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झुंझुनू के शौर्य उद्यान में सिकंदर की मूर्ति लगाने पर बीजेपी ने दिया ये जवाब

झुंझुनू के दौरासर गांव में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के दौरान देश का पहला शौर्य उद्यान बनाया गया था. जिसमें भारत के सम्राट पोरस के साथ यूनानी आक्रमणकारी सिकंदर की भी प्रतिमा लगवाई गई है जिसको लेकर इतिहासकार भी सहमत नहीं है. वहीं भाजपा भी इस मुद्दे पर बचाव मुद्रा में दिखी.

देश का पहला शौर्य उद्यान झुंझुनू में
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Published : May 18, 2019, 10:50 AM IST

झुंझुनू. राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप व अकबर की महानता को लेकर विवाद चल रहा है. इस कड़ी में भाजपा कांग्रेस पर जमकर निशाना साध रही है, लेकिन अब झुंझुनू जिले के दौरासर गांव में भाजपा सरकार के कार्यकाल में बनाए गए शौर्य उद्यान से अब कांग्रेस भाजपा को निशाने पर ले रही है. क्योंकि यहां यूनानी आक्रमणकारी सिंकदर के समकक्ष राजा पोरस की प्रतिमा को रखवाया गया है, जबकि दोनों में भयंकर युध्द हुआ था. साफ जाहिर है कि भाजपा ने सिकंदर का भी महिमामंडन किया है.

बता दें कि शहीदों की धरती झुंझुनू के दौरासर गांव में देश का पहला शौर्य उद्यान बनाया गया है, जहां पर भारतीय सेना के साथ-साथ देश के महान राजाओं की वीरता से भी नई पीढ़ी को रूबरू कराने का प्रयास किया जा रहा है. इस शौर्य उद्यान में सिकंदर के अलावा दुनिया के अन्य किसी भी सम्राट की मूर्ति नहीं लगाई गई है. सिकंदर के सामने ही उसके सामने लड़ने वाले भारत के वीर सम्राट राजा पोरस की भी मूर्ति लगाई गई है.

देश का पहला शौर्य उद्यान झुंझुनू में

इतिहासकार सिकंदर को नहीं मानते पोरस के समकक्ष

वहीं यदि इतिहासकारों व शिक्षको की भी बात करें तो वे भी यूनानी आक्रमणकारी सिकंदर को भारतीय वीर राजा पोरस के समकक्ष नहीं मानते. उनका मानना है कि सिकंदर का दुनिया में किसी भी तरह का रुतबा रहा होगा लेकिन भारत के संदर्भ में वह एक आक्रमणकारी ही था. दूसरी ओर राजा पोरस ने बड़ी ही वीरता के साथ लड़ाई लड़ी थी और अपने देश को बचाने के लिए बहादुरी दिखाई थी. ऐसे मे सिकंदर और राजा पोरस को समकक्ष नहीं रखा जा सकता है.

इस मुद्दे पर जिला भाजपा मीडिया प्रभारी कमल कांत शर्मा ने कहा कि ये सही है कि वो एक आक्रमणकारी था, लेकिन वीरता तो उसमें भी थी. इसलिए नई पीढ़ी को वीरता के लिए प्रेरित करने के लिए उसकी भी मूर्ति लगवाई गई है.

झुंझुनू. राज्य के स्कूली पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप व अकबर की महानता को लेकर विवाद चल रहा है. इस कड़ी में भाजपा कांग्रेस पर जमकर निशाना साध रही है, लेकिन अब झुंझुनू जिले के दौरासर गांव में भाजपा सरकार के कार्यकाल में बनाए गए शौर्य उद्यान से अब कांग्रेस भाजपा को निशाने पर ले रही है. क्योंकि यहां यूनानी आक्रमणकारी सिंकदर के समकक्ष राजा पोरस की प्रतिमा को रखवाया गया है, जबकि दोनों में भयंकर युध्द हुआ था. साफ जाहिर है कि भाजपा ने सिकंदर का भी महिमामंडन किया है.

