झुंझुनू. जिला कलेक्टर उमरदीन खान ने कहा है कि मनरेगा योजना महत्वकांक्षी योजना है, जो ग्रामीणों के लिए उनके गांव के विकास के साथ-साथ रोजगार भी उपलब्ध करवाती है. इसलिए इसकी प्रभावी क्रियान्वति के लिए जमीनी स्तर से लेकर उच्च स्तर तक मॉनिटरिंग की आवश्यकता है. जिला कलेक्टर ने कहा कि स्वीकृति के बाद उसको क्वालिटी के साथ समय पर पूर्ण करवाना भी आवश्यक है, जिसके लिए फील्ड के अधिकारियों, तकनीकी अधिकारियों, मेट और मजदूर सभी अपनी गाइडलाइन के तहत जिम्मेदारी से कार्य करें. जिला कलेक्टर ने शनिवार को विभिन्न जगहों पर चल रहे मनरेगा कार्यों का औचक निरीक्षण करते हुए ये बात कहीं.
खेल मैदान में मनरेगा कार्य का निरीक्षण
जिला कलेक्टर ने गिड़ानिया के प्रस्तावित खेल मैदान में मनरेगा कार्य का निरीक्षण किया. इस दौरान अप्रशिक्षित मेट लगाने पर कनिष्ठ तकनीकी सहायक महिपाल को नोटिस देने के निर्देश दिए. साथ ही गांव के सरपंच को इस मैदान में जमा कचरे की साफ-सफाई करवाकर पौधारोपण करवाने के निर्देश दिए. खुडोत एवं झाझोत में अपना खेत अपना काम योजना मनरेगा कार्य एवं शहीद राजेश माध्यमिक विद्यालय का अवलोकन किया.
जिला कलेक्टर ने स्कूल में बच्चों एवं शिक्षिकाओं से संवाद करते हुए सवाल-जवाब पूछे. उन्होंने अध्यापको को निर्देश दिए कि बच्चों को सिलेबस रटाने की बजाय समझाने पर जोर दिया जाए. वहीं स्कूल परिसर में बने सामुदायिक शौचालय के छोटे आकार पर रोष जाहिर किया. इसके बाद जिला कलेक्टर ने सुलताना की ढेहर की ढाणी में जोहड़ खुदाई के कार्य का निरीक्षण किया और जोहड़ में पानी की आवक के लिए नालों का निर्माण करने के निर्देश दिए.
पेयजल की किल्लत को दूर करने का भरोसा
कलेक्टर ने इस्लामपुर ग्राम पंचायत के श्मशान भूमि, कब्रिस्तान, आईटी केंद्र का अवलोकन किया. वहीं गांव में गंदे पानी की निकासी के संबंध में जिला कलेक्टर पानी इक्कठा होने वाली जगह पर बड़े सोखते गड्ढें का निर्माण करवाने के निर्देश दिए. कब्रिस्तान के पास बनी पानी की टंकी से पानी रिसने को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर ने इसको जल्द से जल्द मरम्मत करवाने की बात कहीं. निरीक्षण के दौरान जिला कलेक्टर ने चिड़ावा में बने राजकीय अंबेडकर छात्रावास का अवलोकन किया, जहां की साफ-सफाई पर प्रशंसा करते हुए इसे नियमित रखने तथा खाली जगह पर पौधे तथा फल और सब्जी उगाने की सलाह दी.
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इस दौरान ओजटू सरपंच विनोद डांगी ने क्षेत्र में पेयजल की भारी किल्लत के बारे में जिला कलेक्टर को बताया कि जिस पर जिला कलेक्टर ने निस्तारण करने का आश्वासन किया. इस निरीक्षण दल में एसडीएम संदीप चौधरी, पीआरओ हिमांशु सिंह, विकास अधिकारी ओमप्रकाश गोदारा, एक्सईएन महेंद्र सूरा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
आशा का झरना का निरीक्षण
जिला कलेक्टर उमरदीन खान ने कहा है कि आशा का झरना दिव्यांग बच्चों को शैक्षणिक शिक्षा तो मुहैया करवाता ही है. साथ में कल्चर, कौशल एवं कम्प्यूटर शिक्षा से भी जोड़ता है. ये अनुपम कार्य है. खान ने कहा कि वास्तव में ऐसे बच्चों को उनकी क्वालिटी के अनुरूप आगे बढ़ाने में आशा का झरना बेहतरीन कार्य कर रहा है. खान ने खेमी सती परिसर में संचालित आशा का झरना संस्थान का अवलोकन किया और खेमी सती ट्रस्ट की भी प्रशंसा करते हुए बताया कि ऐसे बच्चों के विकास के लिए अपना स्थान दे रखा है.
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आशा का झरना में जिला कलक्टर ने कम्प्यूटर रूम, स्टेडी रूम, गेम्स रूम सहित विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया. अवलोकन के दौरान जिला कलेक्टर ने बच्चों से उनकी सामान्य, स्वास्थ्य, शिक्षा संबंधी जानकारी भी प्राप्त की. इस दौरान जिला कलेक्टर को संचालक मंडल एवं शिक्षकों द्वारा स्कूल की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी. गौरतलब है कि एक वक्त था, जब मूक बधिर और दिव्यांग बच्चों के माता-पिता सोच भी नहीं सकते थे, कि वे भी लिख पढ़ कर अपना भविष्य संवार सकते हैं, लेकिन अब राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग के प्रयास और विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों की मदद से इस क्षेत्र में विकास हो रहा है.