झुंझुनू. नवलगढ़ क्षेत्र के जाखल गांव की वीरांगना पूनम चेजारा के पति ने इस स्वतंत्रता दिवस से केवल 2 माह पहले मां भारती की रक्षा करते हुए प्राणों की आहुति दी थी. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर शहीद की वीरांगना को जिला प्रशासन ने अपने पति को देश पर कुर्बान करने का हौसला देने पर सम्मान के लिए बुलाया.
कोरोना के चलते सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थगित रखे गए थे, लेकिन देवगांव की पटवारी मंजू चौधरी ने अपनी सुरीली आवाज में 'जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी...' गीत गाया. इस समय शहीद वीरांगना पूनम चेजारा के चेहरे का एक-एक भाव दर्शा रहा था कि भले ही देश पर कुर्बानी देने वाले शहीदों को सम्मान सब देते हैं, लेकिन याद सिर्फ अपनों को आते हैं. वीरांगना की 3 साल की बेटी हंसवि अपनी मां को दिलासा दे रही थी.
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गाने के हर बोल के साथ उनके चेहरे के भाव बदल रहे थे, लेकिन अपनी मासूम बेटी के सामने आंसू भी नहीं बहा पा रही थी. जम्मू कश्मीर में हुए थे शहीद अजय कुमावत पुत्र परमेश्वरलाल जम्मू कश्मीर में 18 जून को शहीद हो गए थे. अजय 2007 में सेना में भर्ती हुए थे. वे 41 आर्टिलरी टेक्निकल असिस्टेंट पद पर सेवारत थे. स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में कोरोना काल के चलते शहीद वीरांगनाओं को कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था, जिनके पति को 26 जनवरी के बाद शहादत मिली थी.
2007 में ज्वाइन की इंडियन आर्मी
मात्र 19 वर्ष की उम्र में वर्ष 2007 में अजय का चूरू सेना भर्ती रैली में चयन हुआ था. शहादत के समय वे लेह में 41 आर्टिलरी में टेक्निकल असिस्टेंट के पद पर तैनात थे. अजय अपने साथियों के साथ एक आर्मी आपरेशन के तहत ग्लेशियर चढ़ रहे थे. उसी दौरान चट्टान फिसल गई. उसकी चपेट में आने से अजय गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उन्हें हेलिकॉप्टर से सेना के अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली.