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वित्तिय साक्षरता सप्ताह: ग्रामीण महिलाओं को बैंकिंग सेवाओं की दी जानकारी, बताई बैक खाते की ताकत - वित्तिय साक्षरता सप्ताह

झुंझुनू में आरबीआई के वित्तिय साक्षरता सप्ताह के तहत गांव आसलवास में महिलाओं के लिए विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान ग्रामीण महिलाओं को डिजिटलाइजेशन, वित्तिय अनुशासन, समय पर ऋण चुकौती, जिम्मेवारी के साथ ऋण वापसी, सिबिल स्कोर आदि के बारे में जानकारी दी गई.

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ग्रामीण महिलाओं को बैंकिंग सेवाओं की दी जानकारी
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Published : Feb 14, 2021, 8:33 PM IST

झुंझुनू. भारतीय रिर्जव बैक ऑफ इंडिया की ओर से कुछ समय से ग्रामीण महिलाओं को बैंकिंग सेवा से जोड़ने के लिए विशेष मुहिम शुरू की गई है. जिससे ग्रामीण महिलाएं भी रोजगार परख प्रशिक्षण प्राप्त कर विभिन्न योजनार्गत ऋण योजनाओ का लाभ उठाकर गांव और देश के विकास में अपनी भागीदारी तय कर सके. इसी मुहिम के तहत आरबीआई के वित्तिय साक्षरता सप्ताह के तहत गांव आसलवास में महिलाओं के लिए विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर बैक ऑफ बडौदा शाखा आसलवास की ओर से ग्राम आसलवास में सरपंच निवास के सामने आरबीआई के सहायक महाप्रबंधक जयप्रकाश की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित हुआ.

ग्रामीण महिलाओं को बताई बैंक खाते की ताकत

इस दौरान ग्रामीण महिलाओं को डिजिटलाइजेशन, वित्तिय अनुशासन, समय पर ऋण चुकौती, जिम्मेवारी के साथ ऋण वापसी, सिबिल स्कोर आदि के बारे में जानकारी दी गई. मुख्य अतिथि रतनलाल वर्मा ने उपस्थित 50 से अधिक स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को समूह एसएचजी बनाने, बचत की आदत डालने, बैक में बचत खाता खोलने और ऋण के लिए बैक लिंकेज के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि किस प्रकार एक ग्रामीण महिला अपने बैक खाते को अपनी आर्थिक ताकत का रूप दे सकती है.

रोजगार परख प्रशिक्षण से आत्म निर्भर बनेगी गांव की महिलाएं

इस दौरा बैक पदाधिकारियों ने बताया कि बलौदा शाखा की ओर से गांव में उपरोक्त सभी पचास ग्रुपों, स्वयं सहायता समूहों को करीब 2.50 करोड़ के ऋण वितरण किए जा चुके है. साथ ही गांव में बैक मित्र की ओर से बहुत अच्छी सेवाएं दी जारी है. कार्यक्रम के दौरान बडौदा स्वरोजगार संस्थान के निर्देशक नवदीप सिंह ने महिलाओं को प्रशिक्षण इन कैंम्पस और ऑफ कैप्सन प्रशिक्षण दिए जाने की जानकारी दी.

पढ़ें- दिल्ली से साइकिल पर 2 हजार किमी यात्रा कर झुंझुनू पहुंचा जैरी झाझड़िया

उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण से महिलाओं में आत्म निर्भरता बन सकती है. साथ ही वे स्वयं का रोजगार भी शुरू कर सकती है. बैकिंग से जुड़ी विभिन्न योजनाओं से करवाया अवगतइसके अलावा एफएलसीसी के गोपीराम डिग्रवाल ने उपस्थित महिलाओं को प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा, जीवन ज्योति बीमा, जनधन बचत खाता और एटीएम के एक्टीवेशन के बारे में जानकारी दी. अंत में शाखा सहायक प्रबंधक संजय सैनी और संदीप से सभी का आभार व्यक्त करते हुए उपस्थित महिलाओं को अधिक से अधिक बैक से जुडऩे की अपील की.

झुंझुनू. भारतीय रिर्जव बैक ऑफ इंडिया की ओर से कुछ समय से ग्रामीण महिलाओं को बैंकिंग सेवा से जोड़ने के लिए विशेष मुहिम शुरू की गई है. जिससे ग्रामीण महिलाएं भी रोजगार परख प्रशिक्षण प्राप्त कर विभिन्न योजनार्गत ऋण योजनाओ का लाभ उठाकर गांव और देश के विकास में अपनी भागीदारी तय कर सके. इसी मुहिम के तहत आरबीआई के वित्तिय साक्षरता सप्ताह के तहत गांव आसलवास में महिलाओं के लिए विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर बैक ऑफ बडौदा शाखा आसलवास की ओर से ग्राम आसलवास में सरपंच निवास के सामने आरबीआई के सहायक महाप्रबंधक जयप्रकाश की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित हुआ.

ग्रामीण महिलाओं को बताई बैंक खाते की ताकत

इस दौरान ग्रामीण महिलाओं को डिजिटलाइजेशन, वित्तिय अनुशासन, समय पर ऋण चुकौती, जिम्मेवारी के साथ ऋण वापसी, सिबिल स्कोर आदि के बारे में जानकारी दी गई. मुख्य अतिथि रतनलाल वर्मा ने उपस्थित 50 से अधिक स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को समूह एसएचजी बनाने, बचत की आदत डालने, बैक में बचत खाता खोलने और ऋण के लिए बैक लिंकेज के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने बताया कि किस प्रकार एक ग्रामीण महिला अपने बैक खाते को अपनी आर्थिक ताकत का रूप दे सकती है.

रोजगार परख प्रशिक्षण से आत्म निर्भर बनेगी गांव की महिलाएं

इस दौरा बैक पदाधिकारियों ने बताया कि बलौदा शाखा की ओर से गांव में उपरोक्त सभी पचास ग्रुपों, स्वयं सहायता समूहों को करीब 2.50 करोड़ के ऋण वितरण किए जा चुके है. साथ ही गांव में बैक मित्र की ओर से बहुत अच्छी सेवाएं दी जारी है. कार्यक्रम के दौरान बडौदा स्वरोजगार संस्थान के निर्देशक नवदीप सिंह ने महिलाओं को प्रशिक्षण इन कैंम्पस और ऑफ कैप्सन प्रशिक्षण दिए जाने की जानकारी दी.

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उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण से महिलाओं में आत्म निर्भरता बन सकती है. साथ ही वे स्वयं का रोजगार भी शुरू कर सकती है. बैकिंग से जुड़ी विभिन्न योजनाओं से करवाया अवगतइसके अलावा एफएलसीसी के गोपीराम डिग्रवाल ने उपस्थित महिलाओं को प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा, जीवन ज्योति बीमा, जनधन बचत खाता और एटीएम के एक्टीवेशन के बारे में जानकारी दी. अंत में शाखा सहायक प्रबंधक संजय सैनी और संदीप से सभी का आभार व्यक्त करते हुए उपस्थित महिलाओं को अधिक से अधिक बैक से जुडऩे की अपील की.

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