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सर्द दिनों में ऊनी कपड़ों में भगवान, बदला भोग का मीनू - राजस्थान में हाल-ए-मौसम

प्रदेश के कई इलाकों में बदला मौसम का मिजाज अब लोगों को कड़ाके की सर्दी का अहसास कराने लगा है. झुंझुनू जिले के सूरजगढ़ कस्बे में जहां स्वामी रूपदासजी के मंदिर में भगवान की प्रतिमा ऊनी कपड़ों में नजर आई तो वहीं भगवान के (प्रसाद) भोग का मीनू भी बदल दिया गया है. वहीं नागौर जिले के मकराना में भी हुई झमाझम बारिश के बाद अचानक सर्दी का असर बढ़ गया.

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राजस्थान में सर्द हुआ मौसम
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Published : Dec 13, 2019, 9:39 AM IST

सूरजगढ़ (झुंझुनू). बीते दो दिनों से क्षेत्र में सर्दी ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. एक ओर सर्दी में जहां आमजन ठिठुरता दिखाई देने लगा है तो वहीं अब भगवान भी गर्म व ऊनी कपड़ों में नजर आने लगे हैं.

सूरजगढ़ के वार्ड संख्या 12 में स्थित स्वामी रूपदासजी का मंदिर कस्बे के प्राचीन मंदिरों में शामिल है. इस मंदिर में विराजे भगवान भी ऊनी कपड़ों में नजर आए. महंत क्रांतिदास महाराज के सान्निध्य में मंदिर के सेवादार ठाकुरजी को सर्दी के मौसम में गर्म पकवान खिलाने के साथ साथ ही रात्रि को शयन के दौरान भी प्रभु की प्रतिमा को रजाई ओढ़ाकर शयन कराने लगे हैं.

राजस्थान में सर्द हुआ मौसम...

महंत क्रांतिदास महाराज ने बताया कि इस मंदिर में वैष्णव संस्कृति की भांति ही ईश्वर के शाकार रूप का पूजन होता है. यहां भगवान के बाल रूप की पूजा व पूजन होता है. जिस प्रकार एक बच्चे का लालन पालन होता है, उसी प्रकार यहां भगवान का लालन-पालन किया जाता है. उनका कहना रहा कि 6 ऋतु, 12 मास यहां भगवान का पालन भी ऐसे ही किया जाता है. इस मंदिर में यह परंपरा पिछले साढ़े 450 वर्षों से निभाई जा रही है.

यह भी पढ़ें : मौसम: प्रदेश के कई इलाकों में बारिश-बूंदाबांदी के बीच गिरे ओले, ठंडी हवाओं ने ठिठुराया

वहीं बीती रात से शुरू हुई बूंदाबांदी का दौर गुरुवार को भी जारी रहा. लोग सर्दी से बचाव के लिए चाय की चुस्कियों के साथ अलावा का सहारा लेते नजर आए. वहीं हल्की बूंदाबांदी से मावठ नजर आने पर किसानों के चेहरे भी खिले नजर आए. दोपहर बाद बूंदाबांदी तो नहीं हुई, लेकिन उसके बाद शीतलहर चलने लगी. जिससे लोग सर्दी से ठिठुरते नजर आए.

मकराना में झमाझम बारिश...

नागौर के मकराना शहर एवं आसपास के क्षेत्रों में गुरुवार की मध्यरात्रि करीब 12:30 झमाझम बारिश हुई. इससे सर्दी का खासा असर बढ़ गया. साथ ही इन सर्द रातों को खुले आसमान के नीचे अपनी जिंदगी व्यतीत करने वालों के लिए इस बारिश ने खासी मुश्किलें बढ़ा दी. वहीं इस बारिश ने मकराना नगर परिषद की सफाई व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. शहर के कई निचले इलाकों में भी पानी का भराव हो गया.

करीब आधे घंटा तक हुई बारिश ने मकराना शहर को एकदम तर-बतर कर दिया. वहीं इस बारिश के कारण काफी ठंडक बढ़ गई तथा बारिश रुकने के बाद धुंध भी छाने लगी. जिसकी वजह से वाहन चालकों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. हालांकि, जानकार मानते हैं कि यह बारिश फसलों के लिहाज से काफी अच्छी है.

सूरजगढ़ (झुंझुनू). बीते दो दिनों से क्षेत्र में सर्दी ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. एक ओर सर्दी में जहां आमजन ठिठुरता दिखाई देने लगा है तो वहीं अब भगवान भी गर्म व ऊनी कपड़ों में नजर आने लगे हैं.

सूरजगढ़ के वार्ड संख्या 12 में स्थित स्वामी रूपदासजी का मंदिर कस्बे के प्राचीन मंदिरों में शामिल है. इस मंदिर में विराजे भगवान भी ऊनी कपड़ों में नजर आए. महंत क्रांतिदास महाराज के सान्निध्य में मंदिर के सेवादार ठाकुरजी को सर्दी के मौसम में गर्म पकवान खिलाने के साथ साथ ही रात्रि को शयन के दौरान भी प्रभु की प्रतिमा को रजाई ओढ़ाकर शयन कराने लगे हैं.

राजस्थान में सर्द हुआ मौसम...

महंत क्रांतिदास महाराज ने बताया कि इस मंदिर में वैष्णव संस्कृति की भांति ही ईश्वर के शाकार रूप का पूजन होता है. यहां भगवान के बाल रूप की पूजा व पूजन होता है. जिस प्रकार एक बच्चे का लालन पालन होता है, उसी प्रकार यहां भगवान का लालन-पालन किया जाता है. उनका कहना रहा कि 6 ऋतु, 12 मास यहां भगवान का पालन भी ऐसे ही किया जाता है. इस मंदिर में यह परंपरा पिछले साढ़े 450 वर्षों से निभाई जा रही है.

यह भी पढ़ें : मौसम: प्रदेश के कई इलाकों में बारिश-बूंदाबांदी के बीच गिरे ओले, ठंडी हवाओं ने ठिठुराया

वहीं बीती रात से शुरू हुई बूंदाबांदी का दौर गुरुवार को भी जारी रहा. लोग सर्दी से बचाव के लिए चाय की चुस्कियों के साथ अलावा का सहारा लेते नजर आए. वहीं हल्की बूंदाबांदी से मावठ नजर आने पर किसानों के चेहरे भी खिले नजर आए. दोपहर बाद बूंदाबांदी तो नहीं हुई, लेकिन उसके बाद शीतलहर चलने लगी. जिससे लोग सर्दी से ठिठुरते नजर आए.

मकराना में झमाझम बारिश...

नागौर के मकराना शहर एवं आसपास के क्षेत्रों में गुरुवार की मध्यरात्रि करीब 12:30 झमाझम बारिश हुई. इससे सर्दी का खासा असर बढ़ गया. साथ ही इन सर्द रातों को खुले आसमान के नीचे अपनी जिंदगी व्यतीत करने वालों के लिए इस बारिश ने खासी मुश्किलें बढ़ा दी. वहीं इस बारिश ने मकराना नगर परिषद की सफाई व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. शहर के कई निचले इलाकों में भी पानी का भराव हो गया.

करीब आधे घंटा तक हुई बारिश ने मकराना शहर को एकदम तर-बतर कर दिया. वहीं इस बारिश के कारण काफी ठंडक बढ़ गई तथा बारिश रुकने के बाद धुंध भी छाने लगी. जिसकी वजह से वाहन चालकों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. हालांकि, जानकार मानते हैं कि यह बारिश फसलों के लिहाज से काफी अच्छी है.

Intro:सूरजगढ़ (झुंझुनू )
अंचल में शीत लहर का दौर शुरू रजाई में भगवान
प्राचीन स्वामी रूपदास मंदिर में रजाई में भगवान
पूजा अर्चना के बाद शयन के दौरान रजाई लगे उड़ाने
भगवान राम का बालक के जैसे होता है लालन-पालन
करीब साढ़े चार सौ वर्षो से चली आ रही परंपरा का निर्वहन
महंत क्रांतिदास महाराज के सानिध्य ने हो रहा निर्वहन Body:एंकर :- झुंझुनू जिले के सूरजगढ़ क्षेत्र में पिछले दो दिनों से सर्दी ने अपना शितम ढहना शुरू कर दिया है। एक ओर सर्दी में जहां में आमजन ठिठुरता दिखाई देने लगा है वही अब इससे भगवान भी अछूता नजर नहीं आ रहा है।

वीओ :- आपको बता दे कि सूरजगढ़ के वार्ड 12 में स्थित स्वामी रूपदास जी का मंदिर सूरजगढ़ कस्बे के प्राचीन मंदिरो में शामिल है इस मंदिर में विराजे भगवान भी शर्दी से ग्रस्त नजर आ रहे है। महंत क्रांतिदास महाराज के सानिध्य में मंदिर के सेवादार ठाकुरजी को सर्दी के मौशम में गर्म पकवान खिलाने के साथ साथ ही रात्री को शयन के दौरान भी ईश्वर को रजाई ओढ़ाकर सुलाने लगे है। महंत क्रांतिदास महाराज ने बताया की इस मंदिर वैषणव संस्कृति की भांति ही ईश्वर के शाकार रूप का पूजन होता है यहां भगवान के बाल रूप की पूजा व पूजन होता है जिस प्रकार एक बच्चे का लालन पालन होता है उसी प्रकार यहां भगवान का लालन पालन किया जाता है। छह ऋतू 12 मास यहां भगवान का पालन भी ऐसे ही किया जाता है। इस मंदिर में यह परंपरा पिछले साढ़े चार सौ वर्षो से निभाई जा रही है।

वीओ :- बीती रात से शुरू हुई बूंदा बांदी का दौर गुरुवार को भी जारी रहा। लोग सर्दी से बचाव के लिए चाय की चुस्कियों के साथ अलावा का सहारा लेते नजर आये। वही हल्की बूंदाबांदी से मावठ नजर आने पर किसानो के चेहरे भी खिले नजर आये। दोपहर बाद बूंदाबांदी तो नहीं हुई लेकिन उसके बाद शीत लहर चलने लगी जिससे लोग शर्दी से ठिठुरते नजर आये।

बाईट :- क्रांतिदास महाराज,महंत स्वामी रूपदास मंदिर सूरजगढ़

बाईट :- दिनेश यादव ,राहगीर सूरजगढ़। Conclusion:
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