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झुंझुनूः सूरजगढ़ के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था हुई लचर, मरीज बेहाल - सूरजगढ़ चिकित्सालय की खबर

झुंझुनू जिले के सूरजगढ़ विधानसभा इलाके में बेहतर ईलाज का दावा करने वाली प्रदेश कांग्रेस सरकार के दावे फेल हो रहे हैं. सूरजगढ़ इलाके के सरकारी अस्पतालों में ना तो पर्याप्त बेड है और ना ही पर्याप्त चिकित्सक.

सूरजगढ़ के सरकारी अस्पताल, Government Hospital of Surajgarh
सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था हुई लचर
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Published : Feb 14, 2021, 6:21 PM IST

सूरजगढ़ (झुंझुनू). बेहतर ईलाज और चिकित्सा सुविधा का दावा करने वाली प्रदेश कांग्रेस सरकार के दावे झुंझुनू जिले के सूरजगढ़ विधानसभा इलाके में खोखले होते दिख रहे है. जिले के सबसे बड़े और सवेंदनशील विधानसभा इलाके में चिकित्सीय व्यवस्था पूरी तरह लचर ही नजर आ रही है. सूरजगढ़ इलाके के सरकारी अस्पतालों में ना तो पर्याप्त बेड है और ना ही पर्याप्त चिकित्सक.

सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था हुई लचर

बता दें की सरकार की ओर से सूरजगढ़ सिंघाना और बुहाना में सीएचसी खोली गई है, लेकिन उनमे मात्र 30-30 बेड ही दिए गए हैं. अकेले सूरजगढ़ सीएचसी में रोजाना की 300 से 400 ओपीडी आ रही है. ऐसे में यहां मात्र 30 बेड स्वीकृत होने पर मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

पढ़ेंः तंबाकू युक्त गुटखा राजस्थान में बैन...लेकिन गुटखा कंपनियों ने निकाल ली 'चोर गली'

दूसरी ओर सूरजगढ़ इलाका हरियाणा सीमा से लगता और हाईवे से जुड़ा क्षेत्र है. इस कारण यहां पर रोजाना आधा दर्जन सड़क हादसे होते रहते है. ऐसे में घायल मरीजों को सूरजगढ़ सीएचसी में लाना पड़ रहा है. सीएचसी में पार्यप्त बेड और आवश्यक चिकिकत्सकों की कमी के चलते घायल मरीजों को यहां से 50 किलोमीटर दूर झुंझुनू रेफर किया जा रहा है. रेफर किए जाने वाले कई मरीज इतनी दूर पहुंचने से पूर्व ही अपनी जान गवां देते हैं.

सूरजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में चिकित्सीय व्यवस्था में सुधार के साथ ही बेडो की संख्या में बढ़ोतरी के लिए जनप्रतिनिधि भी सरकार से लगातार मांग करते रहे है, लेकिन सरकार की ओर से यहां की जनता को कोई राहत नहीं दी गई है. सूरजगढ़ विधायक शुभाष पूनिया ने भी कहा की वे पिछले बजट सत्र में भी सरकारी अस्पताल में बेडों की संख्या बढ़ाने की बात रख चुके है. आगामी बजट से पूर्व इस सत्र में भी वे यह प्रश्न सदन में रख चुके है.

पढ़ेंः बिहारी केवल मजदूर नहीं हैं, वह दिशा और दशा दोनों तय करते हैं: शाहनवाज हुसैन

प्रदेश सरकार की ओर से अगले कुछ रोज बाद आने वाले बजट से एक बार फिर सूरजगढ़ की जनता को फिर सरकार से उम्मीद की किरण दिख रही है कि सरकार यहां के लोगों के लिए चिकित्सा व्यवस्था में सुधार के साथ बेडों की संख्या में भी बढ़ोतरी की घोषणा करेगी अब ये तो आने वाले बजट में साफ हो पायेगा की सरकार यहां के लोगो को राहत देगी या नहीं.

सूरजगढ़ (झुंझुनू). बेहतर ईलाज और चिकित्सा सुविधा का दावा करने वाली प्रदेश कांग्रेस सरकार के दावे झुंझुनू जिले के सूरजगढ़ विधानसभा इलाके में खोखले होते दिख रहे है. जिले के सबसे बड़े और सवेंदनशील विधानसभा इलाके में चिकित्सीय व्यवस्था पूरी तरह लचर ही नजर आ रही है. सूरजगढ़ इलाके के सरकारी अस्पतालों में ना तो पर्याप्त बेड है और ना ही पर्याप्त चिकित्सक.

सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था हुई लचर

बता दें की सरकार की ओर से सूरजगढ़ सिंघाना और बुहाना में सीएचसी खोली गई है, लेकिन उनमे मात्र 30-30 बेड ही दिए गए हैं. अकेले सूरजगढ़ सीएचसी में रोजाना की 300 से 400 ओपीडी आ रही है. ऐसे में यहां मात्र 30 बेड स्वीकृत होने पर मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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दूसरी ओर सूरजगढ़ इलाका हरियाणा सीमा से लगता और हाईवे से जुड़ा क्षेत्र है. इस कारण यहां पर रोजाना आधा दर्जन सड़क हादसे होते रहते है. ऐसे में घायल मरीजों को सूरजगढ़ सीएचसी में लाना पड़ रहा है. सीएचसी में पार्यप्त बेड और आवश्यक चिकिकत्सकों की कमी के चलते घायल मरीजों को यहां से 50 किलोमीटर दूर झुंझुनू रेफर किया जा रहा है. रेफर किए जाने वाले कई मरीज इतनी दूर पहुंचने से पूर्व ही अपनी जान गवां देते हैं.

सूरजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में चिकित्सीय व्यवस्था में सुधार के साथ ही बेडो की संख्या में बढ़ोतरी के लिए जनप्रतिनिधि भी सरकार से लगातार मांग करते रहे है, लेकिन सरकार की ओर से यहां की जनता को कोई राहत नहीं दी गई है. सूरजगढ़ विधायक शुभाष पूनिया ने भी कहा की वे पिछले बजट सत्र में भी सरकारी अस्पताल में बेडों की संख्या बढ़ाने की बात रख चुके है. आगामी बजट से पूर्व इस सत्र में भी वे यह प्रश्न सदन में रख चुके है.

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प्रदेश सरकार की ओर से अगले कुछ रोज बाद आने वाले बजट से एक बार फिर सूरजगढ़ की जनता को फिर सरकार से उम्मीद की किरण दिख रही है कि सरकार यहां के लोगों के लिए चिकित्सा व्यवस्था में सुधार के साथ बेडों की संख्या में भी बढ़ोतरी की घोषणा करेगी अब ये तो आने वाले बजट में साफ हो पायेगा की सरकार यहां के लोगो को राहत देगी या नहीं.

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