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ओला और चौधरी परिवार की राजनीतिक अदावत के बीच हनुमान बेनीवाल ने पढ़े शीशराम की तारीफ में कसीदे

जाटों के कई खानदानों में पारिवारिक दुश्मनी पीढ़ियों तक चलती रहती हैं और राजनीतिक क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है. मंडावा विधानसभा चुनाव में ओला परिवार के गायब होने पर लोगों में यह चर्चा आम है और रही सही कसर विपक्षी ओला परिवार की प्रशंसा कर पूरी कर देते हैं.

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Published : Oct 16, 2019, 11:01 PM IST

Hanuman Beniwal praised Shisharam Ola, हनुमान बेनीवाल ने की शीशराम ओला की प्रशंसा, झुंझुनू न्यूज,

झुंझुनू. जिले की राजनीति में कद्दावर जाट नेता शीशराम ओला और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामनारायण चौधरी की राजनीतिक अदावत का लंबा संघर्ष रहा है जो अब दूसरी पीढ़ी में भी जारी है. इसमें बड़ी बात यह है कि मंडावा विधानसभा उपचुनाव के लिए ओला परिवार ना तो प्रचार में आ रहा है और ना ही किसी तरह की बैठकों में हिस्सा ले रहा है.

हनुमान बेनीवाल ने की शीशराम ओला की प्रशंसा

भाजपा भी इसे समझ रही है. भले ही जिले के सभी नेताओं को निशाने पर लिया जा रहा हो, लेकिन शीशराम ओला और उनके परिवार पर निशाना नहीं साधा जा रहा है. भाजपा के सहयोगी संगठन आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने रामनारायण चौधरी को विकास को अवरुद्ध करने वाला बताया, लेकिन शीशराम ओला की प्रशंसा के पुल बांधे.

ओला परिवार में बृजेंद्र ओला विधायक, उनकी पत्नी पूर्व जिला प्रमुख और वर्ष 2014 के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी तथा पुत्र वधू आकांक्षा राष्ट्रीय महिला कांग्रेस में सचिव के रूप में राजनीति में सक्रिय हैं.

भाजपा प्रत्याशी की ओला परिवार से रही है नजदीकी...
अभी यहां से भाजपा प्रत्याशी प्रधान सुशीला सींगड़ा ओला परिवार के बेहद नजदीक रही हैं. वे गत विधानसभा चुनाव में विधायक बृजेंद्र ओला के नामांकन में शामिल रहीं, लेकिन रामनारायण चौधरी की पुत्री रीटा चौधरी की जमकर खिलाफत की. जिसके बाद सुशीला सींगड़ा को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया.

ये भी पढ़ें: Etv Bharat Exclusive: उपचुनाव करो या मरो का...मेरी जीत से कांग्रेस को जीवन : रीटा चौधरी

मामला यही नहीं रुका, इसका खामियाजा रीटा चौधरी को भुगतना पड़ा और वे चुनाव हार गई. अब भी यह आरोप लग रहे हैं कि ओला परिवार अंदरखाने रामनारायण चौधरी के परिवार के खिलाफ काम कर रहा है. इस बारे में पार्टी के सह प्रभारी तरुण कुमार ने बयान दिया था कि पार्टी मामले पर नजर रखे हुए हैं और वे इस बारे में चर्चा करेंगे.

झुंझुनू. जिले की राजनीति में कद्दावर जाट नेता शीशराम ओला और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामनारायण चौधरी की राजनीतिक अदावत का लंबा संघर्ष रहा है जो अब दूसरी पीढ़ी में भी जारी है. इसमें बड़ी बात यह है कि मंडावा विधानसभा उपचुनाव के लिए ओला परिवार ना तो प्रचार में आ रहा है और ना ही किसी तरह की बैठकों में हिस्सा ले रहा है.

हनुमान बेनीवाल ने की शीशराम ओला की प्रशंसा

भाजपा भी इसे समझ रही है. भले ही जिले के सभी नेताओं को निशाने पर लिया जा रहा हो, लेकिन शीशराम ओला और उनके परिवार पर निशाना नहीं साधा जा रहा है. भाजपा के सहयोगी संगठन आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने रामनारायण चौधरी को विकास को अवरुद्ध करने वाला बताया, लेकिन शीशराम ओला की प्रशंसा के पुल बांधे.

