ETV Bharat / state

ये है 'खुशियों की पाठशाला', यहां पर समझेंगे आखिर क्या सोचते हैं बच्चे

स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों में अकसर एक अनजान सा भय होता है. कुछ बच्चे तो स्कूल जाने से ज्यादा ही झिझकते हैं. इसके कई कारण हो सकते हैं. ऐसे में व्यस्तता के चलते मां-बाप बच्चों से बात नहीं कर पाते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए जिले के एक स्कूल ने बच्चों के लिए 'खुशियों की पाठशाला' नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया है.

author img

By

Published : Dec 4, 2019, 1:13 PM IST

झुंझुनू, social emotional ethical learning, पीरामल फाउंडेशन
खुशियों की पाठशाला शुरू, ताकि समझ सकें बच्चों का मनोविज्ञान

झुंझुनू. स्कूल जाते वक्त हर किसी का अपना एक अनुभव होता है और कहीं न कहीं पहली बार स्कूल जा रहे छोटे बच्चों को एक अनजान भय भी रहता है. झुंझुनू में पिरामल फाउंडेशन और जिला प्रशासन की ओर से अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान के जरिए बच्चों को ट्रेंड टीचर्स अनजान भय से मुक्त करने में मदद कर सकेंगे. इसके अलावा इसमें बच्चों के भावनात्मक जुड़ाव के लिए भी मदद की जाएगी.

खुशियों की पाठशाला शुरू, ताकि समझ सकें बच्चों का मनोविज्ञान

बता दें कि 'शहीद कर्नल जेपी जानू स्कूल' में पीरामल फाउंडेशन की ओर से इसका शुभारंभ किया गया, जिसे नाम दिया गया है 'खुशियों की पाठशाला' या फिर सोशल इमोशनल एथिकल लर्निंग. जिला कलेक्टर रवि जैन ने बताया कि इसमें बच्चों को किताबी ज्ञान के लिए ही नहीं, बल्कि उनके मानसिक तनाव, टेंशन और उनके प्रतिभाओं को उजागर करना हमारा कर्तव्य है. इसके अलावा बच्चों को मोटिवेट करने की भी ट्रेनिंग पीरामल फाउंडेशन की ओर से अध्यापकों को दी जाएगी, जिससे बच्चों की भावनाओं को उजागर किया जा सके.

पढ़ें: नागरिकता संशोधन बिल : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

जानिए क्या है 'खुशियों की पाठशाला'...

आज का युग कंप्यूटर का युग है. अत्यधिक भागदौड़ भरी इस जिंदगी में लोग अपने बच्चों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं. इसलिए भावनात्मक सम्बन्धों में कमी आ रही है. इसे रोकने के लिए 'शहीद कर्नल जेपी जानू स्कूल' में जिला प्रसाशन, शिक्षा विभाग और पीरामल फाउंडेशन के सहयोग से खुशियों की पाठशाला का शुभारंभ किया गया. इस पाठशाला का उद्देश्य बच्चों में अच्छे बुरे की समझ, सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता विकसित करना है.

झुंझुनू. स्कूल जाते वक्त हर किसी का अपना एक अनुभव होता है और कहीं न कहीं पहली बार स्कूल जा रहे छोटे बच्चों को एक अनजान भय भी रहता है. झुंझुनू में पिरामल फाउंडेशन और जिला प्रशासन की ओर से अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान के जरिए बच्चों को ट्रेंड टीचर्स अनजान भय से मुक्त करने में मदद कर सकेंगे. इसके अलावा इसमें बच्चों के भावनात्मक जुड़ाव के लिए भी मदद की जाएगी.

