उदयपुरवाटी (झुंझुनूं). शहर के काजीयान मस्जिद में मोहर्रम के 15 दिन पहले से ही ताजिया बनाने की तैयारियां जोर-शोर पर चल रही हैं. शहर के मुस्लिम समुदाय की ओर से मोहर्रम पर्व पर ताजिया का जुलूस निकाला जाएगा. जुलूस में युवाओं की ओर से ढोल ताशे के साथ करतब का प्रदर्शन किया जाएगा. मोहर्रम को लेकर शहर में ताजिए बनने शुरू हो गए हैं. कारीगर हाजिर विधानसभा क्षेत्र सहित आसपास के इलाकों में भी ताजिया निर्माण कार्य में जुटे हुए हैं. वहीं, काजियान मस्जिद में 4 कारीगर ताजिया बनाने में जुटे हैं.
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उदयपुरवाटी में 21 फीट का ताजिया
उदयपुरवाटी कस्बे में मोहर्रम के मौके पर निकलने वाला ताजिया इस बार 21 फीट का होगा. इस ताजिये में सत्तर बांस लगा रहे हैं. रंगीन कागज, रंगीन पन्नी, प्लास्टिक की गेंदे, प्लाई, दफ्ती, किरकिरी कागज आदि का प्रयोग भी हो रहा है.यह ताजियै उदयपुरवाटी कस्बे के मुख्य मार्ग से होते हुए पोस्ट ऑफिस गोपीनाथजी मंदिर होते हुए मुख्य बस स्टैंड से पुलिस थाना, घुमचक्कर किसान, धर्म कांटा नदी में कर्बला में पहुंचेगा. साथ ही इस बार इन कारिगरों को झांसी, नदीगांव, कदौरा, जालौन, सारंगपुर आदि जगहों पर ताजिया बनाने का कार्य मिला हुआ है.
ताजिया बनाना आस्था के साथ कुटीर उद्योग का भी संसाधन
ताजिया बनाने में एक ही परिवार के सभी लोग जुटे हुए हैं, कारीगर ताजियों के अंतिम रूप देने में जुटे हैं. कारीगरों ने बताया कि ताजिया बनाने के लिए मोहर्रम के 15 दिन पहले से ही बांस इत्यादि काटकर उनके तैयारियों में जुट जाते हैं. वर्तमान में छोटे ताजियों की कीमत डेढ़ ₹150 से लेकर ₹20000 तक का ताजाया निर्माण किया जाता है. जो आस्था के साथ साथ परिवार के लिए कुटीर उद्योग का भी संसाधन है.
मोहर्रम में ताजिया बनाने का काम कारीगरों के पूर्वज करते आ रहे हैं. पीढ़ियों से ताजिया बनाने की रीति रिवाज के अनुसार किया जा रहा है. आज भी पूर्वजों के किए कामों को जारी रखने के लिए पीढ़ी दर पीढ़ी मोहर्रम के ताजिए बना रही है. .