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SPECIAL: राजस्थान में यहां गौवंश के लिए बना सुपर हॉस्पिटल, हर मर्ज का यहां होता है उपचार

झुंझुनू जिले में एक ऐसा अस्पताल है जहां पर गौवंश के लिए हर तरह की चिकित्सकीय सुविधाएं मिलती हैं. यहां पर ऑपरेशन थियेटर, एक्सरे मशीन और लैब की सुविधा भी है. इसके अलावा यहां अन्य रोगों को डाइग्नोस करने के लिए टेस्ट लैब भी उपलब्ध है साथ ही पशुओं में हार्ट अटैक की बीमारी का भी यहां पर उपचार किया जाता है.

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झुंझुनू जिले में गौवंश के लिए बना है सुपर हॉस्पिटल
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Published : Sep 29, 2020, 8:43 PM IST

झुंझुनू. इंसानों की बीमारियों का पता लगाने के लिए जिस तरह के टैस्ट होते हैं, जिस तरह की मशीनें काम में ली जाती है और सर्जरी के लिए ऑपरेशन किए जाते हैं यह सब सुविधाएं झुंझुनू के मूक प्राणियों के लिए इस अस्पताल है. झुंझुनू की श्री गोपाल गोशाला में स्थित इस हास्पिटल में पशुओं और विशेषकर गायों के ब्लड टैस्ट, यूरिन टैस्ट और मिल्क टैस्ट की सुविधा है. इसके अलावा रोगों को डाइग्नोस करने के लिए इस तरह के टैस्ट भी यहां उपलब्ध हैं, जिससे पता चलता है कि गाय और अन्य जानवरों में कैल्शियम या फास्फोरस की कमी है या नहीं है.

झुंझुनू जिले में गौवंश के लिए बना है सुपर हॉस्पिटल

वैसे तो यह अस्पताल झंझुनू जिले के श्रीे गोपाल गोशाला में बनाया गया है लेकिन इस अस्पताल की सेवाएं शहर के सभी लोगों के लिए नि:शुल्क उपलब्ध हैं. गांव और शहर से लोग आकर यहां पर अपने जानवरों की दिखाते हैं और उपचार करवाते हैं. अगर किसी तरह की जांच की जरूरत हो ती है तो यहां पर लगभग सारी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं.

पशुओं के वैक्सिनेशन का शेड्युल-

श्री गोपाल गाौशाला की तो करीब 1700 गायों और नंदियों के लिए वैक्सिनेशन का बाकायदा शेड्युल बनाया हुआ है कि किस महीने गायों को कौन सा और कैसा टिका लगाना है. बारिशकाल में गायों को सबसे ज्यादा बीमारियां आती हैं और ऐसे में शुरूआत में ही खुरपका, मुंहपका और रक्त सम्बन्धी बीमारियों के लिए टीका लगा दिए जाते हैं.

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यहां पर सबसे ज्यादा गायों का उपचार होता है. बारिश के दौरान पशुओं में बिमारियों की खास वजह है ये भी है कि बारिश के मौसम में पशु ज्यादातर गिला चारा खाते हैं इसलिए भी मुंहपका और खुरपका जैसी बीमारियां होती हैं.

इस अस्पताल को खास बनाने की वजह है कि यहां पर गौवंशों के लिए आपरेशन थियेटर से लेकर एक्सरे मशीन और लैब की सुविधा भी है.

गायों के हार्ट की भी होती है जांच-
इंसान की तरह ही गायों में भी हार्ट सम्बन्धी बीमारियां पाई जाती है. हार्ट अटैक ऐसी बिमारी होती है जिससे इंसान की कब मौत हो जाए कहा नहीं जा सकता. ठीक इसी तरह जानवरों में भी हार्ट से संबंधित बीमारियां पाई जाती है. अगर किसी भी गौवंश को हार्ट से संबंधित बीमारी हो है तो यहां पर हर सुविधा उपल्बध है इस अस्पताल में गायों की ईसीजी भी संभव है.

पशुओं में हार्ट अटैक की बीमारी-

मनुष्यों की तरह ही पशु भी हार्टअटैक बीमारी के शिकार होने लगे हैं. इस रोग का न तो कोई पूर्व लक्षण हैं और न ही इलाज. कब हार्टअटैक हो जाए, यह भी नहीं कहा जा सकता. पशुओं में हार्टअटैक की बीमारी पहले से ही दिल में पनप रहे किसी रोग की वजह से होता है. ठिठुरन और घने कोहरे के कारण भी पशुओं में दिल की धड़कन रुक जाती है. चिकित्सकों के माने तो ठंड की वजह से दिल में परिवर्तन होता है. दिल की दीवार में पहले से किसी कारण से सूजन होना, लार्वा का हार्ट में चिपकना, वसा जमा होना या फिर गोबर रुकना इसका कारण हो सकता है. लार्वा के प्रभाव से दीवार कमजोर हो जाती है. ठंड में पशु के दिल पर अधिक प्रभाव पड़ता है कोहरे की वजह से वह उचित मात्रा में ऑक्सीजन नहीं ले पाते और पशुओं की मौत हो जाती है.