खुशियों की पाठशाला शुरू, ताकि समझ सकें बच्चों का मनोविज्ञान

बता दें कि 'शहीद कर्नल जेपी जानू स्कूल' में पीरामल फाउंडेशन की ओर से इसका शुभारंभ किया गया, जिसे नाम दिया गया है 'खुशियों की पाठशाला' या फिर सोशल इमोशनल एथिकल लर्निंग. जिला कलेक्टर रवि जैन ने बताया कि इसमें बच्चों को किताबी ज्ञान के लिए ही नहीं, बल्कि उनके मानसिक तनाव, टेंशन और उनके प्रतिभाओं को उजागर करना हमारा कर्तव्य है. इसके अलावा बच्चों को मोटिवेट करने की भी ट्रेनिंग पीरामल फाउंडेशन की ओर से अध्यापकों को दी जाएगी, जिससे बच्चों की भावनाओं को उजागर किया जा सके.

पढ़ें: नागरिकता संशोधन बिल : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

जानिए क्या है 'खुशियों की पाठशाला'...

आज का युग कंप्यूटर का युग है. अत्यधिक भागदौड़ भरी इस जिंदगी में लोग अपने बच्चों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं. इसलिए भावनात्मक सम्बन्धों में कमी आ रही है. इसे रोकने के लिए 'शहीद कर्नल जेपी जानू स्कूल' में जिला प्रसाशन, शिक्षा विभाग और पीरामल फाउंडेशन के सहयोग से खुशियों की पाठशाला का शुभारंभ किया गया. इस पाठशाला का उद्देश्य बच्चों में अच्छे बुरे की समझ, सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता विकसित करना है.

Intro:झुंझुनूं। स्कूल जाते वक्त हर किसी का अपना एक अनुभव होता है और कहीं ना कहीं पहली बार स्कूल जा रहे छोटे बच्चों को एक अनजान भय भी रहता है। झुंझुनू मैं पिरामल फाउंडेशन व जिला प्रशासन की ओर से अभियान शुरू किया गया है कि इन बच्चों को ट्रेंड टीचर्स उस भय को को मुक्त करने में मदद कर सकें। इसके अलावा इसमें बच्चों के भावनात्मक जुड़ाव के लिए भी मदद की जाएगी।


Body:जिला कलेक्टर ने किया शुभारंभ
जेपी जानू स्कूल में पीरामल फाउंडेशन द्वारा इस नवाचार शुभारंभ किया गया, खुशियों की पाठशाला या फिर सोसल इमोशनल एथिकल लर्निंग। जिला कलेक्टर रवि जेन ने बताया कि इसमें बच्चो को किताबी ज्ञान के लिए ही नही बल्कि अपने मानसिक तनाव, टेन्शन, प्रतिभाए उनको भी उजागर करना हमारा कर्तव्य है। बच्चो को कैसे मोटिवेट किया जाए, इसकी ट्रेनिंग पीरामल फाउंडेशन के द्वारा अध्यापकों को दी जाएगी जिसके कारण जिसके जरिये बच्चो की भावनाओं को उजागर किया जा सके।

क्या है खुशियो की पाठशाला

आज का युग कंप्यूटर का युग है। अत्यधिक भागदौड़ भरी इस जिंदगी में लोग अपने बच्चों पर ज्यादा ध्यान नही दे पाते है, एकल परिवारों के कारण भी अभिभावक बच्चो को ज्यादा समय नही दे पाते है ,इस लिए भावनात्मक सम्बन्धो में कमी आ रही है। इन सब को रोकने के लिए शहीद कर्नल जेपी जनु स्कूल में जिला प्रसासन, शिक्षा विभाग व पीरामल फाउंडेशन के सहयोग से खुशियो की पाठशाला का शुभारंभ किया गया। इस पाठशाला का उद्देश्य है कि बच्चो में अच्छे बुरे की समझ हो, सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता विकसित हो।

वाइट रवि जैन जिला कलेक्टर झुंझुनू



इस कार्यक्रम का वीडियो बाइ राजस्थान डेस्क पर मेल से भेजा गया है, क्योंकि सेम टाइम प्रभारी मंत्री का कार्यक्रम भी था


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.