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Marriage in Jhunjhunu : सात समुंदर पार से आई सहायता, गरीब बेटियों के पीले होंगे हाथ... - Rajasthan Hindi News

राजस्थान में झुंझुनू जिले के उदयपुरवाटी कस्बे से एक मार्मिक खबर सामने आई है. पाई-पाई को मोहताज एक गरीब परिवार की दो बेटियों की शादी होने जा रही है. इस खुशी के पल को याद कर बेटियों की मां भावुक हो गईं और मदद करने वालों को दिल से दुआ दिया. यहां जानिए पूरी कहानी...

Rajasthani Group Helped in Marriage
गरीब बेटियों के पीले होंगे हाथ...
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Published : Dec 11, 2022, 3:41 PM IST

Updated : Dec 11, 2022, 8:19 PM IST

किसने क्या कहा, सुनिए...

झुंझुनू. कहते हैं कि जिसका कोई नहीं होता उसका भगवान होता है. ऐसी ही एक मार्मिक कहानी है झुंझुनू जिले के उदयपुरवाटी कस्बे के किरोड़ी रोड़ स्थित अनुसूचित जाति के बिजोरिया परिवार की. पटवारी लाल बिजोरिया की दो लड़कियों की शादी 11 दिसंबर को हो रही है. बेटियों के पिता पटवारी लाल की 6 माह पूर्व अक्समात निधन हो गया था. यही नहीं, घर में इकलौते जवान भाई की भी डेढ़ वर्ष पहले सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी, जिसके बाद इस परिवार पर दुखों का पहाड़ इस कदर टूट पड़ा कि खाने तक के लाले पड़ गए.

एकमात्र छप्पर में जीवन बिताने वाला यह परिवार दो वक्त की रोटी के लिए भी मोहताज हो गया. इस शादी से पहले दो बार इन बेटियों की शादी की बात तो हुई, लेकिन पैसे के अभाव में शादी टूट गई. मजबूर मां को उम्मीद नहीं थी कि उनकी बेटियों की शादी हो पाएगी. इस दौरान मीडिया की सुर्खियां बनी इस परिवार की मार्मिक खबर (Bajoria family of Udaipurwati) सात समुंदर पार दोहा कतर में चल रहे राजस्थानी ग्रुप के हिंदू-मुस्लिम भाइयों को लगी तो इस बेबस परिवार की दास्तां उस ग्रुप के लोगों के दिल में घर कर गई.

उसी समय उन्होंने ठान लिया कि कुछ भी हो, इन बिन बाप और बिन भाई की बहनों को अब बाप और भाई का पूरा प्यार हम देंगे. ऐसा ही हुआ शनिवार को दोहा कतर राजस्थानी ग्रुप के कुछ लोग बेटियों के घर आए. उन्होने बेसहारा परिवार की बेटियों की शादी के लिए 1 लाख 11 हजार रुपए की नकद राशि सहित एक फ्रिज प्रदान किया. जिसमें दोहा कतर में नौकरी करने वाले हिंदू-मुस्लिम भाइयों का सराहनीय सहयोग रहा. मौके पर मौजूद समाजसेवी सुरेश मीणा ने इन बहनों के विवाह के लिए सात समुंदर पार से सहायता राशि भेजने वाले राजस्थानी दोहा कतर ग्रुप के संचालक राजेश कुमार सैनी चिड़ावा का आभार जताया.

उन्होंने कहा कि हमें ऐसे सेवाभावी लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए और पीड़ित परिवार की हर संभव मदद करनी चाहिए. वहीं, बेटियों की मां ने कहा कि मेरा सपना साकार हुआ. मेरी बेटियों को भी आप जैसे पिता और भाइयों का प्यार मिला. मेरे घर को आबाद करने वालों तुम्हारा घर परिवार हमेशा सुखी रहे. राकेश कुमावत ने कहा कि जहां भी जरूरतमंद को हमारी जरूरत पड़े तो हमारे राजस्थानी ग्रुप दोहा कतर को सूचना दें. हम ऐसे जरूरतमंद व्यक्तियों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहेंगे.

पढ़ें : अनूठी पहल : 15 सखियों ने 3 साल में कराई 40 गरीब कन्याओं की शादी...घर-घर जाकर मांगती हैं मदद

इस दौरान दोहा कतर राजस्थानी ग्रुप के सदस्य (Rajasthani Living in Doha Qatar) राकेश कुमावत सीकर सहित आदिवासी मीणा सेवा संघ के प्रदेश प्रधान सुरेश मीणा किशोरपुरा, राजेश सैनी चंंवरा शीशराम गुर्जर मंडावरा, किशोर कुमार सैनी, सहायक लेखा अधिकारी विजयपाल गोठवाल ककराना, अखिल भारतीय अंबेडकर महासभा के झुंझुनू जिला महासचिव जगदीश प्रसाद महरानियां सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे.

