सूरजगढ़ (झुंझुनू). बीते दो दिनों से क्षेत्र में सर्दी ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है. एक ओर सर्दी में जहां आमजन ठिठुरता दिखाई देने लगा है तो वहीं अब भगवान भी गर्म व ऊनी कपड़ों में नजर आने लगे हैं.
सूरजगढ़ के वार्ड संख्या 12 में स्थित स्वामी रूपदासजी का मंदिर कस्बे के प्राचीन मंदिरों में शामिल है. इस मंदिर में विराजे भगवान भी ऊनी कपड़ों में नजर आए. महंत क्रांतिदास महाराज के सान्निध्य में मंदिर के सेवादार ठाकुरजी को सर्दी के मौसम में गर्म पकवान खिलाने के साथ साथ ही रात्रि को शयन के दौरान भी प्रभु की प्रतिमा को रजाई ओढ़ाकर शयन कराने लगे हैं.
महंत क्रांतिदास महाराज ने बताया कि इस मंदिर में वैष्णव संस्कृति की भांति ही ईश्वर के शाकार रूप का पूजन होता है. यहां भगवान के बाल रूप की पूजा व पूजन होता है. जिस प्रकार एक बच्चे का लालन पालन होता है, उसी प्रकार यहां भगवान का लालन-पालन किया जाता है. उनका कहना रहा कि 6 ऋतु, 12 मास यहां भगवान का पालन भी ऐसे ही किया जाता है. इस मंदिर में यह परंपरा पिछले साढ़े 450 वर्षों से निभाई जा रही है.
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वहीं बीती रात से शुरू हुई बूंदाबांदी का दौर गुरुवार को भी जारी रहा. लोग सर्दी से बचाव के लिए चाय की चुस्कियों के साथ अलावा का सहारा लेते नजर आए. वहीं हल्की बूंदाबांदी से मावठ नजर आने पर किसानों के चेहरे भी खिले नजर आए. दोपहर बाद बूंदाबांदी तो नहीं हुई, लेकिन उसके बाद शीतलहर चलने लगी. जिससे लोग सर्दी से ठिठुरते नजर आए.
मकराना में झमाझम बारिश...
नागौर के मकराना शहर एवं आसपास के क्षेत्रों में गुरुवार की मध्यरात्रि करीब 12:30 झमाझम बारिश हुई. इससे सर्दी का खासा असर बढ़ गया. साथ ही इन सर्द रातों को खुले आसमान के नीचे अपनी जिंदगी व्यतीत करने वालों के लिए इस बारिश ने खासी मुश्किलें बढ़ा दी. वहीं इस बारिश ने मकराना नगर परिषद की सफाई व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. शहर के कई निचले इलाकों में भी पानी का भराव हो गया.
करीब आधे घंटा तक हुई बारिश ने मकराना शहर को एकदम तर-बतर कर दिया. वहीं इस बारिश के कारण काफी ठंडक बढ़ गई तथा बारिश रुकने के बाद धुंध भी छाने लगी. जिसकी वजह से वाहन चालकों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. हालांकि, जानकार मानते हैं कि यह बारिश फसलों के लिहाज से काफी अच्छी है.