झुंझुनू. राज्य निर्वाचन आयोग के आदेशों के बाद गुरुवार को उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र की 44 ग्राम पंचायतों की पुन लॉटरी करवाई गई है. अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेंद्र अग्रवाल की देखरेख में दोबारा लॉटरी निकाली गई. साथ ही इस दौरान उदयपुरवाटी एसडीएम राजेंद्रसिंह शेखावत, नायब तहसीलदार अनुराग यादव, विकास अधिकारी सुशीला यादव, नवलगढ़ डीएसपी सतपाल सिंह और एसआई हरिकिशन मौजूद रहे.
इस लॉटरी प्रक्रिया में 44 ग्राम पंचायतों सीटों में से एससी महिला की तीन सीट, एससी सामान्य की तीन सीट, ओबीसी महिला की चार सीट, ओबीसी सामान्य की पांच सीट, जनरल महिला की 14 सीट, 13 सामान्य सीट, एसटी महिला की एक एसटी और सामान्य की एक सीट निकली है. इससे पहले कराई गई लॉटरी में एसटी की एक भी सीट नहीं निकली थी. जिसके चलते उनकी तरफ से हाईकोर्ट में रिट दायर की गई. जिसपर हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को लेटर लिखकर दोबारा लॉटरी प्रक्रिया कराने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद गुरुवार को 44 ग्राम पंचायत सरपंचों की पुन लॉटरी करवाई गई.
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बता दें कि, राज्य निर्वाचन आयोग की अधिसूचना जारी होने के बाद इतिहास में पहली बार जिले के उदयपुरवाटी तहसील में 44 ग्राम पंचायत सरपंचों की दोबारा लॉटरी करवाई गई है. अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने पहली लॉटरी में एसटी के आंकड़ों के साथ छेड़छाड़ की थी. जबकि, जनसंख्या के आधार पर ब्लॉक में उनकी 2 सीट निकालना अनिवार्य है. जिसमें एक ही एसटी की सीट निकाली गई थी.
पहली लॉटरी में प्रशासनिक अधिकारियों की निकली कमी...
उदयपुरवाटी ब्लॉक के प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से 4 फरवरी 2020 को निकाली गई लॉटरी में गड़बड़ की गई थी. जिसको लेकर 24 सितंबर 2020 को पुन 44 ग्राम पंचायतों की लॉटरी निकाली गई है. अब देखना ये है राज्य निर्वाचन आयोग खामियां छोड़ने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है.
प्रत्याशियों को भुगतना पड़ रहा है खामियाजा...
4 फरवरी को निकाली गई उदयपुरवाटी ब्लॉक के 44 ग्राम पंचायतों की लॉटरी के बाद सरपंच प्रत्याशी प्रचार प्रसार के लिए लाखों रुपए खर्च कर चुके थे, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की कमी का खामियाजा अब प्रत्याशियों को भुगतना पड़ रहा है. क्योंकि कई ग्राम पंचायतों में सीट को लेकर फेरबदल हुआ है.