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झुंझुनू की श्री गोपाल गौशाला के सौजन्य से संचालित इस हॉस्पिटल को को बनाने में दानदाता भी सहयोग कर रहे हैं. वहीं जिले के जसरापुर गांव के रहने वाले हैं वर्तमान में मुंबई में रहने वाले एक परिवार ने करीब एक करोड़ रुपए की मदद की थी. इस हॉस्पिटल को शुरू हुए करीब एक महीने हो गए हैं. फिलहाल यहां दो वेटरनरी डॉक्टर, तीन कंपाउंडर, दो लैब टेक्नीशियन और 2 वार्ड बॉय काम कर रहे हैं. यहां पर समय-समय पर सरकारी पशु चिकित्सक भी राउंड पर आते रहते हैं.

झुंझुनू. इंसानों की बीमारियों का पता लगाने के लिए जिस तरह के टैस्ट होते हैं, जिस तरह की मशीनें काम में ली जाती है और सर्जरी के लिए ऑपरेशन किए जाते हैं यह सब सुविधाएं झुंझुनू के मूक प्राणियों के लिए इस अस्पताल है. झुंझुनू की श्री गोपाल गोशाला में स्थित इस हास्पिटल में पशुओं और विशेषकर गायों के ब्लड टैस्ट, यूरिन टैस्ट और मिल्क टैस्ट की सुविधा है. इसके अलावा रोगों को डाइग्नोस करने के लिए इस तरह के टैस्ट भी यहां उपलब्ध हैं, जिससे पता चलता है कि गाय और अन्य जानवरों में कैल्शियम या फास्फोरस की कमी है या नहीं है.

झुंझुनू जिले में गौवंश के लिए बना है सुपर हॉस्पिटल

वैसे तो यह अस्पताल झंझुनू जिले के श्रीे गोपाल गोशाला में बनाया गया है लेकिन इस अस्पताल की सेवाएं शहर के सभी लोगों के लिए नि:शुल्क उपलब्ध हैं. गांव और शहर से लोग आकर यहां पर अपने जानवरों की दिखाते हैं और उपचार करवाते हैं. अगर किसी तरह की जांच की जरूरत हो ती है तो यहां पर लगभग सारी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं.

पशुओं के वैक्सिनेशन का शेड्युल-

श्री गोपाल गाौशाला की तो करीब 1700 गायों और नंदियों के लिए वैक्सिनेशन का बाकायदा शेड्युल बनाया हुआ है कि किस महीने गायों को कौन सा और कैसा टिका लगाना है. बारिशकाल में गायों को सबसे ज्यादा बीमारियां आती हैं और ऐसे में शुरूआत में ही खुरपका, मुंहपका और रक्त सम्बन्धी बीमारियों के लिए टीका लगा दिए जाते हैं.

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यहां पर सबसे ज्यादा गायों का उपचार होता है. बारिश के दौरान पशुओं में बिमारियों की खास वजह है ये भी है कि बारिश के मौसम में पशु ज्यादातर गिला चारा खाते हैं इसलिए भी मुंहपका और खुरपका जैसी बीमारियां होती हैं.

इस अस्पताल को खास बनाने की वजह है कि यहां पर गौवंशों के लिए आपरेशन थियेटर से लेकर एक्सरे मशीन और लैब की सुविधा भी है.

गायों के हार्ट की भी होती है जांच-
इंसान की तरह ही गायों में भी हार्ट सम्बन्धी बीमारियां पाई जाती है. हार्ट अटैक ऐसी बिमारी होती है जिससे इंसान की कब मौत हो जाए कहा नहीं जा सकता. ठीक इसी तरह जानवरों में भी हार्ट से संबंधित बीमारियां पाई जाती है. अगर किसी भी गौवंश को हार्ट से संबंधित बीमारी हो है तो यहां पर हर सुविधा उपल्बध है इस अस्पताल में गायों की ईसीजी भी संभव है.

पशुओं में हार्ट अटैक की बीमारी-

मनुष्यों की तरह ही पशु भी हार्टअटैक बीमारी के शिकार होने लगे हैं. इस रोग का न तो कोई पूर्व लक्षण हैं और न ही इलाज. कब हार्टअटैक हो जाए, यह भी नहीं कहा जा सकता. पशुओं में हार्टअटैक की बीमारी पहले से ही दिल में पनप रहे किसी रोग की वजह से होता है. ठिठुरन और घने कोहरे के कारण भी पशुओं में दिल की धड़कन रुक जाती है. चिकित्सकों के माने तो ठंड की वजह से दिल में परिवर्तन होता है. दिल की दीवार में पहले से किसी कारण से सूजन होना, लार्वा का हार्ट में चिपकना, वसा जमा होना या फिर गोबर रुकना इसका कारण हो सकता है. लार्वा के प्रभाव से दीवार कमजोर हो जाती है. ठंड में पशु के दिल पर अधिक प्रभाव पड़ता है कोहरे की वजह से वह उचित मात्रा में ऑक्सीजन नहीं ले पाते और पशुओं की मौत हो जाती है.

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झुंझुनू की श्री गोपाल गौशाला के सौजन्य से संचालित इस हॉस्पिटल को को बनाने में दानदाता भी सहयोग कर रहे हैं. वहीं जिले के जसरापुर गांव के रहने वाले हैं वर्तमान में मुंबई में रहने वाले एक परिवार ने करीब एक करोड़ रुपए की मदद की थी. इस हॉस्पिटल को शुरू हुए करीब एक महीने हो गए हैं. फिलहाल यहां दो वेटरनरी डॉक्टर, तीन कंपाउंडर, दो लैब टेक्नीशियन और 2 वार्ड बॉय काम कर रहे हैं. यहां पर समय-समय पर सरकारी पशु चिकित्सक भी राउंड पर आते रहते हैं.

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