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मंडावा उप चुनाव : 'बुआ-भतीजी' के बीच राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई

प्रदेश में 2 सीटों पर 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा उप चुनाव में मंडावा सीट पर बुआ-भतीजी के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है. दरअसल, दोनों ही जाट समुदाय के बुडानिया गौत्र की है और इसलिए सभी को इंतजार इस बात का है कि क्या बुआ पहली बार विधायक बनती हैं या भतीजी दोबारा विधायक पद पर बनी रहती हैं. साथ ही क्षेत्र में यह भी चर्चा है कि बुआ और भतीजी में मुकाबला रोचक रहने वाला है.

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Published : Oct 14, 2019, 12:05 PM IST

झुंझुनू. जिले में जाटों के कई परिवारों का लंबा राजनीतिक इतिहास रहा है और उनका इस क्षेत्र में दबदबा भी रहा है. ऐसे ही मंडावा विधानसभा की लड़ाई के दो राजनीतिक परिवारों से आपको रूबरू करवा रहे हैं.

मंडावा से चुनावी मैदान में सुशीला सीगड़ा और रीटा चौधरी

कांग्रेसी प्रत्याशी रीटा चौधरी हेमसर गांव के पूर्व पीसीसी चीफ और पूर्व मंत्री स्व. रामनारायण चौधरी की बेटी है. चौधरी की जाति जाट गौत्र बुडानिया है. वहीं भाजपा की तरफ से सुशीला सीगड़ा को प्रत्याशी बनाया गया है. सुशीला पूर्व प्रधान स्व. बृजलाल सीगड़ा की पुत्रवधू है. वहीं सुशीला भी गांव खाजपुर का बास निवासी मनीराम बुडानिया (जाट) की बेटी है. मनीराम बुडानिया दो बार कृषि उपज मंडी समिति झुंझुनू के डायरेक्टर रहे हैं. वर्तमान में झुंझुनू लॉयंस क्लब के अध्यक्ष हैं.

पढ़ें- उपचुनाव में जीत के साथ करेंगे 'मिशन 2023' का आगाज : सतीश पूनिया

समानांतर राजनीतिक ताकत वाले हैं दोनों परिवार

  • कांग्रेसी प्रत्याशी रीटा चौधरी 2008 में कांग्रेसी विधायक बनीं थी.
  • रीटा के पिता स्वर्गीय रामनारायण चौधरी मंडावा से 1967 में पहली बार कांग्रेस से विधायक बनने के बाद 2008 तक के अलग-अलग कार्यकाल में 30 साल से अधिक समय विधायक और मंत्री रहे.
  • सुशीला सीगड़ा के ससुर स्वर्गीय बृजलाल सीगड़ा 1964 से 1980 तक ग्राम पंचायत सरपंच रह चुके है.
  • 1980 से 1988 तक झुंझुनू पंचायत समिति के प्रधान पद पर रहे हैं.
  • 2000 से 2005 तक सुशीला सीगड़ा पहली बार पंचायत समिति की प्रधान बनीं. साथ ही देवरानी सविता सीगड़ा ग्राम पंचायत की सरपंच बनीं.
  • सुशीला सीगड़ा 2010 से लगातार वर्तमान में झुंझुनू की प्रधान है.
  • गत चार-पांच दशकों की राजनीति को देखा जाए तो अधिकांश काल में विधानसभा क्षेत्र सीट मंडावा पर रीटा चौधरी के परिवार का दबदबा रहा है.
  • पंचायत समिति झुंझुनू ग्राम पंचायत सीगड़ा में सुशीला सीगड़ा के परिवार का दबदबा रहा है.

पढ़ें- राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पहुंचे मंडावा, चुनावी तैयारियों का लिया जायजा

अब देखने वाली बात यह होगी कि ये जो दोनों राजनीतिक परिवार है, उनका भविष्य क्या रहने वाला है.

झुंझुनू. जिले में जाटों के कई परिवारों का लंबा राजनीतिक इतिहास रहा है और उनका इस क्षेत्र में दबदबा भी रहा है. ऐसे ही मंडावा विधानसभा की लड़ाई के दो राजनीतिक परिवारों से आपको रूबरू करवा रहे हैं.

मंडावा से चुनावी मैदान में सुशीला सीगड़ा और रीटा चौधरी

कांग्रेसी प्रत्याशी रीटा चौधरी हेमसर गांव के पूर्व पीसीसी चीफ और पूर्व मंत्री स्व. रामनारायण चौधरी की बेटी है. चौधरी की जाति जाट गौत्र बुडानिया है. वहीं भाजपा की तरफ से सुशीला सीगड़ा को प्रत्याशी बनाया गया है. सुशीला पूर्व प्रधान स्व. बृजलाल सीगड़ा की पुत्रवधू है. वहीं सुशीला भी गांव खाजपुर का बास निवासी मनीराम बुडानिया (जाट) की बेटी है. मनीराम बुडानिया दो बार कृषि उपज मंडी समिति झुंझुनू के डायरेक्टर रहे हैं. वर्तमान में झुंझुनू लॉयंस क्लब के अध्यक्ष हैं.

