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छात्र हितों के लिए अनशन बना मौत का सबब, सहायता और वादों के बीच की ये दास्तान झकझोर कर रख देगी - मोहित चौधरी झुंझुनू

छात्रहितों के लिए अनशन करना किसी दिन मौत का सबब बन जाएगा. ऐसा छात्रनेता मोहित चौधरी ने कभी नहीं सोचा था. आंदोलन के दौरान 5 दिन भूखे प्यासे रहकर अनशन करना ही मोहित के लिए भारी पड़ गया और नियती ने उसे दर्दनाक मौत दे दी. लेकिन इससे भी दर्दनाक रही मोहित की तबीयत बिगड़ने से लेकर मौत के बीच की दास्तां...

student leader mohit choudhary, छात्रनेता मोहित चौधरी
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Published : Oct 31, 2019, 10:34 PM IST

झुंझुनू. जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर मोजास गांव के रहने वाले मोहित चौधरी ने सरकारी कॉलेज मोरारका में साल 2016 में छात्र आंदोलन किया. कई मांगों को लेकर मोहित जिला कलेक्ट्रेट पर 5 दिन तक भूखे प्यासे अनशन पर बैठा रहा. मांगें मानी गई तो आंदोलन खत्म हुआ लेकिन इस बीच उसकी किडनी पर बेहद बुरा प्रभाव पड़ा.

छात्र हितों के लिए अनशन, मौत, मुआवजा व सहायता की यह कहानी है दर्दनाक

छात्र राजनीति में इस संघर्ष ने मोहित को कॉलेज का महासचिव तो बना दिया लेकिन इसके साथ ही किडनी की समस्या ने उसे घेर लिया. इसी समस्या के चलते मोहित का कॉलेज तक छूट गया. घरवालों ने हरसंभव इलाज करवाया. लेकिन हालत लगातार बिगड़ती रही. ऐसे में उसे जयपुर स्थित एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया. लेकिन दोनों किडनी खराब होने की वजह से करीब 25 लाख का खर्च आना था.

पढ़ेंः CM के बयान पर पूनिया का पलटवार, कहा- मैं मुल्ला नहीं, गहलोत साहब मेरा अनुभव नहीं जानते

ऐसे में उसके साथियों ने सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया लोगों से सहायता की अपील की. लेकिन 2 लाख रुपए से ज्यादा नहीं जुट पाए. इस बीच झुंझुनू सांसद नरेन्द्र खीचड़ ने अपने फेसबुक पेज पर वीडियो डालकर कहा कि मंडावा सीट पर उपचुनाव खत्म होते ही वे मोहित का इलाज दिल्ली एम्स में करवाएंगे.

ये वीडियो वायरल भी हुआ, चुनाव भी खत्म हो गए लेकिन मौत किसी का इंतजार नहीं करती. ना सांसद ने सुध ली और मोहित का इलाज बन पड़ा. मोहित कि उसके साथियों के अलावा किसी ने सार संभाल नहीं की. आखिरकार 29 अक्टूबर को उसने अस्पताल में साथियों की गोद में अंतिम सांस ली.

पढ़ेंः टोल पर बवाल : पायलट ने साधी चुप्पी, खाचरियावास बोले- केन्द्र NH पर बंद कर दे, हम स्टेट पर कर देंगे

अब साथी करेंगे आंदोलन
अब मोहित के साथियों ने उसके परिवार की आर्थिक हालत को देखते हुए सांसद द्वारा किए गए वादे पूरे नहीं करने को लेकर उनके खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय किया है. इसके लिए जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया व सांसद के कार्यक्रमों में विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है.

झुंझुनू. जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर मोजास गांव के रहने वाले मोहित चौधरी ने सरकारी कॉलेज मोरारका में साल 2016 में छात्र आंदोलन किया. कई मांगों को लेकर मोहित जिला कलेक्ट्रेट पर 5 दिन तक भूखे प्यासे अनशन पर बैठा रहा. मांगें मानी गई तो आंदोलन खत्म हुआ लेकिन इस बीच उसकी किडनी पर बेहद बुरा प्रभाव पड़ा.

छात्र हितों के लिए अनशन, मौत, मुआवजा व सहायता की यह कहानी है दर्दनाक

छात्र राजनीति में इस संघर्ष ने मोहित को कॉलेज का महासचिव तो बना दिया लेकिन इसके साथ ही किडनी की समस्या ने उसे घेर लिया. इसी समस्या के चलते मोहित का कॉलेज तक छूट गया. घरवालों ने हरसंभव इलाज करवाया. लेकिन हालत लगातार बिगड़ती रही. ऐसे में उसे जयपुर स्थित एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया. लेकिन दोनों किडनी खराब होने की वजह से करीब 25 लाख का खर्च आना था.