बता दें कि शहीदों की धरती झुंझुनू के दौरासर गांव में देश का पहला शौर्य उद्यान बनाया गया है, जहां पर भारतीय सेना के साथ-साथ देश के महान राजाओं की वीरता से भी नई पीढ़ी को रूबरू कराने का प्रयास किया जा रहा है. इस शौर्य उद्यान में सिकंदर के अलावा दुनिया के अन्य किसी भी सम्राट की मूर्ति नहीं लगाई गई है. सिकंदर के सामने ही उसके सामने लड़ने वाले भारत के वीर सम्राट राजा पोरस की भी मूर्ति लगाई गई है.

देश का पहला शौर्य उद्यान झुंझुनू में

इतिहासकार सिकंदर को नहीं मानते पोरस के समकक्ष

वहीं यदि इतिहासकारों व शिक्षको की भी बात करें तो वे भी यूनानी आक्रमणकारी सिकंदर को भारतीय वीर राजा पोरस के समकक्ष नहीं मानते. उनका मानना है कि सिकंदर का दुनिया में किसी भी तरह का रुतबा रहा होगा लेकिन भारत के संदर्भ में वह एक आक्रमणकारी ही था. दूसरी ओर राजा पोरस ने बड़ी ही वीरता के साथ लड़ाई लड़ी थी और अपने देश को बचाने के लिए बहादुरी दिखाई थी. ऐसे मे सिकंदर और राजा पोरस को समकक्ष नहीं रखा जा सकता है.

इस मुद्दे पर जिला भाजपा मीडिया प्रभारी कमल कांत शर्मा ने कहा कि ये सही है कि वो एक आक्रमणकारी था, लेकिन वीरता तो उसमें भी थी. इसलिए नई पीढ़ी को वीरता के लिए प्रेरित करने के लिए उसकी भी मूर्ति लगवाई गई है.

Intro:झुंझुनू। राज्य के स्कूली पाठ्यक्रमों में महाराणा प्रताप व अकबर की महानता को लेकर चल रहे विवाद के बीच देश के पहले शौर्य उद्यान में यूनानी आक्रमणकारी सिकंदर की मूर्ति रखने पर भाजपा बचाव मुद्रा में आ गई है। गौरतलब है कि भाजपा सरकार के दौरान बनाए गए शौर्य उद्यान में भारत के सभी महान राजाओं के साथ यूनानी आक्रमणकारी सिकंदर का भी महिमामंडन किया गया है। इसे लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा था। शहीदों की धरती झुंझुनू के दौरासर गांव में देश का पहला शौर्य योगदान बनाया गया है , जहां पर भारतीय सेनाओं के साथ-साथ देश के महान राजाओं की वीरता से भी नई पीढ़ी को रूबरू कराने का प्रयास किया जा रहा है। इस शौर्य उद्यान में सिकंदर के अलावा दुनिया के अन्य किसी भी सम्राट की मूर्ति नहीं लगाई गई है। सिकंदर के सामने ही उसके सामने लड़ने वाले भारत के वीर सम्राट राजा पोरस की भी मूर्ति लगाई गई है।


Body:इतिहासकार सिकंदर को नहीं मानते पोरस के समकक्ष
वहीं यदि इतिहासकारों व शिक्षको की भी बात करें तो वे भी यूनानी आक्रमणकारी सिकंदर को भारतीय वीर राजा पोरस के समकक्ष नहीं मानते। उनका मानना है कि सिकंदर का दुनिया में किसी भी तरह का रुतबा रहा होगा लेकिन भारत के संदर्भ में वह एक आक्रमणकारी ही था। दूसरी ओर राजा पोरस ने बड़ी ही वीरता के साथ लड़ाई लड़ी थी और अपने देश को बचाने के लिए बहादुरी दिखाई थी। ऐसे मे सिकंदर और राजा पोरस को समकक्ष नहीं रखा जा सकता है।


बाइट वन
कमल कांत शर्मा भाजपा मीडिया प्रभारी झुंझुनू

बाइट दो
उमेद सिंह पूनिया रिटायर्ड जिला शिक्षा अधिकारी


Conclusion:
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