झुंझुनू. जिला मुख्यालय पर मतदाताओं और नागरिकगण की ओर से पंचायत चुनाव जल्द से जल्द करवाने के लिए प्रदर्शन किया गया. इसके बाद वक्ताओं ने आरोप लगाया की पंचायत राज में सरपंच और पंचों के निर्वाचन बीच में रोक देने से जनता में भारी आक्रोश है.
मतदाता और नागरिकों का कहना है कि राजस्थान की समस्त पंचायतों का 5 साल का कार्यकाल फरवरी माह में समाप्त होने जा रहा है. अगर 15 फरवरी तक निर्वाचन नहीं होने के कारण संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है और यही बात उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी लिखी है. वर्तमान आदेशों के अनुसार चौथे चरण की 1954 ग्राम पंचायतों और अन्य चरणों की कुल 4266 ग्राम पंचायतों मे चुनाव स्थगित कर दिए गए. यह सभी ग्राम पंचायतें राजस्थान राज्य की ही है. इनके चुनाव भी निर्धारित समय पर करवाना सरकार का दायित्व है.
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प्रथम चरण की 1121 पंचायतों में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. अभ्यर्थियों को चुनाव चिह्न आवंटन हो चुका है कुछ सरपंच और पंच निर्विरोध निर्वाचित हो गए. परंतु उन्हें प्रमाण पत्र नहीं दिए गए हैं. नागरिकों का आरोप है कि झुंझुनू जिले में एक को छोड़कर सभी पंचायत समितियों में चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं. जो उनके साथ अन्याय और पक्षपात पूर्ण रवैया है जिससे जनता में आक्रोश है अब मांग है कि चुनाव फरवरी के प्रथम सप्ताह तक करवाने जाऐं.