झुंझुनू. स्कूल जाते वक्त हर किसी का अपना एक अनुभव होता है और कहीं न कहीं पहली बार स्कूल जा रहे छोटे बच्चों को एक अनजान भय भी रहता है. झुंझुनू में पिरामल फाउंडेशन और जिला प्रशासन की ओर से अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान के जरिए बच्चों को ट्रेंड टीचर्स अनजान भय से मुक्त करने में मदद कर सकेंगे. इसके अलावा इसमें बच्चों के भावनात्मक जुड़ाव के लिए भी मदद की जाएगी.
बता दें कि 'शहीद कर्नल जेपी जानू स्कूल' में पीरामल फाउंडेशन की ओर से इसका शुभारंभ किया गया, जिसे नाम दिया गया है 'खुशियों की पाठशाला' या फिर सोशल इमोशनल एथिकल लर्निंग. जिला कलेक्टर रवि जैन ने बताया कि इसमें बच्चों को किताबी ज्ञान के लिए ही नहीं, बल्कि उनके मानसिक तनाव, टेंशन और उनके प्रतिभाओं को उजागर करना हमारा कर्तव्य है. इसके अलावा बच्चों को मोटिवेट करने की भी ट्रेनिंग पीरामल फाउंडेशन की ओर से अध्यापकों को दी जाएगी, जिससे बच्चों की भावनाओं को उजागर किया जा सके.
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जानिए क्या है 'खुशियों की पाठशाला'...
आज का युग कंप्यूटर का युग है. अत्यधिक भागदौड़ भरी इस जिंदगी में लोग अपने बच्चों पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं. इसलिए भावनात्मक सम्बन्धों में कमी आ रही है. इसे रोकने के लिए 'शहीद कर्नल जेपी जानू स्कूल' में जिला प्रसाशन, शिक्षा विभाग और पीरामल फाउंडेशन के सहयोग से खुशियों की पाठशाला का शुभारंभ किया गया. इस पाठशाला का उद्देश्य बच्चों में अच्छे बुरे की समझ, सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता विकसित करना है.