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ऐसे में उसके साथियों ने सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया लोगों से सहायता की अपील की. लेकिन 2 लाख रुपए से ज्यादा नहीं जुट पाए. इस बीच झुंझुनू सांसद नरेन्द्र खीचड़ ने अपने फेसबुक पेज पर वीडियो डालकर कहा कि मंडावा सीट पर उपचुनाव खत्म होते ही वे मोहित का इलाज दिल्ली एम्स में करवाएंगे.

ये वीडियो वायरल भी हुआ, चुनाव भी खत्म हो गए लेकिन मौत किसी का इंतजार नहीं करती. ना सांसद ने सुध ली और मोहित का इलाज बन पड़ा. मोहित कि उसके साथियों के अलावा किसी ने सार संभाल नहीं की. आखिरकार 29 अक्टूबर को उसने अस्पताल में साथियों की गोद में अंतिम सांस ली.

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अब साथी करेंगे आंदोलन
अब मोहित के साथियों ने उसके परिवार की आर्थिक हालत को देखते हुए सांसद द्वारा किए गए वादे पूरे नहीं करने को लेकर उनके खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय किया है. इसके लिए जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया व सांसद के कार्यक्रमों में विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है.

Intro:झुंझुनू। जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर बसे गांव मोजास से मोहित चौधरी नाम का एक छात्र सरकारी कॉलेज मोरारका कॉलेज में पढ़ने आता है यहां छात्र आंदोलन से जुड़ता है और कई मांगों को लेकर वर्ष 2016 में जिला कलेक्ट्री पर अनशन करने आता है। 5 दिन भूखे प्यासे रहने के बाद उसकी कुछ मांगे विधायक राजकुमार शर्मा की मध्यस्थता से मानी जाती है लेकिन इस बीच उसकी किडनी पर बेहद बुरा प्रभाव पड़ता है। उसके बाद छात्रों के लिए संघर्ष करने की वजह से कॉलेज का महासचिव चुना जाता है संघर्ष तब भी जारी रहा लेकिन इस बीच उसके किडनी की समस्या बढ़ती जाती है। इसके बाद कॉलेज छूट गई ।घर के लोगों ने जहां तक हो सके वहां इलाज करवाया लेकिन माली हालत बार-बार हॉस्पिटल ले जाने की इजाजत भी नहीं दे रही थी। जब हालात बेहद खराब हो गई तो उसे जयपुर के सरकारी s.m.s. अस्पताल में भर्ती करवाया गया दोनों किडनी खराब होने की वजह से करीब ₹25 लाख का खर्च आना था।




Body:
मौत किसका करे इंतजार
ऐसे में उसके साथियों ने सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया लोगों से सहायता की अपील की लेकिन ₹2 लाख से ज्यादा पैसा नहीं आ पाया। इस बीच मंडावा विधानसभा के उपचुनाव चल रहे थे सांसद नरेंद्र खीचड़ के एमपी बन जाने से यह सीट खाली हुई थी और मोहित चौधरी का गांव भी मंडावा क्षेत्र में ही आता है। इसमें सांसद ने अपने फेसबुक पेज पर वीडियो डालकर कहा कि मतदान के बाद में उसे दिल्ली स्थित एम्स में इलाज के लिए ले जाएंगे। वीडियो वायरल भी हुआ चुनाव भी खत्म हो गए लेकिन मोहित कि उसके साथियों के अलावा किसी ने सार संभाल नहीं कि आखिरकार 29 अक्टूबर को उसने अस्पताल में साथियों की गोद में अंतिम सांस ली।

अब साथी करेंगे आंदोलन
अब मोहित के साथियों ने उसके परिवार की आर्थिक हालत को देखते हुए सहायता, सांसद के वीडियो डालने के बाद भी उसकी सुध नहीं लेने के खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय किया है। इसके लिए जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया व सांसद के कार्यक्रमों में विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी गई।

बाइट अरविंद गढ़वाल छात्र नेता

इसमें मोहित चौधरी का फोटो व सांसद के डाले गए वीडियो को राजस्थान डेस्क पर मेल से भेजा है।


Conclusion:
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