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झुंझुनू: गणतंत्र परेड में शामिल होने के लिए किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च, कही ये बड़ी बात - झुंझुनू में किसानों का प्रदर्शन

झुंझुनू में भी किसान आंदोलन जोर पकड़ रहा है. आगामी गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च की चेतावनी के समर्थन में ट्रैक्टरों के साथ प्रदर्शन किया गया. किसानों ने चेतावनी दी है कि दिल्ली न जाने का मतलब यह नहीं है कि वे किसानों के साथ नहीं है. जरुरत पड़ते ही झुंझुनू से ट्रैक्टरों के साथ रवाना हो जाएंगे.

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किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च
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Published : Jan 9, 2021, 1:15 PM IST

झुंझुनू. किसान आंदोलन के समर्थन में मंडावा के किसानों ने भी ट्रैक्टरों के साथ प्रदर्शन किया. टैक्टर यूनियन के अध्यक्ष बलबीर सिंह ने कहा है कि भले ही राज रूठ गया है, लेकिन राम हमसे राजी हैं. हमारे खेतों में भगवान ने सिंचाई करने भर पानी बरसा दिया है. इसलिए बिना कृषि कानून वापस करवाए हम मानने वाले नहीं हैं. किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले धरती पुत्रों की याद में कैंडल जलाए गए. कलेक्ट्रेट पर किसानों का धरना 26वें दिन बाबूलाल थालार की अध्यक्षता में जारी रहा.

किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च

धरना स्थल पर इंकलाब जिंदाबाद, काले कानून रद्द करो, कॉरपोरेट घरानों को छूट, किसानों की लूट बंद करो, किसान मजदूर एकता जिंदाबाद, संयुक्त किसान मोर्चा जिंदाबाद के नारे लगाए गए. धरने को ट्रेड यूनियन नेता गणपत सिंह, फूलचंद बुडानीय, ओंकारमल कुल्हरी, रामेश्वर शेखसरिया, सहदेव कस्वा, त्रिलोक सिंह, शमशेर सिंह, एडवोकेट बजरंग लाल, रणजीत सिंह, नरेश ढाका, रामचंद्र सिंह, रामनिवास और अजीज अहमद सहित अन्य लोगों ने समर्थन किया.

यह भी पढ़ें: Exclusive: गहलोत के राज में ठगे गए अन्न दाता और युवा, ये failure सरकार है: अजमेर सांसद

यहां भी हुए प्रदर्शन

किसानों के समर्थन में मलसीसर तहसील के किसानों ने एसडीएम कार्यालय के सामने धरना देकर प्रदर्शन किया. साथ ही राष्ट्रपति के नाम एसडीएम शकुंतला चौधरी को ज्ञापन सौंपा. किसानों के धरने को कांग्रेस और कांग्रेस सेवादल ने समर्थन दिया. यहां वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार केवल जुमलेबाजी से सत्ता में बैठी है. सरकार को किसानों की नाराजगी महंगी पड़ेगी.

झुंझुनू. किसान आंदोलन के समर्थन में मंडावा के किसानों ने भी ट्रैक्टरों के साथ प्रदर्शन किया. टैक्टर यूनियन के अध्यक्ष बलबीर सिंह ने कहा है कि भले ही राज रूठ गया है, लेकिन राम हमसे राजी हैं. हमारे खेतों में भगवान ने सिंचाई करने भर पानी बरसा दिया है. इसलिए बिना कृषि कानून वापस करवाए हम मानने वाले नहीं हैं. किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले धरती पुत्रों की याद में कैंडल जलाए गए. कलेक्ट्रेट पर किसानों का धरना 26वें दिन बाबूलाल थालार की अध्यक्षता में जारी रहा.

किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च

धरना स्थल पर इंकलाब जिंदाबाद, काले कानून रद्द करो, कॉरपोरेट घरानों को छूट, किसानों की लूट बंद करो, किसान मजदूर एकता जिंदाबाद, संयुक्त किसान मोर्चा जिंदाबाद के नारे लगाए गए. धरने को ट्रेड यूनियन नेता गणपत सिंह, फूलचंद बुडानीय, ओंकारमल कुल्हरी, रामेश्वर शेखसरिया, सहदेव कस्वा, त्रिलोक सिंह, शमशेर सिंह, एडवोकेट बजरंग लाल, रणजीत सिंह, नरेश ढाका, रामचंद्र सिंह, रामनिवास और अजीज अहमद सहित अन्य लोगों ने समर्थन किया.

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यहां भी हुए प्रदर्शन

किसानों के समर्थन में मलसीसर तहसील के किसानों ने एसडीएम कार्यालय के सामने धरना देकर प्रदर्शन किया. साथ ही राष्ट्रपति के नाम एसडीएम शकुंतला चौधरी को ज्ञापन सौंपा. किसानों के धरने को कांग्रेस और कांग्रेस सेवादल ने समर्थन दिया. यहां वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार केवल जुमलेबाजी से सत्ता में बैठी है. सरकार को किसानों की नाराजगी महंगी पड़ेगी.

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