ओला परिवार में बृजेंद्र ओला विधायक, उनकी पत्नी पूर्व जिला प्रमुख और वर्ष 2014 के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी तथा पुत्र वधू आकांक्षा राष्ट्रीय महिला कांग्रेस में सचिव के रूप में राजनीति में सक्रिय हैं.

भाजपा प्रत्याशी की ओला परिवार से रही है नजदीकी...
अभी यहां से भाजपा प्रत्याशी प्रधान सुशीला सींगड़ा ओला परिवार के बेहद नजदीक रही हैं. वे गत विधानसभा चुनाव में विधायक बृजेंद्र ओला के नामांकन में शामिल रहीं, लेकिन रामनारायण चौधरी की पुत्री रीटा चौधरी की जमकर खिलाफत की. जिसके बाद सुशीला सींगड़ा को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया.

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मामला यही नहीं रुका, इसका खामियाजा रीटा चौधरी को भुगतना पड़ा और वे चुनाव हार गई. अब भी यह आरोप लग रहे हैं कि ओला परिवार अंदरखाने रामनारायण चौधरी के परिवार के खिलाफ काम कर रहा है. इस बारे में पार्टी के सह प्रभारी तरुण कुमार ने बयान दिया था कि पार्टी मामले पर नजर रखे हुए हैं और वे इस बारे में चर्चा करेंगे.

Intro:जाटों के कई खनदानों में पारिवारिक दुश्मनी पीढ़ियों तक चलती रहती है और राजनीतिक क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। मंडावा विधानसभा चुनाव में ओला परिवार के गायब होने पर लोगों में यह चर्चा आम है और रही सही कसर विपक्षी ओला परिवार की प्रशंसा कर पूरी कर देते हैं।


Body:झुंझुनू। जिले की राजनीति में कद्दावर जाट नेता शीशराम ओला और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामनारायण चौधरी की राजनीतिक अदावत का लंबा संघर्ष रहा है और अब दूसरी पीढ़ी में भी जारी है। इसमें बड़ी बात यह है कि मंडावा विधानसभा उपचुनाव के लिए ओला परिवार ना तो प्रचार में आ रहा है और ना ही किसी तरह की बैठकों में हिस्सा ले रहा है। भाजपा भी इसे समझ रही है और भले ही जिले के सभी नेताओं को निशाने पर लिया जा रहा हो लेकिन शीशराम ओला व उनके परिवार पर निशाना नहीं साधा जा रहा है। भाजपा के सहयोगी संगठन आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने रामनारायण चौधरी को विकास को अवरुद्ध करने वाला बताया लेकिन शीशराम ओला की प्रशंसा के पुल बांधे। ओला परिवार में बृजेंद्र ओला विधायक, उनकी पत्नी पूर्व जिला प्रमुख व वर्ष 2014 के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी तथा पुत्र वधू आकांक्षा वाला राष्ट्रीय महिला कांग्रेस में सचिव के रूप में राजनीति में सक्रिय हैं।

भाजपा प्रत्याशी रही है ओला परिवार के नजदीकी
अभी यहां से भाजपा प्रत्याशी प्रधान सुशीला सीगड़ा ओला परिवार के बेहद नजदीक रही है वे गत विधानसभा चुनाव में विधायक बृजेंद्र ओला के नामांकन में शामिल रही लेकिन रामनारायण चौधरी की पुत्री रीटा चौधरी की जमकर खिलाफत कि इसमें सुशीला सीगड़ा को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया तो खामियाजा रीटा चौधरी को भुगतना पड़ा और वे चुनाव हार गई। अब भी यह आरोप लग रहे हैं कि ओला परिवार अंदरखाने रामनारायण चौधरी के परिवार के खिलाफ काम कर रहा है इस बारे में पार्टी के सह प्रभारी तरुण कुमार ने बयान दिया था कि पार्टी मामले पर नजर रखे हुए हैं और हम इस बारे में चर्चा करेंगे।

वाइट हनुमान बेनीवाल राष्ट्रीय संयोजक आरएलपी पार्टी


इसमें पार्टी के सह प्रभारी तरुण कुमार की बाइट मेल से भेजी है


Conclusion:
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