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मंडावा के चुनावी मैदान में कैलिफोर्निया से MBA का मुकाबला दसवीं पास से...हर किसी की टिकी है नजर

राजनीति में शिक्षा से ज्यादा खेल मतों का होता है, लेकिन मतदाता भी यह जानना चाहता है कि जिसे वह चुनने जा रहा है उसकी खासियत क्या है. चहे शैक्षणिक योग्यता हो या व्यवहार, सामाजिक सरोकार हो या काम का तरीका. एक दफा तो वोटर की नजरों से ये चीजें जरूर गुजरती हैं. आप भी पढ़िए कि मंडावा सीट पर हो रहे उपचुनाव में किस तरह की राजनीतिक बिसात बिछ रही है.

jhunjhunu news, राजस्थान उपचुनाव की खबर
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Published : Oct 2, 2019, 8:20 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 9:56 PM IST

झुंझुनू. मंडावा विधानसभा की रण में भले ही नौ नामांकन वैध पाए गए हैं, लेकिन असली मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के बीच ही है. इसमें भी देखने वाली बात यह है कि कैलिफोर्निया से एमबीए पास आउट कांग्रेस की रीटा चौधरी का मुकाबला भाजपा की दसवीं पास सुशीला सीगड़ा से है. हालांकि, ये दोनों चेहरे वहां के लिए नए नहीं है.

कैलिफोर्निया से MBA का मुकाबला दसवीं पास

बता दें कि रीटा चौधरी ने यूएसए के कैलिफोर्निया स्थित न्यूपोर्ट यूनिवर्सिटी से 1998 में एमबीए किया. वे एमबीए के अलावा दो विषयों में पीजी भी कर रखी हैं. रीटा ने 1995 में राजस्थान विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान व 2000 में अंग्रेजी में स्नातकोत्तर की डिग्री ली है. 46 वर्षीय रीटा चौधरी मंडावा विधानसभा के गांव हेतमसर की रहने वाली हैं और कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष स्व. रामनारायण चौधरी की पुत्री हैं.

पढ़ें : कोटाः विधायक मदन दिलावर ने गांधी जयंती पर सफाई कर्मियों के धोये पैर

10वीं पास हैं भाजपा प्रत्याशी...
वहीं, गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से निष्कासित व अभी भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही सुशीला सीगड़ा झुंझुनू की रानी सती सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 1981 में दसवीं पास हैं. हालांकि वह भी एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं और उनके ससुर बृजलाल सीगड़ा भी प्रधान रहे हैं. उसके बाद कम पढ़ी लिखी होने के बावजूद राजनीतिक विरासत उनकी पुत्रवधू सुशीला सीगड़ा ने संभाला और वे तीन बार प्रधान व एक बार जिला परिषद सदस्य रही हैं.

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मंडावा की राजनीतिक बिसात

सुशीला सीगड़ा के परिवार को कद्दावर जाट नेता शीशराम ओला का नजदीकी माना जाता है. बता दें कि कांग्रेस सरकार ने पंचायत चुनाव में शैक्षणिक योग्यता अभी हाल में हटा दी है और विधानसभा के लिए पहले से ही कोई बाध्यता नहीं रही है. हालांकि, 1981 में दसवीं पास करना आसान नहीं था. वहीं, इन सबके बीच मंडावा सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है और सबकी निगाहें इस सीट पर टिकी है. वहीं दोनों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है.

झुंझुनू. मंडावा विधानसभा की रण में भले ही नौ नामांकन वैध पाए गए हैं, लेकिन असली मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के बीच ही है. इसमें भी देखने वाली बात यह है कि कैलिफोर्निया से एमबीए पास आउट कांग्रेस की रीटा चौधरी का मुकाबला भाजपा की दसवीं पास सुशीला सीगड़ा से है. हालांकि, ये दोनों चेहरे वहां के लिए नए नहीं है.

