश किया जा सकेगा.

पढ़ें- राजस्थान उपचुनाव 2021: 3 सीटों पर हुए चुनाव में 60.71 फीसदी पड़े वोट, EVM में प्रत्याशियों का भाग्य कैद, दिग्गजों की साख दांव पर

चिन्हित प्रकरणों की पहले होंगी प्री-कांउसलिंगइन चिन्हित प्रकरणों में लोक अदालत से पूर्व ऑन लाईन प्री-काउंसलिंग भी करवाई जाएगी. श्रीमती सूद ने बताया कि बैंक और वित्तीय संस्थाएं ऐसे प्रकरणों प्री-लिटिगेशन स्तर पर दर्ज करावाना चाहते हैं, तो उनकी सूची समय रहते जिला विधिक सेवा प्राधिकरण या तालुका स्तर पर विधिक सेवा समितियों में प्रस्तुत कर सकेंगे, जिससे नोटिस जारी कर अविलम्ब निस्तारण के लिए प्रभावी कार्रवाई हो सके. अगर लोक अदालत में प्रकरण निस्तारित हो जाता है तो प्रकरण का अंतिम रूप से निस्तारण हो जाएगा और न्यायालय में जमा करवायी गई फीस भी वापिस मिलेगी.

झुंझुनू. वर्ष 2021 की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार 08 मई को होगा. झुंझुनू जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव दीक्षा सूद ने बताया कि जिले में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जिला एवं सेशन न्यायाधीश अरुण कुमार अग्रवाल मार्गदर्शन में ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाईन माध्यम से भी किया जाएगा.

लोक अदालत के आयोजन के लिए जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में जिले के सभी न्यायिक अधिकारियों के साथ शनिवार को बैठक आयोजित की गई. जिसमें सभी न्यायिक अधिकारियों को लोक अदालत में राजीनामा के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रकरण चिन्हित किए जाने के लिए निर्देश दिए गए.

प्रथम चरण के लिए 1576 प्रकरण चिन्हितपहले चरण में लगभग 1576 प्रकरणों को लोक अदालत के लिए चिन्हित किया जा चुका है. इस राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रि-लिटिगेशन में एनआई एक्ट के प्रकरण, धन वसूली के प्रकरण, श्रम विवाद एवं नियोजन संबंधी विवादों के प्रकरण, बिजली, पानी और अन्य भुगतान से संबंधित प्रकरण, भरण-पोषण से संबंधित प्रकरण इसके अतिरिक्त न्ययालयों में लंबित प्रकरणों में दाण्डिक शमनीय प्रकरण, एनआई एक्ट के प्रकरण, धन वसूली के प्रकरण, एमएसीटी के प्रकरण, श्रम एवं नियोजन संबंधी विवादों के प्रकरण, बिजली, पानी एवं अन्य बिल भुगतान से संबंधित प्रकरण, वैवाहिक विवाद, भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रकरण और अन्य सिविल प्रकरणों को राजीनामे से निस्तारण के लिए पेश किया जा सकेगा.

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चिन्हित प्रकरणों की पहले होंगी प्री-कांउसलिंगइन चिन्हित प्रकरणों में लोक अदालत से पूर्व ऑन लाईन प्री-काउंसलिंग भी करवाई जाएगी. श्रीमती सूद ने बताया कि बैंक और वित्तीय संस्थाएं ऐसे प्रकरणों प्री-लिटिगेशन स्तर पर दर्ज करावाना चाहते हैं, तो उनकी सूची समय रहते जिला विधिक सेवा प्राधिकरण या तालुका स्तर पर विधिक सेवा समितियों में प्रस्तुत कर सकेंगे, जिससे नोटिस जारी कर अविलम्ब निस्तारण के लिए प्रभावी कार्रवाई हो सके. अगर लोक अदालत में प्रकरण निस्तारित हो जाता है तो प्रकरण का अंतिम रूप से निस्तारण हो जाएगा और न्यायालय में जमा करवायी गई फीस भी वापिस मिलेगी.

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