झुंझुनू. किसानों को मुआवजा दिए बगैर खड़ी फसल के बीच 765 केवी की बिजली लाइन के लिए ट्रांसमिशन टावर लगाने को लेकर विरोध शुरू हो गया है. कई जगह कंपनी प्रतिनिधियों और किसानों के बीच टकराव शुरू हो गया है.
जिसे लेकर किसानों की ओर से जिला कलेक्ट्री पर प्रदर्शन किया गया और हालातों को देखते हुए जिला कलेक्टर में 3 दिन में उपखंड अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है. इसके साथ ही तब तक काम बंद करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
यह है पूरा मामला...
दरअसल, खेतड़ी-बीकानेर के बीच इन दिनों 765 केवी की बिजली लाइन खींची जा रही है. इसके लिए बिजली के खंभे खड़े किए जा रहे हैं. पावर ग्रेड कॉरपोरेशन ने यह काम खेतड़ी-बीकानेर ट्रांसमिशन लिमिटेड कंपनी को दे रखा है. कंपनी की ओर से हाई पावर लाइन के लिए खेतों में बिजली के खंभे खड़े किए जा रहे हैं.
इस कारण किसानों की जमीन ली जा रही है. कंपनी की ओर से किसानों से एग्रीमेंट कर नुकसान का मुआवजा देने का प्रावधान है, लेकिन मुआवजा नहीं मिलने पर किसानों ने अपने खेत में बिजली के खंभे खड़े नहीं करने दे रहे हैं. इस कारण किसानों का विरोध बढ़ रहा है. कंपनी ने एसडीएम से पुलिस इमदाद मांगी है कंपनी बिजली के खंभे लगाने के लिए पुलिस को साथ लेकर किसानों के खेतों में जा रही है.
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इन गांवों में बना है गतिरोध...
जिले के मालपुरा, किशोरपुरा, किठाना, श्योपुरा, जीता का बास के गांव में किसान इसका विरोध कर रहे हैं. कई जगह पुलिस को बुलाना पड़ा. किसानों का कहना है कि जिस किसान की जमीन लेनी है सरकार उसे अधिग्रहित करें उसका मुआवजा दें. उसके बाद बिजली के खंभे लगाए जाएं. प्राइवेट कंपनी किसानों की जबरन जमीन छीनना चाहती है. खेतों में खड़ी फसल को नष्ट कर बिजली के खंभे लगाए जा रहे हैं, जो किसानों को कतई बर्दाश्त नहीं है.