कैलिफोर्निया से MBA का मुकाबला दसवीं पास

बता दें कि रीटा चौधरी ने यूएसए के कैलिफोर्निया स्थित न्यूपोर्ट यूनिवर्सिटी से 1998 में एमबीए किया. वे एमबीए के अलावा दो विषयों में पीजी भी कर रखी हैं. रीटा ने 1995 में राजस्थान विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान व 2000 में अंग्रेजी में स्नातकोत्तर की डिग्री ली है. 46 वर्षीय रीटा चौधरी मंडावा विधानसभा के गांव हेतमसर की रहने वाली हैं और कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष स्व. रामनारायण चौधरी की पुत्री हैं.

पढ़ें : कोटाः विधायक मदन दिलावर ने गांधी जयंती पर सफाई कर्मियों के धोये पैर

10वीं पास हैं भाजपा प्रत्याशी...
वहीं, गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से निष्कासित व अभी भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही सुशीला सीगड़ा झुंझुनू की रानी सती सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 1981 में दसवीं पास हैं. हालांकि वह भी एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं और उनके ससुर बृजलाल सीगड़ा भी प्रधान रहे हैं. उसके बाद कम पढ़ी लिखी होने के बावजूद राजनीतिक विरासत उनकी पुत्रवधू सुशीला सीगड़ा ने संभाला और वे तीन बार प्रधान व एक बार जिला परिषद सदस्य रही हैं.

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मंडावा की राजनीतिक बिसात

सुशीला सीगड़ा के परिवार को कद्दावर जाट नेता शीशराम ओला का नजदीकी माना जाता है. बता दें कि कांग्रेस सरकार ने पंचायत चुनाव में शैक्षणिक योग्यता अभी हाल में हटा दी है और विधानसभा के लिए पहले से ही कोई बाध्यता नहीं रही है. हालांकि, 1981 में दसवीं पास करना आसान नहीं था. वहीं, इन सबके बीच मंडावा सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है और सबकी निगाहें इस सीट पर टिकी है. वहीं दोनों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है.

Intro:राजनीति में शिक्षा से ज्यादा खेल हालांकि मतों का होता है, लेकिन मतदाता भी यह जानना चाहता जरूर है कि जिसे वह चुनने जा रहा है उनकी शैक्षणिक योग्यता क्या है। हालांकि कांग्रेस सरकार ने पंचायत चुनाव में शैक्षणिक योग्यता अभी हाल में हटा दी है और विधानसभा के लिए पहले से ही कोई बाध्यता नहीं रही है।


Body:झुंझुनू। मंडावा विधानसभा की रण में भले ही नो नामांकन वैध पाए गए हैं लेकिन असली मुकाबला भाजपा व कांग्रेस के बीच ही है। इसमें भी देखने वाली बात यह है की कैलिफोर्निया से एमबीए पास आउट कांग्रेसी रीटा चौधरी का मुकाबला भाजपा की दसवीं पास सुशीला सीगड़ा से है। रीटा चौधरी ने यूएसए के कैलिफोर्निया स्थित न्यूपोर्ट यूनिवर्सिटी से 1998 में एमबीए किया वे एमबीए के अलावा दो विषयों में पीजी भी कर रखी है। उन्हें 1995 में राजस्थान विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में व 2000 मैं अंग्रेजी में स्नातकोत्तर की डिग्री ली है। 46 वर्षीय रीटा चौधरी मंडावा विधानसभा के गांव हेतमसर की रहने वाली है और कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष स्व. रामनारायण चौधरी की पुत्री है।

10वीं पास है भाजपा की प्रत्याशी
वहीं गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से निष्कासित व अभी भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही सुशीला सीगड़ा झुंझुनू की रानी सती सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 1981 में दसवीं पास की है। हालांकि वह भी एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं उनके ससुर बृजलाल सीगड़ा भी प्रधान रहे हैं। उसके बाद कम पढी लिखी होने के बावजूद राजनीतिक विरासत उनकी पुत्रवधू सुशीला सीगड़ा ने संभाली और तीन बार प्रधान व एक बार जिला परिषद सदस्य रही हैं उनके परिवार को कद्दावर जाट नेता शीशराम ओला के नजदीकी माना जाता है।


Conclusion:
Last Updated : Oct 2, 2019, 9:56 PM IST
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