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निकाय चुनाव 2019: सांसद पुत्री का पार्षद का टिकट फाइनल, सभापति पद की हैं बड़ी दावेदार

वंशवाद के विरोध की अवधारणा के बीच झुंझुनू के सांसद और मंडावा के पूर्व विधायक नरेंद्र खीचड़ की पुत्री के टिकट फाइनल होने पर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है. लोगों में उनके सभापति पद के दावेदारी को लेकर चर्चाएं चल रही हैं.

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Published : Nov 5, 2019, 2:55 PM IST

झुंझुनू सांसद नरेंद्र खीचड़, Jhunjhunu MP Narendra Khichad,Councilor ticket is final,

झुंझुनू. भारतीय जनता पार्टी से झुंझुनू सांसद नरेंद्र खीचड़ की पुत्री नीलम का टिकट फाइनल हो गया है. नीलम यहां के वार्ड 15 से चुनाव लड़ेंगी. नीलम के देवर लीलाधर जाखड़ पहले से ही पार्षद रहे हैं.

झुंझुनू सांसद नरेंद्र खीचड़ की पुत्री का पार्षद टिकट फाइनल

हाल ही में हुए उप चुनाव में सांसद नरेंद्र खीचड़ के पुत्र अतुल खीचड़ का टिकट मंडावा विधानसभा के लिए लगभग फाइनल हो गया था, लेकिन अंतिम समय में वंशवाद के नाम पर उनका टिकट कट गया था. अब गत दिनों ही सांसद यह भी बयान दे चुके हैं कि पुत्री का अलग परिवार है और इसे वंशवाद से कैसे जोड़ा जा सकता है.

पढ़ें: लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को हराने के लिए बेनीवाल का साथ जरूरी था, लेकिन निकाय चुनाव में नहीं : सतीश पूनिया

पूर्व में कट गया था सांसद पुत्र का टिकट

जिसके बाद कांग्रेस से निष्कासित प्रधान सुशीला सीगड़ा को टिकट दिया गया था. जिसमें सीगड़ा को बुरी तरह से करीब 33 हजार से ज्यादा मतों से शिकस्त खानी पड़ी थी. ऐसे में पार्टी के आला पदाधिकारियों के मन में भी कहीं ना कहीं यह बात मानी जाती है कि उस समय यदि सांसद पुत्र का टिकट नहीं काटा जाता तो हो सकता था कि मंडावा विधानसभा में आज भाजपा की होती. जिसका एक कारण यह भी है कि लगभग आठ माह पहले ही सांसद ने यहां विधायक के रूप में जीत दर्ज की थी.

झुंझुनू. भारतीय जनता पार्टी से झुंझुनू सांसद नरेंद्र खीचड़ की पुत्री नीलम का टिकट फाइनल हो गया है. नीलम यहां के वार्ड 15 से चुनाव लड़ेंगी. नीलम के देवर लीलाधर जाखड़ पहले से ही पार्षद रहे हैं.

झुंझुनू सांसद नरेंद्र खीचड़ की पुत्री का पार्षद टिकट फाइनल

हाल ही में हुए उप चुनाव में सांसद नरेंद्र खीचड़ के पुत्र अतुल खीचड़ का टिकट मंडावा विधानसभा के लिए लगभग फाइनल हो गया था, लेकिन अंतिम समय में वंशवाद के नाम पर उनका टिकट कट गया था. अब गत दिनों ही सांसद यह भी बयान दे चुके हैं कि पुत्री का अलग परिवार है और इसे वंशवाद से कैसे जोड़ा जा सकता है.

पढ़ें: लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को हराने के लिए बेनीवाल का साथ जरूरी था, लेकिन निकाय चुनाव में नहीं : सतीश पूनिया

पूर्व में कट गया था सांसद पुत्र का टिकट

जिसके बाद कांग्रेस से निष्कासित प्रधान सुशीला सीगड़ा को टिकट दिया गया था. जिसमें सीगड़ा को बुरी तरह से करीब 33 हजार से ज्यादा मतों से शिकस्त खानी पड़ी थी. ऐसे में पार्टी के आला पदाधिकारियों के मन में भी कहीं ना कहीं यह बात मानी जाती है कि उस समय यदि सांसद पुत्र का टिकट नहीं काटा जाता तो हो सकता था कि मंडावा विधानसभा में आज भाजपा की होती. जिसका एक कारण यह भी है कि लगभग आठ माह पहले ही सांसद ने यहां विधायक के रूप में जीत दर्ज की थी.

Intro:वंशवाद के विरोध की अवधारणा के बीच झुंझुनू के सांसद व मंडावा के पूर्व विधायक नरेंद्र खीचड़ की पुत्री के टिकट फाइनल होने पर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है लोगों में उनके सभापति पद के दावेदारी को लेकर चर्चाएं चल रही हैं।


Body:झुंझुनू। भारतीय जनता पार्टी से झुंझुनू के सांसद नरेंद्र खीचड़ की पुत्री नीलम का टिकट फाइनल हो गया है वे वार्ड 15 से चुनाव लड़ेंगी। नीलम के देवर लीलाधर जाखड़ पहले से ही पार्षद रहे हैं गौरतलब है कि हाल ही में हुए उपचुनाव में सांसद नरेंद्र खीचड़ के पुत्र अतुल खीचड़ का टिकट मंडावा विधानसभा के लगभग फाइनल हो गया था लेकिन अंतिम समय में वंशवाद के नाम पर उनका टिकट कट गया था। अब गत दिनों ही सांसद यह भी बयान दे चुके हैं कि पुत्री का अलग परिवार है और इसको वंशवाद से कैसे जोड़ा जा सकता है।

कट गया था सांसद का टिकट
इसके बाद कांग्रेस से निष्कासित प्रधान सुशीला सीगड़ा को टिकट दिया गया था इसमें सीगड़ा को बुरी तरह से 33000 से ज्यादा मतों से शिकस्त खानी पड़ी थी ऐसे में पार्टी के आला पदाधिकारियों के मन में भी कहीं ना कहीं यह बात मानी जाती है कि उस समय यदि सांसद पुत्र का टिकट नहीं कटता तो हो सकता था कि मंडावा विधानसभा आज भाजपा की होती क्योंकि लगभग आठ माह पहले ही सांसद ने यहां विधायक के रुप में जीत दर्ज की थी।

बाइट नरेंद्र खीचड़, सांसद झुंझुनू


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