सूरजगढ़ (झुंझुनू ). जिले में हुए निकाय चुनावों में भाजपा को मिली करारी हार के बाद भाजपा नेताओ में जुबानी हमले तेज हो गए है. हार को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया के नेतृत्व पर सवाल उठने शुरू हो गए है. भाजपा को मिली चुनावी हार के बाद मोदी सरकार पार्ट वन में देश के सर्वश्रेष्ठ 25 सांसदों में शामिल रहने वाली झुंझुनू की पूर्व सांसद संतोष अहलावत ने भाजपा जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया को भाजपा की हार का दोषी ठहराते हुए उन पर पार्टी की हार का ठीकरा फोड़ा है.
सूरजगढ़ में पत्रकारों से रूबरू होते हुए पूर्व सांसद अहलावत ने भाजपा जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया को कमजोर, संगठन की समझ ना होने तथा कार्यकर्ताओं में पैठ ना होने का आरोप लगाया है. पूर्व सांसद संतोष अहलावत ने आरोप लगाया है कि झुंझुनूं में भाजपा कांग्रेस के इशारों पर काम कर रही है. पार्टी के कर्मठ और जुझारू कार्यकर्ता को पार्टी से दूर किया जा रहा है. यही कारण है कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद जब से भाजपा जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया ने कार्यभार संभाला है. तब से एक भी चुनाव पार्टी नहीं जीत पाई है. बात चाहे पंचायत समिति सूरजगढ़ में सदस्य और प्रधान के चुनाव की हो या फिर सूरजगढ़ नगरपालिका में पार्षद के चुनाव की. इसके अलावा मंडावा उप चुनाव में हारी भाजपा, निकाय प्रमुख में भी बुरी तरह फेल हो गई है.
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जिलाध्यक्ष की कार्यकुशलता का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि झुंझुनूं नगर परिषद में भाजपा प्रत्याशी को अपने ही पार्टी के पार्षदों को वोट तक भाजपा जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया नहीं डलवा पाए. विधानसभा चुनावों के बाद से हो रहे चुनावों में लगातार हारती आ रही भाजपा में पंचायती राज चुनावों से पूर्व ही भाजपा जिलाध्यक्ष व संगठन में बदलाव की मांग अब उठने लगी है। बहरहाल अब ये आगे देखने वाली बात है की दो माह बाद होने वाले पंचायती राज चुनावों से पूर्व क्या भाजपा संगठन में बदलाव करती है या नहीं.