झुंझुनू. जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर मोजास गांव के रहने वाले मोहित चौधरी ने सरकारी कॉलेज मोरारका में साल 2016 में छात्र आंदोलन किया. कई मांगों को लेकर मोहित जिला कलेक्ट्रेट पर 5 दिन तक भूखे प्यासे अनशन पर बैठा रहा. मांगें मानी गई तो आंदोलन खत्म हुआ लेकिन इस बीच उसकी किडनी पर बेहद बुरा प्रभाव पड़ा.
छात्र राजनीति में इस संघर्ष ने मोहित को कॉलेज का महासचिव तो बना दिया लेकिन इसके साथ ही किडनी की समस्या ने उसे घेर लिया. इसी समस्या के चलते मोहित का कॉलेज तक छूट गया. घरवालों ने हरसंभव इलाज करवाया. लेकिन हालत लगातार बिगड़ती रही. ऐसे में उसे जयपुर स्थित एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया. लेकिन दोनों किडनी खराब होने की वजह से करीब 25 लाख का खर्च आना था.
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ऐसे में उसके साथियों ने सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया लोगों से सहायता की अपील की. लेकिन 2 लाख रुपए से ज्यादा नहीं जुट पाए. इस बीच झुंझुनू सांसद नरेन्द्र खीचड़ ने अपने फेसबुक पेज पर वीडियो डालकर कहा कि मंडावा सीट पर उपचुनाव खत्म होते ही वे मोहित का इलाज दिल्ली एम्स में करवाएंगे.
ये वीडियो वायरल भी हुआ, चुनाव भी खत्म हो गए लेकिन मौत किसी का इंतजार नहीं करती. ना सांसद ने सुध ली और मोहित का इलाज बन पड़ा. मोहित कि उसके साथियों के अलावा किसी ने सार संभाल नहीं की. आखिरकार 29 अक्टूबर को उसने अस्पताल में साथियों की गोद में अंतिम सांस ली.
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अब साथी करेंगे आंदोलन
अब मोहित के साथियों ने उसके परिवार की आर्थिक हालत को देखते हुए सांसद द्वारा किए गए वादे पूरे नहीं करने को लेकर उनके खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय किया है. इसके लिए जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया व सांसद के कार्यक्रमों में विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है.