किसने क्या कहा, सुनिए...

झुंझुनू. कहते हैं कि जिसका कोई नहीं होता उसका भगवान होता है. ऐसी ही एक मार्मिक कहानी है झुंझुनू जिले के उदयपुरवाटी कस्बे के किरोड़ी रोड़ स्थित अनुसूचित जाति के बिजोरिया परिवार की. पटवारी लाल बिजोरिया की दो लड़कियों की शादी 11 दिसंबर को हो रही है. बेटियों के पिता पटवारी लाल की 6 माह पूर्व अक्समात निधन हो गया था. यही नहीं, घर में इकलौते जवान भाई की भी डेढ़ वर्ष पहले सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी, जिसके बाद इस परिवार पर दुखों का पहाड़ इस कदर टूट पड़ा कि खाने तक के लाले पड़ गए.

एकमात्र छप्पर में जीवन बिताने वाला यह परिवार दो वक्त की रोटी के लिए भी मोहताज हो गया. इस शादी से पहले दो बार इन बेटियों की शादी की बात तो हुई, लेकिन पैसे के अभाव में शादी टूट गई. मजबूर मां को उम्मीद नहीं थी कि उनकी बेटियों की शादी हो पाएगी. इस दौरान मीडिया की सुर्खियां बनी इस परिवार की मार्मिक खबर (Bajoria family of Udaipurwati) सात समुंदर पार दोहा कतर में चल रहे राजस्थानी ग्रुप के हिंदू-मुस्लिम भाइयों को लगी तो इस बेबस परिवार की दास्तां उस ग्रुप के लोगों के दिल में घर कर गई.

उसी समय उन्होंने ठान लिया कि कुछ भी हो, इन बिन बाप और बिन भाई की बहनों को अब बाप और भाई का पूरा प्यार हम देंगे. ऐसा ही हुआ शनिवार को दोहा कतर राजस्थानी ग्रुप के कुछ लोग बेटियों के घर आए. उन्होने बेसहारा परिवार की बेटियों की शादी के लिए 1 लाख 11 हजार रुपए की नकद राशि सहित एक फ्रिज प्रदान किया. जिसमें दोहा कतर में नौकरी करने वाले हिंदू-मुस्लिम भाइयों का सराहनीय सहयोग रहा. मौके पर मौजूद समाजसेवी सुरेश मीणा ने इन बहनों के विवाह के लिए सात समुंदर पार से सहायता राशि भेजने वाले राजस्थानी दोहा कतर ग्रुप के संचालक राजेश कुमार सैनी चिड़ावा का आभार जताया.

उन्होंने कहा कि हमें ऐसे सेवाभावी लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए और पीड़ित परिवार की हर संभव मदद करनी चाहिए. वहीं, बेटियों की मां ने कहा कि मेरा सपना साकार हुआ. मेरी बेटियों को भी आप जैसे पिता और भाइयों का प्यार मिला. मेरे घर को आबाद करने वालों तुम्हारा घर परिवार हमेशा सुखी रहे. राकेश कुमावत ने कहा कि जहां भी जरूरतमंद को हमारी जरूरत पड़े तो हमारे राजस्थानी ग्रुप दोहा कतर को सूचना दें. हम ऐसे जरूरतमंद व्यक्तियों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहेंगे.

पढ़ें : अनूठी पहल : 15 सखियों ने 3 साल में कराई 40 गरीब कन्याओं की शादी...घर-घर जाकर मांगती हैं मदद

इस दौरान दोहा कतर राजस्थानी ग्रुप के सदस्य (Rajasthani Living in Doha Qatar) राकेश कुमावत सीकर सहित आदिवासी मीणा सेवा संघ के प्रदेश प्रधान सुरेश मीणा किशोरपुरा, राजेश सैनी चंंवरा शीशराम गुर्जर मंडावरा, किशोर कुमार सैनी, सहायक लेखा अधिकारी विजयपाल गोठवाल ककराना, अखिल भारतीय अंबेडकर महासभा के झुंझुनू जिला महासचिव जगदीश प्रसाद महरानियां सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे.

Last Updated : Dec 11, 2022, 8:19 PM IST
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