सूरजगढ़ (झुंझुनू). जिले के सूरजगढ़ कस्बे में गुरुवार को साल के आखिरी सूर्यग्रहण का असर दिखा. ग्रहण काल के दौरान सूतक शुरू होते ही सभी मंदिरों के पट बंद हो गए. कस्बे के श्याम मंदिरों के साथ दूसरे मंदिरों के पट भी बंद रहे.
इस दौरान मंदिरों में भक्ति भाव का माहौल नजर आया. हर जगह भजनों और प्रार्थनाओं का दौर जारी रहा. श्याम दरबार के पुजारी हजारीलाल सैनी ने बताया, कि सनातन संस्कृति के ग्रहण काल का विशेष महत्व है. इस दौरान मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. भगवान के दर्शन भी ग्रहण काल के दौरान वर्जित रहते हैं.
ग्रहण काल के समापन के बाद भगवान को स्नान कराकर आरती के बाद मंदिर के पट श्रध्दालुओं के लिए खोल दिए गए. ग्रहण का प्रभाव सबसे ज्यादा गर्भवती स्त्रियों को लगता है. इसके चलते गर्भवती महिलाएं ग्रहण के बीच घरों से बाहर नहीं निकलीं और ना ही ग्रहण को देखा.
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वहीं ग्रहण काल के दौरान बाजारों में भी पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा. अनाज मंडी सहित मुख्य बाजार के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद रहे.