झुंझुनू. सेना में भर्ती के लिए केन्द्र की तरफ से अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद कथित तौर पर अवसाद में आ 19 साल के अंकित ने फांसी लगा (jhunjhunu army candidate ends life) ली. परिवार वालों की तहरीर के आधार पर पुलिस का कहना है कि 23 साल की बहन के घर पर युवक ने मंगलवार को फंदे पर लटक कर जान दे दी. अंकित बहन संग चिड़ावा में रह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था.
थाना प्रभारी प्रभारी इंद्र प्रकाश यादव के मुताबिक अंकित के कमरे को सील कर दिया गया है और कमरे से कोई सुसाइड नोट भी बरामद नहीं किया जा सका है. अपनी रिपोर्ट में परिवार ने डिप्रेशन की बात कही है. युवक ने चिड़ावा के रेलवे स्टेशन रोड पर अपनी बहन पूनम के घर पर सुसाइड कर लिया. दोनों झुंझुनूं के कोलसिया की नेहरा की ढाणी के रहने वाले हैं. पूनम झांझोत सरकारी स्कूल में एलडीसी पद पर कार्यरत है. परिजनों ने आरोप लगाया कि अंकित सोमवार को ही अपने ननिहाल भोड़की से बहन पूनम के यहां गया था. मंगलवार को योग दिवस के कार्यक्रम के चलते वो स्कूल गई थी. करीब आठ बजे अंकित ने कमरे में पंखे पर फंदा डालकर सुसाइड कर लिया. सूचना के बाद जब पूनम घर पहुंची तो फंदे से लटके भाई का शव देखकर बेहोश हो गई.
पहले पेपर लीक अब अग्निपथ स्कीम: अंकित श्रद्धानाथ कॉलेज गुढागौडजी में बीए सेकेंड ईयर का छात्र था. अंकित के पिता की रीढ की हड्डी में दिक्कत होने की वजह से बिस्तर से नहीं उठ पाते हैं. इनका घर खेती बाड़ी से चलता है. परिजनों ने बताया कि अंकित ने राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के पद पर 14 मई को परीक्षा दी थी, लेकिन पेपर लीक होने की वजह से पेपर रद्द हो गया. इसको लेकर भी वो परेशान था. इसके बाद उसने आर्मी के लिए आवेदन किया. सेना की तैयारी भी शुरू कर दी. इस बीच अग्निपथ पॉलिसी लागू होने के बाद वो डिप्रेशन में चला गया. मृतक के ताउ लेखराम ने रिपोर्ट में बताया है कि उसका भतीजा पुलिस और सेना की भर्ती की तैयारी में जुटा था. पहले तो पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द हो गई बाद में केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना की घोषणा कर दी. इससे अंकित परेशान हो गया और सुसाइड कर लिया. पुलिस ने पोस्टमार्टम चिड़ावा के सरकारी अस्पताल में करवाया और मामले की जांच शुरू कर दी है.
दो दिन में दूसरी मौत: राजस्थान में अग्निपथ को लेकर ये दूसरी आत्महत्या का प्रकरण ( Suicide in Rajasthan Over Agnipath Scheme) है. इससे पहले सोमवार को भरतपुर में एक युवक फांसी पर झूल गया था. भरतपुर का 22 वर्षीय युवक कबड्डी का नेशनल प्लेयर भी था. बीते कई साल से सेना भर्ती की तैयारी कर रहा था. परिजनों ने बताया कि अग्निपथ योजना लागू होने के बाद से युवक ने दौड़ भाग करना छोड़ दिया और मायूस रहने लगा था. परिवार वालों के मनाने के बावजूद वो दौड़ नहीं लगा रहा था. उसका कहना था कि अब सैनिक बनने का सपना पूरा नहीं हो पाएगा. हताश युवक का कहना था कि चार साल बाद आकर भी जब कुछ और काम करना है तो अभी से क्यों न किया जाए.