झुंझुनू. नहर का पानी आने के बाद राजस्थान के मरुस्थलीय जिले गुलजार हो गए. लेकिन शेखावाटी अभी भी इसके लिए तरस रहा है. शेखावाटी में सारे नेता विशेषकर कद्दावर जाट नेता शीशराम ओला ने लंबे समय तक नहर के नाम पर राजनीति की है.
हालांकि उन्होंने कई बार प्रयास भी किए, लेकिन वह नाकाफी साबित हुए. यमुना जल संघर्ष समिति के संयोजक ने दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मिलकर यमुना जल समझौता लागू कराने के लिए हरियाणा पर दबाव बनाने की मांग की. राजस्थान को पानी यमुना वेस्टर्न कैनाल के जरिए ही दिलाने की मांग की, यमुना जल संघर्ष समिति के संयोजक यशवर्धन सिंह की अगुवाई में गई टीम ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से मिलकर यमुना जल समझौते को लेकर ज्ञापन भी सौंपा.
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नहर की वास्तविक स्थिति आई सामने...
संयोजक यशवर्धन सिंह ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को बताया कि शेखावाटी पिछले 25 साल से यमुना के पानी का इंतजार कर रहा है. हर बार हरियाणा कोई न कोई बहाना बनाकर राजस्थान को जल समझौते के अनुसार उसके हक का पानी नहीं दे रहा है. 1 घंटे तक चली मुलाकात के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह ने विस्तार से पूरे मामले की जानकारी ली. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राजस्थान द्वारा 20 हजार करोड़ की डीपीआर भेजी गई थी. उस प्रोजेक्ट का बजट काफी है, इसलिए यमुना नहर का पानी शेखावाटी लाने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार किया जा रहा है.
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पूरा झुंझुनू जिला आ चुका है डार्क जोन में...
इस पर संघर्ष समिति की ओर से हरियाणा की वेस्टर्न यमुना केनाल के जरिए राजस्थान को पानी दिए जाने का सुझाव दिया गया. इसमें बताया कि हरियाणा की नहरों के जरिए राजस्थान बॉर्डर तक पानी आसानी से आ सकता है. इसके रख-रखाव के लिए राजस्थान सरकार अपनी सहमति पहले ही दे चुकी है.
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केंद्रीय मंत्री को बताया, शेखावाटी में गंभीर जल संकट...
यमुना जल संघर्ष समिति ने शेखावत को बताया कि शेखावाटी के लिए यमुना का पानी संजीवनी साबित होगा. शेखावाटी काफी गंभीर जल संकट से जूझ रहा है. भूमिगत जल स्तर काफी नीचे चला गया है. वहीं झुंझुनू जिला डार्क जोन में आ चुका है. बता दें कि 5 राज्यों हिमाचल, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बीच यमुना जल के बंटवारे के संबंध में समझौता होने के बाद राजस्थान को छोड़कर अन्य राज्यों को यमुना का पानी समझौते के अनुसार मिलने लगा है, लेकिन हरियाणा की हठधर्मिता के कारण राजस्थान को पानी नहीं मिल रहा है.