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झुंझुनू में अनिश्चितकालीन धरने पर किसान, कहा- खेती को निजी हाथों में नहीं जाने देंगे

दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन झुंझुनू में भी किसान आंदोलन कर रहे हैं. झुंझुनू से किसानों के जत्थे दिल्ली बॉर्डर की ओर कूच कर रहे हैं. वहीं किसानों और जनवादी संगठनों की ओर से कलेक्ट्रेट पर चल रहा धरना जारी रहा.

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झुंझुनू में किसानों का अनिश्चितकालीन धरना जारी...
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Published : Dec 19, 2020, 3:36 PM IST

झुंझुनू. दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन झुंझुनू में भी किसान आंदोलन कर रहे हैं. झुंझुनू से किसानों के जत्थे दिल्ली बॉर्डर की ओर कूच कर रहे हैं, वहीं किसानों और जनवादी संगठनों की ओर से कलेक्ट्रेट पर चल रहा धरना जारी रहा. इस दौरान किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले काे श्रद्धांजलि दी गई.

किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले काे श्रद्धांजलि...

पढ़ें: बहरोड़: किसान आंदोलन से बढ़ीं मुश्किलें, दिल्ली तक जाने वाले सभी हाईवे जाम...आम जन और उद्यमी परेशान

खेती को निजी हाथों में नहीं जाने देंगे
वक्ताओं ने कहा कि खेती निजी हाथों में चली जाएगी. सरकार के मंसूबे कामयाब नहीं हाेंगे. धरने को कप्तान शुभकरण सिंह महला, फूलचंद बुडानिया, कैप्टन मोहनलाल कैप्टन, माेहम्मद यूनुस रंगरेज, सहदेव कस्वा ने संबाेधित कर कहा कि देश की जनता किसानाें के साथ है. इस दौरान राजेंद्र कस्वा, कप्तान पूरणमल कालेर, सूबेदार रामपाल सिंह हरिपुरा, रामचंद्र सिंह जीसुख का बास, घासीराम दिलोई का बास, जीवनराम कमालसर, रघुवीर सिंह, हनुमानसिंह कमालसर, सूरजभान रायपुर बचन सिंह मालसर, रामेश्वर सिंह शेखसर, इकबाल खान टांई, बबीता, बचनसिंह मीणा, रिसालदार शमशेर सिंह थे.

पढ़ें: कपास का रेट सही नहीं मिलने पर किसानों ने हाईवे किया जाम, एसडीएम-डीएसपी ने खुलवाया सड़क

अब बड़ी सभा का आयोजन
किसान रविवार को कलेक्ट्रेट पर बड़ी सभा का आयोजन करने जा रहे हैं, जिसमें गांव-गांव से लोगों को बुलाने के लिए न्योता भेजा जा रहा है. किसान नेताओं का प्रयास है कि इसमें कृषि बिल के बारे में किसानों को जानकारी दी जाए और जो किसान सहमत हैं उनको दिल्ली की ओर कूच के लिए रवाना किया जाए.

झुंझुनू. दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन झुंझुनू में भी किसान आंदोलन कर रहे हैं. झुंझुनू से किसानों के जत्थे दिल्ली बॉर्डर की ओर कूच कर रहे हैं, वहीं किसानों और जनवादी संगठनों की ओर से कलेक्ट्रेट पर चल रहा धरना जारी रहा. इस दौरान किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले काे श्रद्धांजलि दी गई.

किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले काे श्रद्धांजलि...

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खेती को निजी हाथों में नहीं जाने देंगे
वक्ताओं ने कहा कि खेती निजी हाथों में चली जाएगी. सरकार के मंसूबे कामयाब नहीं हाेंगे. धरने को कप्तान शुभकरण सिंह महला, फूलचंद बुडानिया, कैप्टन मोहनलाल कैप्टन, माेहम्मद यूनुस रंगरेज, सहदेव कस्वा ने संबाेधित कर कहा कि देश की जनता किसानाें के साथ है. इस दौरान राजेंद्र कस्वा, कप्तान पूरणमल कालेर, सूबेदार रामपाल सिंह हरिपुरा, रामचंद्र सिंह जीसुख का बास, घासीराम दिलोई का बास, जीवनराम कमालसर, रघुवीर सिंह, हनुमानसिंह कमालसर, सूरजभान रायपुर बचन सिंह मालसर, रामेश्वर सिंह शेखसर, इकबाल खान टांई, बबीता, बचनसिंह मीणा, रिसालदार शमशेर सिंह थे.

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अब बड़ी सभा का आयोजन
किसान रविवार को कलेक्ट्रेट पर बड़ी सभा का आयोजन करने जा रहे हैं, जिसमें गांव-गांव से लोगों को बुलाने के लिए न्योता भेजा जा रहा है. किसान नेताओं का प्रयास है कि इसमें कृषि बिल के बारे में किसानों को जानकारी दी जाए और जो किसान सहमत हैं उनको दिल्ली की ओर कूच के लिए रवाना किया जाए.

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