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समानांतर राजनीतिक ताकत वाले हैं दोनों परिवार

  • कांग्रेसी प्रत्याशी रीटा चौधरी 2008 में कांग्रेसी विधायक बनीं थी.
  • रीटा के पिता स्वर्गीय रामनारायण चौधरी मंडावा से 1967 में पहली बार कांग्रेस से विधायक बनने के बाद 2008 तक के अलग-अलग कार्यकाल में 30 साल से अधिक समय विधायक और मंत्री रहे.
  • सुशीला सीगड़ा के ससुर स्वर्गीय बृजलाल सीगड़ा 1964 से 1980 तक ग्राम पंचायत सरपंच रह चुके है.
  • 1980 से 1988 तक झुंझुनू पंचायत समिति के प्रधान पद पर रहे हैं.
  • 2000 से 2005 तक सुशीला सीगड़ा पहली बार पंचायत समिति की प्रधान बनीं. साथ ही देवरानी सविता सीगड़ा ग्राम पंचायत की सरपंच बनीं.
  • सुशीला सीगड़ा 2010 से लगातार वर्तमान में झुंझुनू की प्रधान है.
  • गत चार-पांच दशकों की राजनीति को देखा जाए तो अधिकांश काल में विधानसभा क्षेत्र सीट मंडावा पर रीटा चौधरी के परिवार का दबदबा रहा है.
  • पंचायत समिति झुंझुनू ग्राम पंचायत सीगड़ा में सुशीला सीगड़ा के परिवार का दबदबा रहा है.

पढ़ें- राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पहुंचे मंडावा, चुनावी तैयारियों का लिया जायजा

अब देखने वाली बात यह होगी कि ये जो दोनों राजनीतिक परिवार है, उनका भविष्य क्या रहने वाला है.

Intro:जाटों के कई खानदानों का लंबे समय से राजनीतिक इतिहास रहा है और उनका क्षेत्र में दबदबा भी रहा है ऐसे ही मंडावा विधानसभा की लड़ाई के दो राजनीतिक परिवारों से आपको रूबरू करवा रहे हैं।


Body:झुंझुनू। मंडावा विधानसभा चुनाव में 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा के उपचुनाव में मंडावा सीट पर बुआ भतीजी के बीच वर्चस्व की लड़ाई है। दरअसल दोनों ही जाट समुदाय के बुडानिया गोत्र की है और इसलिए कहा जा रहा है कि अब बुआ के मध्य में पहली बार विधायक बनेंगे या भतीजी का दोबारा विधायकी में भाग्य खुलेगा। कांग्रेसी प्रत्याशी रीटा चौधरी हेमसर गांव के पूर्व पीसीसी चीफ व मंत्री स्वर्गीय रामनारायण चौधरी की बेटी है। रामनारायण चौधरी की जाति जाट गोत्र बुडानिया है वहीं भाजपा ने सुशीला सीगड़ा को प्रत्याशी बनाया है सुशीला सीगड़ा पूर्व प्रधान स्वर्गीय बृजलाल सीगड़ा की पुत्रवधू है वही सुशीला भी गांव खाजपुर का बास निवासी मनीराम बुडानिया (जाट) की बेटी है। मनीराम बुडानिया दो बार कृषि उपज मंडी समिति झुंझुनू के डायरेक्टर रहे तथा वर्तमान में झुंझुनू लायंस क्लब के अध्यक्ष है।

समानांतर राजनीतिक ताकत रहे हैं दोनों परिवार
कांग्रेसी प्रत्याशी रीटा चौधरी 2008 में कांग्रेसी विधायक बनी थी उसके पिता स्वर्गीय रामनारायण चौधरी मंडावा से 1967 में पहली बार कांग्रेसी विधायक बनने के बाद 2008 तक के अलग-अलग कार्यकाल में 30 साल से अधिक समय विधायक व मंत्री पद पर रहे। उधर भाजपा प्रत्याशी सुशीला सीगड़ा के परिवार का भी कांग्रेस में वर्चस्व रहा है सुशीला सीगड़ा का ससुर स्वर्गीय बृजलाल सीगड़ा 1964 से 1980 तक ग्राम पंचायत सरपंच 1980 से 1988 तक झुंझुनू पंचायत समिति के प्रधान पद पर रहे। 2000 से 2005 तक सुशीला सीगड़ा पहली बार पंचायत समिति की प्रधान बनी तथा उसकी देवरानी सविता सीगड़ा ग्राम पंचायत की सरपंच बनी। सुशीला सीगड़ा 2010 से लगातार वर्तमान में झुंझुनू की प्रधान है। गत चार-पांच दशकों की राजनीति को देखा जाए तो अधिकांश काल में विधानसभा क्षेत्र सीट मंडावा पर रीटा चौधरी के परिवार का दबदबा रहा है वहीं पंचायत समिति झुंझुनू ग्राम पंचायत सीगड़ा में सुशीला सीगड़ा के परिवार का दबदबा रहा है।


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